तेलंगाना में जातिगत सर्वे, राहुल गांधी इसी को बनाएंगे मॉडल?
देश
• HYDERABAD 06 Nov 2024, (अपडेटेड 06 Nov 2024, 3:27 PM IST)
तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार ने जातिगत सर्वे शुरू करवा दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कह रहे हैं कि यही आगे चलकर पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगा।

तेलंगाना सरकार ने शुरू कर दिया है जातिगत सर्वे, Source: Vijaylaxmi Gadwal X Handle
कांग्रेस पार्टी और सांसद राहुल गांधी जातिगत जनगणना पर लोकसभा चुनाव के समय से मुखरता से बोल रहे हैं और बीजेपी पर इस मुद्दे से भागने का आरोप लगाते हुए घेर रहे हैं। जिस तरह से राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जनता और मीडिया के बीच उठाया उससे साफ नजर आ रहा है कि कांग्रेस की वर्तमान राजनीति किस ओर जा रही है। लोसकभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की बारीकियों को देश की जनता को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि देश में जाति जनगणना की जरूरत है, ताकि आबादी के हिसाब से जातियों को प्रतिनिधित्व दिया जा सके।
इस बीच कांग्रेस शासित तेलंगाना में राज्य सरकार 6 नवंबर से जातिगत और आर्थिक सर्वे करने जा रही है, जिसमें राज्य के लगभग 80 हजार से ज्यादा कर्मचारी आंकड़े जुटाएंगे। तेलंगाना के ट्रांसपोर्ट मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) के दफ्तर में इस जातिगत सर्वे की शुरुआत भी कर दी है। इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बिना किसी हिचक के अपने बारे में पूरी जानकारी दें। प्रभाकर ने कहा है कि यह सारी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी और इसके जरिए भेदभाव खत्म करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
Officially launched comprehensive CasteCensus with minister @Ponnam_INC Garu inaugurated the initiative at @GHMCOnline head office along with deputy mayor @SrilathaMothe garu, GHMC Additional Commissioners were present.
— Vijayalaxmi Gadwal, GHMC MAYOR (@gadwalvijayainc) November 6, 2024
Caste census aims to gather detailed data on the social,… pic.twitter.com/osEn5Hy6rI
लोगों के दरवाजे तक पहुंचेगा जातिगत सर्वेक्षण
तेलंगाना सरकार ने घोषणा करते हुए कहा है कि यह जातिगत सर्वेक्षण राज्य के लोगों के दरवाजे तक पहुंचेगा। राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार ने कहा है कि इसका मकसद लोगों के आर्थिक और सामाजिक आंकड़े जातिगत आधार पर एकत्र करना है। इसी के आधार पर समाज के सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आधार पर पिछड़े लोगों की पहचान की जाएगी।
एक महीने में सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य
तेलंगाना सरकार ने जाति सर्वेक्षण को एक महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। सरकारी अधिकारियों के अलावा कांग्रेस के नेता भी इस सर्वेक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, ताकि लोगों को प्रेरित करने के साथ अधिकारियों की मदद की जा सके।
90 सचिवों में 3 सचिव ही ओबीसी- राहुल गांधी
पिछले साल संसद में बोलते हुए सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले ओबीसी का मुद्दा उठाया था और सीधे तौर पर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल ने मोदी सरकार पर ओबीसी और दलित जातियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। उन्होंने संसद में दिए अपने बयान में कहा था, 'भारत सरकार के 90 सचिवों में से मात्र 3 सचिव ही ओबीसी समुदाय के हैं। ये देश के बजट के बस 5 फीसदी के जिम्मेदार हैं। 2019 में एक भी सचिव ओबीसी नहीं थे! सरकार महिला आरक्षण बिल को आज ही लागू करे और प्रधानमंत्री जी, जाति जनगणना से डरो मत!'
भारत सरकार के 90 सचिवों में से मात्र 3 सचिव ही OBC समुदाय के हैं। ये देश के बजट के बस 5% के ज़िम्मेदार हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2023
2019 में एक भी सचिव OBC नहीं थे!
सरकार Women’s Reservation Bill को आज ही लागू करे। और, प्रधानमंत्री जी, Caste Census से डरो मत! pic.twitter.com/ZR256VAbC7
राहुल गांधी के इस बयान के बाद देश में जाति जनगणना को लेकर जमकर बहस शुरू हो गई, जिसपर बीजेपी ने पलटवार किया था। बीजेपी ने राहुल गांधी पर देश को बांटने का आरोप लगाया था। इसके अलावा राहुल गांधी एक कार्यक्रम में मिस इंडिया में भी भेदभाव का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि पूर्व मिस इंडिया विजेताओं की लिस्ट देखने के बाद उन्हें उनमें कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी नहीं मिला।
तेलंगाना सर्वे को मॉडल बनाने की तैयारी
दरअसल, राहुल गांधी मंगलवार को तेलंगाना के दौरे पर थे। वहां उन्होंने 6 नवंबर से शुरू होने वाले जातीय सर्वेक्षण से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा, 'जाति आधारित जनगणना, भेदभाव को खत्म करने की दिशा में पहला कदम है। मैं चाहता हूं कि न केवल तेलंगाना में जाति आधारित जनगणना हो, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल बन जाए। राहुल गांधी ने कहा था कि देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम बाधा को खत्म किया जाएगा।
राहुल ने इस कार्यक्रम में कहा, 'मैं अपने लोगों से झूठ नहीं बोल सकता। मैं आप सभी के पास आकर हमारे समाज में सबसे बड़े भेदभाव करने वाले तत्व-जाति को नजरअंदाज नहीं कर सकता। अगर हम प्रगति, खुशहाली और एक शक्तिशाली देश चाहते हैं, तो सबसे पहले यह पहचानना होगा कि जातिगत भेदभाव अभी भी किस हद तक मौजूद है।'
बीजेपी की काट खोज रहे राहुल
सांसद राहुल गांधी जिस तरह से जाति आधारित जनगणना के साथ में ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं को संबोधित करके अपनी बात कहते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी को घेर रहे हैं उससे साफ है कि वह बीजेपी के साथ जुड़ चुके इस धड़े को साधना चाहते हैं। साल 2014 के बाद से बीजेपी को जिस तरह से ओबीसी, दलित और महिला वर्ग का साथ मिला है, राहुल गांधी उसकी काट खोज रहे हैं।
बता दें कि तेलंगाना से पहले इसी तरह बिहार में भी जातिगत सर्वे करवाया गया था। बिहार सरकार ने जातियों के संख्या से जुड़े आंकड़े भी जारी किए थे। हालांकि, उसके बाद से उस दिशा में कोई ठोस कवायद नहीं हुई है।
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