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कैसे हुआ एयर इंडिया हादसा, नकली फ्लाइट टेस्टिंग से क्या पता चला?

एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने एक नकली फ्लाइट टेस्टिंग की। इसमें हादसे वाली परिस्थितियों का अध्ययन किया गया। जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। हालांकि यह आधिकारिक जांच से अलग था।

AI Generated Image of Air India.

एयर इंडिया। ( AI Generated Image)

अहमदाबाद प्लेन हादसे को लगभग 20 दिन बीत चुके हैं। अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि हादसा क्यों हुआ था? सरकार के अलावा एयर एंडिया भी मामले की जांच कर रही है। इस बीच एक सिम्युलेशन फ्लाइट के माध्यम से सीन को रीक्रिएट किया गया। इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटना के वक्त जहाज जिस हालात में था, एयर इंडिया के पायलटों ने सिम्युलेटर का इस्तेमाल दोबारा वैसा ही सीन रीक्रिएट किया। इसमें आगे झुके लैंडिंग गियर और विंग फ्लैप की स्थिति ठीक वैसे ही रखी गई। इसमें सामने आया है कि सिर्फ लैंडिंग गियर और विंग फ्लैप हादसे की वजह नहीं हो सकते हैं। अब जांचकर्ताओं का ध्यान मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल फेल्योर पर फोकस हो चुका है।

 

जांच सामने आया है कि उड़ान के दौरान विमान विंग फ्लैप और स्लैट पूरी तरह से फैले थे। इसके बावजूद विमान हादसे का शिकार हो गया। डेटा से जुड़े दो अन्य लोगों ने बताया कि पायलट के मेडे डिस्ट्रेस कॉल भेजने और हादसे के बीच सिर्फ 15 सेंकड का अंतर था।

 

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हादसे से पहले एक्टिव हुआ था टरबाइन

जांच में यह भी सामने आया है कि विमान में लगा आपातकालीन पावर टरबाइन हादसे से कुछ सेंकड पहले एक्टिव हुआ था। माना जाता है कि यह टरबाइरन बिजली की आपूर्ति बाधित होने पर ही सक्रिय होता है। मगर इसमें इतनी ताकत नहीं होती है कि वह विमान को हवा में रोक सके। यह सिर्फ जरूरी सिस्टम को ही बिजली सप्लाई कर सकता है। 

जांच से अलग की गई नकली उड़ान 

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) विमान हादसे की आधिकारिक जांच कर रहा है, जबकि एयर इंडिया ने नकली उड़ान का आयोजन अलग से किया है। इसका उद्देश्य विमान हादसे के संभावित कारणों का पता लगाना है। नाम न बताने पर जांच से जुड़े एक शख्स ने बताया कि यह हर संभावना का पता लगाने की कोशिश है।  

अभी जारी नहीं हुआ ब्लैक बॉक्स का डेटा

हादसे के वीडियो देखने के बाद कुछ पायलटों का कहना है कि लैडिंग गियर आगे की तरफ झुका था। इससे यह पता चलता है कि उन्हें वापस खींचा जा रहा था लेकिन गियर के दरवाजे नहीं खुले। विशेषज्ञों के मुताबिक यह हाइड्रोलिक फेलियर या पावर लॉस का संकेत हो सकता है। बता दें कि विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। अभी फ्लाइट डेटा और कॉकपिट ऑडियो जारी नहीं किया गया है। इसके अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है।

 

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जांच में बोइंग कर रही मदद

12 जून की दोपहर एयर इंडिया AI171 विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही हादसे का शिकार हो गया था। हादसे में 141 यात्रियों की जान गई थी। सिर्फ एक यात्री ही जिंदा बचा है। एयर इंडिया का यह विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर था। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के दो इंजन लगे थे। जांच में बोइंग और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड भी भारतीय एजेंसी की मदद कर रहा है।  

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