भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'भारत और कनाडा के रिश्तों में दूरी इसलिए आ गई थी, क्योंकि वहां कट्टरपंथी और अलगाववादी गुटों को खुली छूट मिल गई थी। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी भरोसे और संवेदनशीलता के आधार पर इन संबंधों को फिर से मजबूत करेंगे।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है, जब हाल ही में कनाडा में सत्ता बदली है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की जगह अब मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बन चुके हैं। ऐसे में अब भारत और कनाडा के रिश्ते पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भी भारत से संबंध सुधारने की बात कही थी। पीएम पद की शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा था, 'समान विचारधारा वाले देशों के साथ कनाडा अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है और भारत के साथ रिश्तों को फिर से मजबूत करने का मौका है।'
बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके मार्क कार्नी ने 15 मार्च को कनाडा के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
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ट्रूडो के समय भारत-कनाडा के रिश्ते
जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत और कनाडा के रिश्ते बहुत खराब हो गए थे। सितंबर 2023 में ट्रडो ने संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद पिछले साल कनाडाई पुलिस ने भी भारतीय राजनयिकों और एजेंटों के निज्जर हत्याकांड में शामिल होने का दावा किया था। हालांकि, भारत ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है।
कनाडाई पुलिस की रिपोर्ट आने के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में जबरदस्त तनाव आ गया था। इसके बाद भारत ने कनाडा में अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया था। भारत में कनाडा के राजनयिकों को भी वापस भेज दिया गया था। पिछले साल 20 नवंबर को भारत ने कनाडा के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर 18 जून 2023 को गोली मारकर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। निज्जर खालिस्तानी आतंकी था।