4 पीढ़ी से रह रहे, टैक्स दिया, अब 150 परिवारों की जमीन पर वक्फ का दावा
देश
• VELLORE 15 Apr 2025, (अपडेटेड 15 Apr 2025, 4:20 PM IST)
तमिलनाडु में 150 परिवारों की जमीनों पर वक्फ ने दावा ठोंक दिया है। इन परिवारों का कहना है कि वे 4 पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं और टैक्स का भी पेमेंट किया है।

गांव की प्रतीकात्मक तस्वीर
वक्फ बिल को लेकर देश में चल रहा विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। वक्फ बिल पारित होने के बाद से ही तमाम मुस्लिम संगठनों ने पूरे देश में जगह जगह पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित बंगाल रहा जहां मुर्शिदाबाद में हिंसा इतनी बढ़ी कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पथराव किया। बढ़ते बढ़ते यह आग इतनी बढ़ी कि हिंदू कम्युनिटी के लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा।
वक्फ कानून को लेकर विरोध हो रहा है लेकिन इसे कानून बनने के पहले भी तमाम ऐसे मामलों ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था जिसमें गांव के गांव की जमीनों पर वक्फ ने अपना दावा ठोंक दिया था। इस मुद्दे ने वहीं से तूल पकड़ना शुरू किया। इस तरह की घटनाएं दक्षिण भारत के कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में काफी देखने को मिलीं। अब इसी हिंसा के बीच तमिलनाडु से फिर एक खबर आ रही है कि वेल्लोर के कट्टूकोल्लई गांव के 150 परिवारों का कहना है कि उन्हें एक नोटिस दी गई है जिसमें उनकी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः 'आंखें निकाल लेंगे,' वक्फ पर TMC सासंद की धमकी, BJP ने TMC को घेरा
4 पीढ़ियों से रह रहे
हिंदू मुन्नानी के एक पदाधिकारी प्रवीण कुमार कहते हैं, 'कट्टुकोल्लई गांव के करीब 150 ग्रामीणों को विरिंचीपुरम की सैयद अली मस्जिद से एक नोटिस मिला है। नोटिस में दावा किया गया है कि गांव की जमीन वक्फ की संपत्ति है...कट्टुकोल्लई में 4 पीढ़ियां रह रही हैं, उन्होंने अपना टैक्स भी चुकाया है। हम कलेक्टर से मिले और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि जमीन सरकार की है और वक्फ की संपत्ति नहीं है।'
हिंदू मुन्नानी के एक अन्य पदाधिकारी महेश कहते हैं, 'वक्फ विधेयक हाल ही में पारित हुआ है और अचानक उन्होंने जमीन के लिए टैक्स मांगना शुरू कर दिया है। वेल्लोर में कई ग्रामीण इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।'
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन रजिस्टर्ड है और वे वॉटर टैक्स का भी भुगतान कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें नोटिस भेज दिया गया है।
#WATCH | Vellore, Tamil Nadu: Around 150 families in Kattukollai village claim to have received notices declaring their land as Waqf property. pic.twitter.com/IG677NBjiC
— ANI (@ANI) April 15, 2025
‘जमीन का किराया चाहिए’
एफ. सैयद साथम, मुतवल्ली, किलांडल (नवाब) मस्जिद और हजरत सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह, विरिंचीपुरम कहते हैं, 'मैंने वहां रहने वाले ग्रामीणों को नोटिस दिया है। मेरे पास हमारे वक्फ से संबंधित सभी रिकॉर्ड हैं। यह दर्शाता है कि 1954 से, उल्लिखित संपत्ति हमारे वक्फ की है। ग्रामीणों को यह भी पता है कि भूमि मस्जिद की संपत्ति है। हमने उनसे बात की। उन्हें केवल हमें भूमि का किराया देना होगा, न कि भवन का किराया या कोई अन्य कर. मैंने उन्हें भूमि का किराया हमें देने के लिए नोटिस दिया है। मैंने इन सभी रिकॉर्ड्स को सरकार के साथ-साथ हमारे वक्फ को सौंपने की योजना बनाई है ताकि वे तदनुसार कार्रवाई कर सकें.'
