तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को इंडिया गठबंधन के दलों द्वारा शासित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिए विधेयकों पर निर्धारित समयसीमा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भेजे गए राष्ट्रपति के संदर्भ का विरोध करने का अनुरोध किया है। साथ ही स्टालिन ने एक समन्वित कानूनी रणनीति की वकालत की है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, 'यह सभी जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के परामर्श क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल तब नहीं किया जा सकता है, जब संबंधित मुद्दे पर पहले से ही कोर्ट द्वारा फैसला लिया जा चुका हो।' उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद भी बीजेपी सरकार ने संदर्भ मांगने के लिए जोर दिया है, जो उनके भयावह इरादे की ओर इशारा करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूछे थे सवाल
दरअसल, स्टालिन का पत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 13 मई को 14 सवाल पूछे जाने के कुछ दिनों बाद आया है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 अप्रैल को दिए गए फैसले की संवैधानिकता और पहुंच से संबंधित हैं। इसमें राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए राज्य विधानसभाओं द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने की समय सीमा निर्धारित की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्यपाल आर एन रवि के खिलाफ राज्य विधानसभा के कई विधेयकों पर रोक लगाने और उन्हें विचार के लिए राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए दायर याचिका पर आधारित था।
केंद्र सरकार कर रही निर्णय को अस्थिर करने का प्रयास
स्टालिन ने कहा, 'बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस निर्णय को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, जिसे अन्य राज्य एक अड़ियल राज्यपाल का सामना करने पर एक मिसाल के रूप में लागू कर सकते हैं। अपनी चाल के पहले चरण के रूप में बीजेपी सरकार ने राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष संदर्भ लेने की सलाह दी है।'
सीएम स्टालिन ने किया अनुरोध
सीएम स्टालिन ने गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मांगे गए इस संदर्भ का विरोध करने का अनुरोध किया। सीएम स्टालिन ने 17 मई को लिखे पत्र में कहा, 'हमें न्यायालय के समक्ष एक समन्वित कानूनी रणनीति अपनानी चाहिए और संविधान के मूल ढांचे को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए एक संयुक्त मोर्चा प्रस्तुत करना चाहिए, जैसा कि हमारे सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक निर्णय (तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल) में बरकरार रखा है।'
उन्होंने कहा, 'मैं इस जरूरी मुद्दे में आपके तत्काल और व्यक्तिगत हस्तक्षेप की आशा करता हूं।' पश्चिम बंगाल के अलावा, स्टालिन ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, केरल, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।