अरब सागर के ऊपर बना इस साल का पहला समुद्री तूफान शुक्रवार को चक्रवात शक्ति में बदल गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि यह अरब सागर में मानसून के बाद का पहला चक्रवाती तूफान है। श्रीलंका ने इसे साइक्लोन शक्ति नाम दिया है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में यह चक्रवात गुजरात के द्वारका से लगभग 250 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि यह एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। साइक्लोन शक्ति का असर मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में दिखेगा। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, 5 अक्टूबर तक महाराष्ट्र के तटों पर समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं। साइक्लोन की तीव्रता के आधार पर हवा की रफ्तार 65 किमी और इससे ज्यादा भी हो सकती है। चक्रवात शक्ति के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने महाराष्ट्र में 3 से 7 अक्टूबर तक हाई अलर्ट जारी कर दिया है। तटीय जिलों में यह चक्रवात तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है।
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तेज रफ्तार से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार, 3 से 5 अक्टूबर के बीच उत्तर महाराष्ट्र के तटों पर 45-55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। हवाओं की रफ्तार कुछ जो कुछ जगहों पर 65 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं। समुद्र में ऊंची लहरें उठने की वजह से तटीय क्षेत्रों में खतरा बढ़ सकता है हवाओं की गति बढ़ने की भी आशंका है। प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है।
7 अक्टूबर तक चेतावनी
यह चक्रवात 5 अक्टूबर तक उत्तर के मध्य भागों और उससे सटे मध्य अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है। यह वेदर सिस्टम एक गंभीर चक्रवात का रूप ले लेगा लेकिन मौसम विज्ञानियों का मानना है कि गुजरात के समुद्र तट के पास पहुंचने से पहले यह काफी कमजोर हो जाएगा। गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश की उम्मीद है लेकिन भारत में इसका कोई बड़ा असर होने की आशंका नहीं है। मौसम विभाग ने 7 अक्टूबर तक भारत में इस चक्रवात का असर रहने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने गुजरात में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बारिश का अलर्ट
इस तूफान को कारण सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा कि तूफान का रास्ता भारतीय भूभाग से अलग है। इसका सीधा असर जमीन पर नहीं पड़ेगा लेकिन समुद्र में उथल-पुथल बनी रहेगी। मछुआरों को समुद्र में ना जाने की अपील की गई है। 3 और 4 अक्टूबर तक महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और तूफान आने की संभावना है।
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महाराष्ट्र सरकार ने जारी किया अलर्ट
महाराष्ट्र सरकार ने इस चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए चेतावनी जारी की है। आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल को सक्रिय कर दिया गया है और तटीय व निचले इलाकों के लिए निकासी योजनाओं की समीक्षा की जा रही है। सरकार और प्रशासन अलर्ट पर है।