कर्मचारी चयन आयोग (SSC) परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवादों के बीच आयोग के अध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन का बयान सामने आया है। उन्होंने परीक्षा में गड़बड़ी के सभी आरोपों को खारिज किया है और साथ ही विरोध प्रदर्शनों के लिए कोंचिंग सेंटर्स को जिम्मेदार बता दिया। यह भी स्पष्ट किया कि आयोग की जिम्मेदारी केवल परीक्षा आयोजित करने तक ही सीमित है। गौरतलब है कि SSC पर परीक्षा के दौरान धांधली के आरोप लगाए गए थे।
बता दें कि जुलाई 2025 से पहले परीक्षा कराने की जिम्मेदारी TCS के पास थी, जो अब एडुक्विटी नाम की संस्था को दी गई है। ऐसा आरोप है कि एडुक्विटी पर पहले भी परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए जा चुके हैं।
एस. गोपालकृष्णन ने यह साफ किया कि 24 जुलाई को कुछ अभ्यर्थियों के साथ जो समस्या हुई थी उसे दूर कर लिया गया है। उन्होंने यह भरोसा भी दिया कि जिन लोगों के साथ परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ियां हुई उनकी परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी।
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194 सेंटर पर हुई थी परीक्षा
गोपालकृष्णन ने बताया, 'परीक्षा में कुल 5.5 लाख बच्चे शामिल हुए थे। कुल 194 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित हुई थी जिसमें से 2-3 जगहों पर बग के वजह से समस्या आई थी जिसे सुधार लिया गया है। 6-8 अगस्त को स्टेनोग्राफर की परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आई थी।'
उन्होंने आगे बताया कि पहले परीक्षाएं पूरी तरह से TCS के जिम्मे थीं पर अब कई दूसरी एंजेसियां इसके लिए काम कर रही है। आपको बता दें कि जुलाई के बाद से 4 एजेंसियों को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई है और अध्यक्ष का कहना है कि ऐसा करने का कारण पारदर्शिता बहाल करना है।
कोचिंग सेंटर पर आरोप लगाया
एस. गोपालकृष्णन ने हो रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए पूरी तरह से प्राइवेट कोंचिंग सेंटर को जिम्मेदार माना है। उनका कहना है कि ये संस्थाएं अभ्यर्थियों के वास्तविक हितों को छोड़कर अपना व्यवसायिक फायदा देख रही हैं।
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पेपर लीक पर क्या बोले SSC चेयरमैन?
पेपर लीक मामलों के आरोपों के बीच उन्होंने साफ किया कि इस तरह के आरोप गलत हैं। 2018 के बाद से पेपर लीक के मामले नहीं आए हैं और परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से किए गए हैं। आधार वेरीफिकेशन सिस्टम लागू करने के बाद से रजिस्ट्रेशन में कम हुआ है जिससे धांधलियों में भी कमी आई है।
अब EY को एजेंसी की ऑडिट की जिम्मेदारी दी गई है। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि तकरीबन 5% लोगों को ही परीक्षा के समय दिक्कत हुई थी। इन अभ्यर्थियों के लिए फिर से पेपर करवाए जाने की व्यव्स्था की जाएगी।