रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ-साथ ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा की लिए छाया, ठंडे पेयजल और स्वास्थ्य सेवाओं की भी विशेष व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है ताकि यह रामनवमी शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
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सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
रामनवमी के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, ताकि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मनाया जा सके। उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है, जिनमें अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, मेरठ, कानपुर, चित्रकूट और मिर्जापुर शामिल हैं। जुलूसों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी का इस्तेमाल किया जा रहा है। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
कोलकाता में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी
कोलकाता में 50 से अधिक रामनवमी जुलूसों के लिए 5 हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, जबकि संवेदनशील इलाकों में क्विक रिस्पांस टीम तैनात की गई है। रामनवमी के आयोजन को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच बयानबाजी चल रही है, जिससे राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है।
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बिहार और महाराष्ट्र में भी पुलिस अलर्ट
बिहार में 50 कंपनियां बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और 12 कंपनियां केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात की गई हैं। करीब 7 हजार पुलिस ट्रेनी और होमगार्ड भी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। जुलूसों के रास्तों पर अस्थायी कैमरे लगाए गए हैं और पटना समेत कई जिलों में ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। रामनवमी के मौके पर मुंबई में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की शोभा यात्रा को देखते हुए 13,500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इन तैयारियों का उद्देश्य रामनवमी के पर्व को शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में संपन्न करना है, ताकि श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के अपने धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।