#WATCH | Vellore, Tamil Nadu: F. Syed Satham, Hereditary Muthavalli, Kilandal (Nawab) Masjid & Hazrath Syed Ali Sulthan Sha Dargah, Virinchipuram says "I have given a notice to the villageers who are residing there. I have all the records that belong to our Waqf. It shows that… pic.twitter.com/Z0R5M2O977
— ANI (@ANI) April 15, 2025
कर्नाटक और केरल की घटना
पिछले साल कर्नाटक में विजयपुरा में वक्फ बोर्ड ने होनवाडा गांव में किसानों की जमीन पर दावा ठोंक दिया था। होनवाडा गांव में तहसीदार से एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें गांव वालों के 1500 एकड़ पैतृक जमीन पर वक्फ का दावा बताया गया था। बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि कर्नाटक के वक्फ मंत्री जमीर अहमद अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि किसानों की जमीन को 15 दिनों के भीतर वक्फ बोर्ड को दे दिया जाए। वहीं कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कहा था कि अगर वह वक्फ की प्रॉपर्टी है तो चाहे वे किसान हों, सरकार हो या फिर कोई और हम इसे क्लेम करेंगे।
इसी तरह का मामला केरल में भी आया था मुनंबबम में भी किसानों की जमीन पर वक्फ ने दावा ठोंक दिया था। इसको लेकर ईसाई समुदाय के लोग और हिंदुओं ने भी आवाज उठाया था। इस बारे में अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरेन रिजिजु ने भी बात की।
दुनिया में सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी
वक्फ प्रॉपर्टी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वक्फ के पास जितनी प्रॉपर्टी है वह दुनिया में सर्वाधिक है। रिजिजू ने कहा कि इसे रेलवे और डिफेंस की प्रॉपर्टी से इसकी तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि वह जनता के हित औऱ उनके प्रयोग के लिए है जबकि वक्फ की प्रॉपर्टी व्यक्तिगत हाथों में है। इसके बावजूद मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरे सामने ऐसे तमाम मामले आए हैं जहां पर व्यक्ति विशेष या पूरे समूह को नुकसान पहुंचा है। उनमें से एक मामला केरल के मुनंबम का है, जिसमें 600 मछुवारों की 404 एकड़ जमीन जो कि केरल वक्फ बोर्ड ने अपना घोषित कर दिया। और देश को पता चला कि किस तरह से लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने उस क्लॉज को खत्म किया जिसके तहत किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित किया जाता था।
यह भी पढ़ेंः 'एक घंटे में ठीक कर देंगे,' वक्फ पर इमरान मसूद के बयान की पूरी कहानी
देश भर में हुए विरोध प्रदर्शन
बता दें कि वक्फ कानून को लेकर देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हैदराबाद में चारमीनार के पास मक्का मस्जिद, सईदाबाद की दरगाह उजाले शाह और अन्य मस्जिदों में भारी प्रदर्शन हुआ। AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों ने वक्फ अधिनियम को असंवैधानिक बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।
असम के श्रीभूमि क्षेत्र में 1000 से अधिक लोग सड़कों पर उतरे और राष्ट्रीय राजमार्ग-6 को जाम करने की कोशिश की। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया गया। इसके अलावा सिलचर में भी पुलिस पर पथराव किया गया। हालांकि, प्रशासन में स्थिति पर नियंत्रण पा लिया।
नई दिल्ली की बात करें तो जंतर मंतर पर सैकड़ों लोगों ने वक्फ बोर्ड के विरोध में प्रदर्शन किया, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, विपक्षी सांसद व धार्मिक संगठन शामिल थे। सभी ने इसे मुस्लिमों को लक्षित करने वाला क़ानून बताया।
सुप्रीम कोर्ट में पड़ी थी याचिका
इस कानून के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में भी कांग्रेस पार्टी के नेता और एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी द्वारा भी याचिका डाली गई थी और इस फैसले को चुनौती दी गई थी। इसके अलावा मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में भी एसआईटी का गठन कर जांच का आदेश देने के लिए भी याचिका डाली गई थी।
हिंसा को देखते हुए हाई कोर्ट ने भी केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों को तैनात करने का आदेश दिया था ताकि स्थिति को कंट्रोल किया जा सके।
यह भी पढ़ेंः वक्फ बिल को लेकर बंगाल के बाद अब असम में पथराव, काबू में हालात
किन बातों पर है विवाद
वक्फ बिल के पारित होने पर कुछ बिंदुओं को लेकर विवाद की स्थिति है इसीलिए विरोध प्रदर्शन हो रहा है-
- वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
- ज़िला कलेक्टरों को संपत्ति विवाद तय करने का अधिकार देना।
- बोर्ड में गैर-मुस्लिम को नियुक्त किया जाना इत्यादि।
- किसी भी संपत्ति को वक्फ करने से पहले उसमें सभी महिला और अन्य हिस्सेदारों को हिस्सा देना होगा।
- कोई भी व्यक्ति तुरंत इस्लाम को स्वीकार करके अपनी संपत्ति को वक्फ नहीं कर पाएगा। इसके लिए उसे कम से कम 5 सालों तक के लिए मुस्लिम होना आवश्यक है।
विपक्ष ने किया विरोध
हालांकि, इस कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां भी काफी विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि यह मुस्लिमों के अधिकारों के खिलाफ है।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap