उद्योगपति संजय कपूर की मौत के बाद उनकी संपत्ति का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच चुका है। अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों ने अपने दिवंगत पिता की लगभग 30 हजार करोड़ की संपत्ति में हिस्सेदारी से जुड़ी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की। याचिका में बच्चों ने अपनी सौतेली मां पर वसीयत में जालसाजी का आरोप लगाया है और अदालत से अंतरिम राहत की अपील की।
अदालत ने करिश्मा कपूर के 20 वर्षीय बेटी समायरा कपूर और 15 साल के बेटे की याचिका को पंजीकृत कर लिया है। प्रिया कपूर को नोटिस भी जारी किया है। 9 अक्तूबर को अगली सुनवाई होगी। बुधवार को न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने 12 प्रिया कपूर को अपने जवाब के साथ सभी ज्ञात चल और अचल संपत्ति की सूची दाखिल दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
संजय कपूर की मां ने भी अदालत में वसीयत को चुनौती दी। उनका तर्क है कि न तो संजय और न ही प्रिया ने कभी वसीयत का जिक्र किया। उनका आरोप है कि प्रिया का आचरण यह दिखात है कि कथित वसीयत उन्होंने ही तैयार की है।
यह भी पढ़ें: 'जान वापस आ गई', नेपाल से लौट रहे भारतीयों ने क्या बताया?
'जल्दबाजी में पढ़ी गई वसीयत'
अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अदालत में करिश्मा कपूर के बच्चों का पक्ष रखा। इसमें उन्होंने तर्क दिया कि वसीयत जल्दबाजी में पढ़ी गई। ट्रस्ट डीड को रोक दिया गया और वसीयत से जुड़ी परिस्थितियां संदिग्ध हैं। यह भी कहा कि परिवार को कभी वसीयत की जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि वसीयतकर्ता ने भी माना कि उन्हें इसके बारे में एक दिन पहले ही पता चला। वसीयत अपंजीकृत है। इसमें बच्चों के जिक्र के बगैर ताज होटल में जल्दबाजी में पढ़ी गई। इसका खुलासा परिवार के एक कर्मचारी दिनेश अग्रवाल ने किया। इससे और भी संदेह पैदा होता है।
'1900 करोड़ मिल चुके, और क्या चाहिए'
संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने पक्ष रखा और कहा कि मुकदमा विचारणीय नहीं है। प्रिया कपूर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि करिश्मा कपूर के दोनों बच्चों को पारिवारिक ट्रस्ट से 1,900 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। उन्हें और क्या चाहिए?' करिश्मा कपूर के बच्चों का आरोप है कि प्रिया कपूर ने वसीयत में जालसाजी की, ताकि संपत्ति पर पूर्ण नियंत्रण हासिल किया जा सके।
प्रिया कपूर के वकील ने तर्क दिया, 'किसी को सड़क पर नहीं छोड़ा गया है। अदालत के सवाल पर वकील ने बताया कि वसीयत पंजीकृत नहीं है, लेकिन यह अमान्य भी नहीं है। अपंजीकृत होने से इसकी प्रकृति खत्म नहीं होती। एक निर्णय है, जो कहता है कि अपंजीकृत होने से इसकी वैधता समाप्त नहीं होती। जब मैं वसीयत तैयार करूंगा तो मेरी पत्नी को यह जांचने का अधिकार होगा कि क्या यह संदिग्ध प्रकृति की है या नहीं। यह सब रोना-धोना चल रहा है। मुकदमे से 6 दिन पहले वादी को ट्रस्ट से 1900 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्हें और क्या चाहिए?'
मैं संजय कपूर की विधवा हूं: प्रिया
अपने वकील के माध्यम से प्रिया कपूर ने कहा कि करिश्मा के साथ तलाक की प्रक्रिया कड़वी रही है। सुप्रीम कोर्ट में इसका निर्णय हुआ। कृपया मृतक की आत्मा के प्रति संवेदना रखें। मेरा (प्रिया) एक 6 साल का बच्चा है। मैं विधवा हूं। मैं उसकी आखिरी पत्नी हूं। आप (करिश्मा) पिछले 15 सालों से कहीं नजर नहीं आईं। यह भी नहीं है कि ये लोग सड़क पर हैं।
मेरे पास कुछ नहीं बचा: संजय कपूर की मांग
उद्योगपति संजय कपूर की मां ने भी वसीयत को चुनौती दी और अदालत से कहा, 'आज मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैंने वसीयत के बारे में कम से कम 15 ईमेल लिखे हैं, दस्तावेज क्या हैं? एक शब्द भी नहीं बताया गया। मुझे बताया गया है कि मेरे ईमेल लीक हो गए हैं। यह बहुत ही अपवित्र है। 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति मेरी होनी चाहिए थी। मैं 80 साल की हूं। मैं कहीं की नहीं हूं। सबकुछ खत्म हो चुका है। प्रिया के शादी के तीन महीने के भीतर सब कुछ खत्म हो गया। मेरा बेटा आज मेरे सिर पर छत के बिना छोड़ गया है।'