आरोप और SIT का गठन; अनंत अंबानी के वंतारा की जांच क्यों होगी?
देश
• NEW DELHI 26 Aug 2025, (अपडेटेड 26 Aug 2025, 10:52 AM IST)
मुकेश अंबानी के बेटे वंतारा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्यों की एक SIT बनाई है। यह SIT 12 सितंबर तक कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
रिलायंस फाउंडेशन के वंतारा ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उनकी जांच अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसकी जांच के लिए एक SIT का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने यह आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश वंतारा के खिलाफ दाखिल दो याचिकाओं पर लिया है।
यह SIT सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर की अगुवाई में काम करेगी। इस SIT में चार सदस्य होंगे।
वंतारा पर कई आरोप लगे हैं। इनमें भारत और विदेशों से जानवरों खासकर हाथियों की अवैध खरीद के आरोप भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि आमतौर पर इस तरह की याचिकाएं समय रहते खारिज की जानी चाहिए, क्योंकि यह याचिकाएं मीडिया, सोशल मीडिया और NGO की शिकायतों पर आधारित हैं, जिनका कोई ठोस सबूत नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी माना कि इन आरोपों की स्वतंत्र जांच होना भी जरूरी है।
जानवरों की देखभाल और पुनर्वास के लिए रिलायंस फाउंडेशन ने वंतारा की स्थापना की थी। मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने इसे शुरू किया था। यह गुजरात के जामनगर में है। यह तीन हजार एकड़ में है, जिसे जंगल की तरह बनाया गया है। यहां 43 प्रजातियों के 2 हजार से ज्यादा जानवर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल मार्च में वंतारा का उद्घाटन किया था।
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क्या है पूरा मामला?
बीते महीने महाराष्ट्र के कोल्हापुर की हथिनी माधुरी (महादेवी) को वंतारा ले जाया गया था। इसका काफी विरोध हुआ था।
इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट में वंतारा के खिलाफ दो याचिकाएं दायर हुई थीं। एडवोकेट सीआर जया सुकिन की ओर से दायर इन याचिकाओं में वंतारा के कामकाज को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम पर देश-विदेश से जानवरों को तस्करी कर वंतारा लाया गया था। इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि हाथियों को मंदिरों और उनके मालिकों को जबरदस्ती लाया गया है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप भी लगाया गया था।
याचिका में मांग की गई थी कि बंदी हाथियों को उनके मालिकों को लौटाया जाए। साथ ही सभी जानवरों और पक्षियों को छोड़ने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाए।
An effort like Vantara is truly commendable, a vibrant example of our centuries old ethos of protecting those we share our planet with. Here are some glimpses… pic.twitter.com/eiq74CSiWx
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकों को 'पूरी तरह से अस्पष्ट' बताया था। सोमवार को जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि इस तरह की 'अप्रमाणित आरोपों' पर आधारित याचिका को तत्काल खारिज किया जाना चाहिए, फिर भी इनकी सत्यता की स्वतंत्र जांच जरूरी है।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए एक SIT गठित की है। इसके अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर होंगे। उनके अलावा इस SIT में उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस (रिटायर्ड) राघवेंद्र चौहान, मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर हेमंत नगराले और पूर्व IRS अधिकारी आशीष गुप्ता होंगे।
SIT के गठन का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इसका काम सिर्फ तथ्यों की पड़ताल करना है, ताकि अदालत को वास्तविक स्थिति का पता चल सके। कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच से कोर्ट को आदेश देने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ कोर्ट ने यह भी साफ किया कि SIT बनाने का मतलब यह नहीं है कि याचिका में लगाए गए आरोपों पर अदालत कोई राय जाहिर करती है।
वंतारा ने क्या कहा है?
इस मामले पर एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए वंतारा ने कहा है, 'वंतारा पारदर्शिता, करुणा और कानून के पालन के प्रति समर्पित है। हमारा मिशन अभी भी जानवरों के रेस्क्यू, उनके पुनर्वास और उनकी देखभाल पर केंद्रित है। हम इस मामले में SIT का पूरा सहयोग करेंगे और अपना काम जारी रखेंगे। साथ ही, हम जानवरों के हित को हमेशा आगे रखेंगे। हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया में अनुमान न लगाए जाएं।'
Vantara releases a statement on the appointment of SIT by the Supreme Court.
— ANI (@ANI) August 26, 2025
"We acknowledge the order of the Supreme Court with utmost regard. Vantara remains committed to transparency, compassion and full compliance with the law. Our mission and focus continues to be the…
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SIT किस बात की जांच करेगी?
- भारत और विदेशों से जानवरों, खासकर हाथियों को कैसे लाया गया था?
- वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) ऐक्ट 1972 और चिड़ियाघरों के लिए बने नियमों का पालन हुआ या नहीं?
- जानवरों की खरीद के लिए CITES और आयात-निर्यात नियमों का पालन हुआ या नहीं?
- जानवरों की देखभाल, पशु-चिकित्सा, जानवरों के कल्याण से जुड़े मानक, उनकी मौत और उसके कारणों की जांच।
- इस बात की जांच करेगी कि चिड़ियाघर और जानवरों के रहने की जगह किसी औद्योगिक इलाके के पास है या नहीं?
- प्राइवेट कलेक्शन, ब्रीडिंग, जैव विविधता, संसाधनों के उपयोग, पानी और कार्बन क्रेडिट के दुरुपयोग के आरोपों की जांच होगी।
- जानवरों और उनके अंगों के व्यापार, तस्करी और अलग-अलग कानूनों के उल्लंघन के आरोपों की जांच करेगी।
- वित्तीय अनियमितता और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों की जांच की जाएगी। इसके अलावा याचिकाओं से जुड़े सभी मुद्दों की जांच भी होगी।
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आगे क्या होगा इस मामले में?
सुप्रीम कोर्ट में अपने 9 पन्नों के आदेश में कहा कि इन शिकायतों की जांच करते समय SIT याचिकाकर्ताओं, अधिकारियों, नियामकों और पत्रकारों समेत किसी भी व्यक्ति से जानकारी मांग सकती है।
कथित आरोपों की जांच के दौरान SIT वंतारा का दौरा भी करेगी। इसके बाद 12 सितंबर तक कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस मामले में अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।
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