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2 बच्चों के साथ गुफा में मिली रूसी महिला, कैसे जिंदा बचे? सब हैरान

हिंदू धर्म से प्रभावित एक रूसी महिला गुफा में पूजा पाठ और आध्यात्म में जुटी थी। उसके साथ दो बच्चे भी थे। पिछले दो हफ्तों से महिला और उसके बच्चे कैसे जीवित बचे? इसका खुलासा नहीं हो सका है।

Rescue of Russian woman and children from the cave.

बच्चों के साथ गुफा में मिली रूसी महिला। (Photo Credit: Social Media)

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित दुर्गम रामतीर्थ पहाड़ियों पर बनी गुफा में एक रूसी महिला अपने दो बच्चों के साथ मिली है। शनिवार को कर्नाटक पुलिस ने तीनों लोगों को बचाया। आध्यात्मिक प्रवृत्ति वाली 40 वर्षीय रूसी महिला की पहचान नीना कुटीना उर्फ मोही के तौर पर हुई है। वह अपने दो बच्चों- छह वर्षीय प्रेया और 4 साल के अमा के साथ पिछले दो हफ्तों से यहां रह रही थी। एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) के माध्यम से रूसी दूतावास से संपर्क करके महिला और उसके बच्चों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महिला का वीजा साल 2017 में ही खत्म हो चुका है।

 

कर्नाटक की रामतीर्थ पहाड़ियों में बनी यह गुफा कुमता तालुक के पास पड़ती है। यहां का माहौल शांत, लेकिन खतरनाक है। वजह यह है कि गुफा बेहद दुर्गम स्थान पर है। नीना कुटीना बिजनेस वीजा पर भारत आई थी। पहले वह गोवा और बाद में कोकर्ण पहुंची। रूसी महिला भारत की आध्यात्मिक परंपराओं और हिंदू धर्म से काफी प्रभावित है। गुफा के अंदर उसने रुद्र मूर्ति की स्थापना कर रखी थी। नीना का पूरा दिन पूजा-पाठ और ध्यान में बितता था।

 

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कपड़े देख पहुंची पुलिस

पहाड़ी के आसपास भूस्खलन के बाद पुलिस नियमित गश्त में जुटी थी। शुक्रवार को इंस्पेक्टर श्रीधर और उनकी टीम की निगाह गुफा के बाहर फैले कपड़ों पर पड़ी। इसके बाद पुलिस टीम खड़ी ढलान और घनी झाड़ियों के बीच बनी गुफा तक पहुंचे। वहां का नाजरा देख सभी हैरत में पड़ गए। गुफा के अंदर महिला ने एक साधारण घर बना रखा था और अपने दो बच्चों के साथ वहां ठहरी थी। 

 

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उत्तर कन्नड़ जिले के पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने बताया कि हमारी गश्त टीम ने रामतीर्थ पहाड़ी में बनी गुफा के बाहर लटकी साड़ियों और अन्य कपड़ों को देखा। इन्हें सूखने की खातिर फैलाया गया था। पुलिस टीम ने वहां पहुंचने के बाद महिला और दो बच्चों को देखा। इसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया।

 

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कैसे जीवित बचे? एसपी भी हैरान

पुलिस अधीक्षक एम नारायण भी पूरी तरह से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि महिला और उसके बच्चे जंगल में कैसे जीवित रहे, उन्होंने क्या खाया? उन्होंने जानकारी दी कि महिला का वीजा साल 2017 में ही खत्म हो चुका है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि वह देश में कितने समय से रुकी थी। फिलहाल महिला को एक साध्वी के आश्रम में रखा गया। कोकर्ण से बेंगलुरु ले जाने और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी कर दी गई है।

 

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