सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना, विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, निशांत जगदीश तंवर और सोनाली ठक्कर को बिना शर्त मांफी मांगने का निर्देश दिया है। ये लोग समय रैना विवादित शो 'इंडिया गॉट लेटेंट' में जज के तौर पर शामिल हुए थे। कोर्ट ने कहा कि अपने यूट्यूब चैनल पर ये लोग बिना शर्त माफी मांग लें। इन लोगों ने दिव्यांग लोगों पर भद्दी टिप्पणी की थी, जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई है।
समय रैना और 4 अन्य कॉमेडियन ने दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मजाक के अंदाज को फूहड़ और असंवेदनशील माना है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच SMA क्योर फाउंडेशन की ओर से दायर याचिका पर यह टिप्पणी की है। इस संस्था की ओर से सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह कोर्ट में पेश हुई थीं। उन्होंने मांग की थी कि किसी भी कीमत पर दिव्यांगों का मजाक न उड़ाया जाए।
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सजा क्या मिलेगी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में कॉमेडियन्स को दी जाने वाली सजा पर फैसला होगा। जस्टिस कांत ने कहा कि पश्चाताप का स्तर अपराध से ज्यादा होना चाहिए, ताकि गलती सुधारी जा सके। कॉमेडियन्स कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने उन्हें उन्हें अगली सुनवाइयों में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से राहत दी है।
सरकार का क्या रुख है?
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों को रोकने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइंस पेश करेंगे लेकिन पूरी तरह से बोलने पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
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कॉमेडियन्स ने मांग ली माफी
सीनियर वकील अपराजिता सिंह ने बताया कि कॉमेडियन्स ने माफी मांग ली है और उनमें अब बेहतर समझ आ गई है। कॉमेडियंस ने दिव्यांग लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। एक दिव्यांग कंटेंस्टेंट से अभद्र सवाल भी पूछे थे।
सुप्रीम कोर्ट:-
मजाक जीवन का हिस्सा है, लेकिन दूसरों की गरिमा को ठेस पहुंचाकर मजाक नहीं किया जा सकता।
'कमाई के लिए ऐसी हरकतें खराब'
जस्टिस बागची ने कहा कि कुछ सो-कॉल्ड इन्फ्लुएंसर्स अपनी कमाई के लिए ऐसी हरकतें करते हैं, जो समाजिक भावना के लिए ठीक नहीं हैं। जस्टिस कांत ने कहा कि कॉमेडियन्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर माफी मांगनी चाहिए और दिव्यांगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आईटी एक्ट के तहत सजा होनी चाहिए। यह मामला तीन याचिकाओं से जुड़ा है।