आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार पीड़िता के पिता ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रति कड़ा असंतोष जाहिर किया और उनकी जांच रिपोर्ट में विसंगतियों की ओर इशारा किया।
'सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट और सियालदह जिला कोर्ट में दो बिल्कुल अलग रिपोर्ट पेश की है। हम आज हाई कोर्ट में यह बताएंगे कि दो अलग-अलग स्थिति रिपोर्ट पेश की जा रही हैं...यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी उनके सामने प्रस्तुत रिपोर्ट की गंभीरता पर विश्वास नहीं कर सके। हमें सीबीआई पर भरोसा था, लेकिन अब हम सारी उम्मीद खो रहे हैं।'
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CBI पर बड़ा आरोप
उन्होंने कहा कि सीबीआई को उनकी बेटी के बलात्कार और हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के बारे में जानकारी है, लेकिन वह महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रही है, जिससे जांच एजेंसी में उनका विश्वास कम हो रहा है। उन्होंने कहा, 'सीबीआई मेरी बेटी के बलात्कार और हत्या के पीछे के अपराधियों को जानती है, लेकिन वह विवरण का खुलासा नहीं कर रही है...'
उन्होंने इस बारे में भी आशंका जताई कि उनकी बेटी के मोबाइल फोन का संभावित तौर पर गलत अनाधिकृत तरीके से प्रयोग हुआ। उनकी चिंता इस बात को लेकर उपजी है क्योंकि उनकी बेटी के दोस्त ने जानकारी दी थी कि उनकी बेटी को कुछ वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उसके मोबाइल डिवाइस में महत्वपूर्ण सबूत हैं।
ज्युडिशियल प्रोसेस में भी जताया अविश्वास
उन्होंने ज्युडिशियल प्रोसेस में भी अविश्वास जताया और कहा, 'मेरी बेटी के दोस्त दो दिन पहले मेरे पास आए और उन्होंने दिखाया कि किसी ने वनके सामान्य व्हाट्सएप ग्रुप को छोड़ने के लिए उनके फोन को एक्सेस किया है। सीबीआई के पास उसका फोन है, लेकिन वे इसे अपने पास होने से इनकार करते हैं। उसके मोबाइल फोन में सभी सवालों के जवाब हैं। मुझे अब भारतीय न्याय व्यवस्था में किसी पर भी भरोसा नहीं है।'
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में यह घटना 9 अगस्त, 2024 को हुई थी, जब अधिकारियों ने परिसर के भीतर एक सेमिनार रूम में 31 वर्षीय महिला पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद किया था। इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए और लोगों ने आक्रोश जताया और मृतक के लिए त्वरित न्याय की मांग की।
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पुलिस की जांच हुई थी अस्वीकार
कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा स्थानीय पुलिस जांच को अस्वीकार किए जाने के बाद, मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया। इसके बाद, सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिन्हें अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर पर हमला और उसकी हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की। पीड़ित के माता-पिता को सीनियर एडवोकेट करुणा नंदी से कानूनी रिप्रेजेंटेशन मिला।