विवादित वीडियो बनाने के मामले में गिरफ्तार हुईं शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि शर्मिष्ठा को जांच में सहयोग करना होगा और जांच के दौरान वह देश छोड़कर नहीं जा सकती हैं। शर्मिष्ठा पनोली पर आरोप है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी। कोलकाता की पुलिस ने शर्मिष्ठा को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था।
हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा को जमानत देते हुए कहा कि उन्हें 10 हजार रुपये का सिक्योरिटी बॉन्ड जमा कराना होगा। अदालत ने शर्मिष्ठा को निर्देश दिए हैं कि वह जांच में सहयोग करें और भारत छोड़कर न जाएं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाए।
3 जून को खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले, 3 जून मई को भी शर्मिष्ठा पनोली का मामला हाई कोर्ट गया था। तब हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था। तब हाई कोर्ट के जज पार्थ सारथी चटर्जी ने कहा था, 'हमारे पास बोलने की आजादी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाएं। हमारा देश विविधतापूर्ण देश है। यहां के लोग अलग-अलग धर्म, जाति और समुदाय के हैं। हमें कुछ कहते हुए संवेदनशील होना चाहिए।'
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क्यों हुई थी गिरफ्तारी?
कानून की पढ़ाई कर रही शर्मिष्ठा पनोली सोशल मीडिया पर वीडियो भी बनाती हैं। उनके कई वीडियो वायरल हुए जिनमें वह धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करती थीं। मामला चर्चा में आने के बाद शर्मिष्ठा ने अपने वीडियो हटा लिए थे और माफी भी मांगी थी। उनके खिलाफ 15 मई को एफआईआर दर्ज कराई गई थी और अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया था। इसी एफआईआर के बाद 30 मई को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया था।
किसने दर्ज करवाया था केस?
दरअसल, शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की वजह रशीदी फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी वजाहत खान की शिकायत है। वजाहत खान ने अपनी शिकायत में आरोप लगाए थे कि शर्मिष्ठा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करके धार्मिक भावनाओं का आहत किया है। कुछ दिनों बाद यह खबर भी आई थी कि शिकायत दर्ज कराने वाले वजाहत खान लापता हो गए हैं।
अब वजाहत खान के खिलाफ भी उनके बयानों को लेकर गुवाहाटी और दिल्ली में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। आरोप है कि वजाहत ने हिंदू देवी-देवताओं, त्योहारों और परंपराओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है।