पहलगाम आतंकी हमले पर दिए बयान पर बवाल मचने के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने अब सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को गलत समझा गया। वाड्रा ने कहा कि उनके बयान को गलत समझा गया, इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस पर सफाई दें। वाड्रा ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि वे भारत के साथ खड़े हैं। वाड्रा ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखकर अपनी सफाई दी है।
वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, 'मैंने कुछ दिन मौन रहकर इंतजार करने का फैसला किया लेकिन इसे खामोशी, उदासीनता या देशभक्ति की कमी न समझा जाए।' उन्होंने लिखा, 'मौन वह पड़ाव है जहां जिम्मेदारी परिपक्व होती है, भावनाएं शांत होती हैं और शब्दों का चयन आवेग के बजाय सावधानी से किया जा सकता है।'
रॉबर्ट वाड्रा ने लिखा, 'पहलगाम में जो आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष लोगों की जान ली गई और उनके परिवार बिखर गए, उसकी मैं कड़ी से कड़ी निंदा करता हूं। मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा।'
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'निर्दोषों के खून बहाने को जायज नहीं ठहरा सकते'
वाड्रा ने लिखा, 'राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक - किसी भी रूप में ऐसा कोई तर्क नहीं है जिसके सहारे निर्दोष-निहत्थे लोगों के विरुद्ध हिंसा को माफ किया जा सके। मेरा मानना है कि किसी भी रूप में आतंकवाद न केवल इंसानों पर बल्कि समूची इंसानियत की आत्मा पर हमला है। यह हर इंसान के भयमुक्त जीवन जीने के बुनियादी अधिकार को खत्म कर देता है।'

उन्होंने कहा, 'निर्दोष लोगों के खून बहाने के कृत्य को जायज ठहराने के लिए कोई भी कारण, कोई भी तर्क उचित नहीं हो सकता।'
महात्मा गांधी की सीख का किया जिक्र
रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पोस्ट में महात्मा गांधी की सीख का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मैं सभी से महात्मा गांधी जी की सीख को याद करने का आग्रह करता हूं - उन्होंने कहा था कि अहिंसा सबसे साहसी विकल्प होता है।'
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किस बयान पर हुआ था विवाद?
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के अगले ही दिन 23 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा ने एक बयान दिया था, जिस पर विवाद हो गया था।
वाड्रा ने कहा था, 'मैं इस हमले की निंदा करता हूं। नागरिकों पर हमला करके मुद्दों का उठाना कायरतापूर्ण तरीका है। धर्म और राजनीति को अलग-अलग रहना चाहिए। उन्होंने लोगों की आईडी देखकर उन्हें मारा, क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत में मुस्लिमों को दबाया जा रहा है। जब तक देश एकजुट और सेक्युलर नहीं होगा, तब तक हमारी कमजोरियों का फायदा हमारे दुश्मन देश उठाते रहेंगे।'