इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) ने मंगलवार को सीएसडीएस को एक शोकॉज नोटिस जारी करने की बात कहते हुए बताया कि उसके ग्रांट-इन-एड के नियमों की अवहेलना हुई है। उनका आरोप है कि चुनाव के डेटा को गलत ढंग से पेश किया गया।
आईसीएसएसआर ने कहा कि ऐसा संज्ञान में आया है कि आईसीएसएसआर द्वारा वित्त पोषित शोध संस्थान, सीएसडीएस में एक जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति ने मीडिया में बयान दिए थे, जिसे बाद में महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित डेटा विश्लेषण में खामियों का हवाला देते हुए वापस लेना पड़ा। इसके अलावा, संस्थान ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा की गई एसआईआर प्रक्रिया की पक्षपातपूर्ण व्याख्या पर आधारित मीडिया में खबरें प्रकाशित की हैं...
आईसीएसएसआर ने आगे कहा कि सीएसडीएस द्वारा डेटा हेरफेर और भारत के चुनाव आयोग की पवित्रता को कम करने के इरादे से एक नैरेटिव क्रिएट करने की कोशिश की जिसका आईसीएसएसआर गंभीरता से संज्ञान लेता है।
आईसीएसएसआर ने कहा, ' यह ग्रांट-इन एड नियमों का घोर उल्लंघन है, और आईसीएसएसआर संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब सीएसडीएस में चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया और यह दिखाने की कोशिश की कि महाराष्ट्र में अलग-अलग सीटों पर किस तरह से वोटर्स की संख्या अधिकाधिक संख्या में बढ़ी या घटी। हालांकि, बाद में इसे डेटा की गलती बताते हुए डिलीट कर दिया गया, लेकिन सोशल मीडिया पर इसका स्क्रीनशॉट शेयर होने लगा और आईसीएसएसआर ने इसका संज्ञान ले लिया।
उनकी पोस्ट को कांग्रेस ने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों को साबित करने के लिए सबूत के रूप में पेश किया जाने लगा, लेकिन बाद में सीएसडीएस ने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया।
ICSSR बोला- संविधान सर्वोपरि
आगे आईसीएसएसआर ने कहा कि संविधान ही सर्वोच्च है। भारत का चुनाव आयोग सबसे ऊंची संवैधानिक संस्था है जो कि दशकों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में फ्री और फेयर चुनाव कराती है।
वोट चोरी का आरोप
बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी आजकल लगातार वोट चोरी का मुद्दा उठा रहे हैं और बीजेपी को लगातार घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वह आंकड़े भी पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को लेकर चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखने की कोशिश की थी और उनसे एफिडेविट फाइल करने को कहा था।
बीजेपी ने साधा निशाना
भाजपा ने विपक्ष को कमज़ोर करने का मौका भुनाया। पार्टी के आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'इससे राहुल गांधी और कांग्रेस का क्या होगा, जिन्होंने बेशर्मी से चुनाव आयोग पर निशाना साधा और असली मतदाताओं को नकली बताने की हद तक चले गए? शर्मनाक।'
उन्होंने गांधी से माफ़ी मांगने की मांग की और कहा कि जिस संस्था पर उन्होंने भरोसा किया था, उसने अपने आंकड़े ग़लत माने हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही 'वोट चोरी' के आरोपों को 'निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया है और मांग की है कि गांधी या तो शपथ लेकर सबूत पेश करें या देश से माफ़ी मांगें।