अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारतीय उत्पादों पर लगाए गए अतिरिक्ट टैरिफ के बाद, भारत और चीन अपनी प्रतिद्वंद्विता भूलकर साथ आ रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आए थे, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अहम चर्चा भी हुई। वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। भारत, व्यापार को लेकर नई संभावनाओं की तलाश में है, अमेरिकी टैरिफ के असर की वजह से भारत अपनी रणनीतियों में जरूरी बदलाव कर रहा है। चीन और भारत व्यापार की नई संभावनएं तलाश रहे हैं, ऐसे में एक सवाल लोगों के मन में है क्या चाइनीज ऐप, टिकटॉक से भी बैन हटने वाला है?
भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर चीन मेड ऐप पर जवाब दिया है। अभी भारत और चीन इतने करीब नहीं आए हैं कि भारत, चीन मेड ऐप से सारे प्रतिबंध हटा ले। चीन मेड ऐप पर गोपनीयता के नियमों के उल्लंघन के भी आरोप हैं। सरकार के रुख से यह साफ है कि अभी, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और हेलो जैसे ऐप पर लगे प्रतिबंधों को सरकार नहीं हटाएगी। चीन के साथ व्यापार और रणनीतिक वार्ता चल रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्ते सामान्य हो गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन के बैकअप पर ही पाकिस्तान, भारत पर हमले कर रहा था। खुद सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़े अधिकारियों ने यह बातें कहीं हैं।
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क्या भारत में टिकटॉक की वापसी होगी? जवाब मिल गया
भारत में टिकटॉक की वेबसाइट का होम पेज, देश के कुछ लोगों ने एक्सेस किया था। कई लोगों ने ऐसे दावे किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने साफ कहा है कि टिकटॉक पर प्रतिबंध हटाया नहीं गया है। कुछ यूजर्स ने दावा किया था कि वे भारत में टिकटॉक की वेबसाइट खोल पा रहे हैं, लेकिन टिकटॉक ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर अब भी उपलब्ध नहीं है।
क्या सरकार अनब्लॉक करेगी टिकटॉक ऐप?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने टिकटॉक को अनब्लॉक करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। इस तरह की कोई खबर या बयान गलत और भ्रामक हैं।
क्यों बैन हुए थे चीन मेड ऐप?
जून 2020 में, केंद्र सरकार ने 59 मोबाइल ऐप पर बैन लगाया था। इनमें में ज्यादातर चीनी ऐप थे, जैसे टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और वीचैट। सरकार का कहना था कि ये ऐप भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। यह कदम भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद बढ़े तनाव के दौरान उठाया गया था। तब गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले का समर्थन किया था और तत्कालीन गृह सचिव अजय भल्ला की सिफारिश पर हस्ताक्षर किए थे। हस्ताक्षर के बाद आईटी मंत्रालय ने औपचारिक आदेश जारी किया था।
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क्या आरोप लगे थे?
सरकार का तर्क था कि ये 59 ऐप डेटा लीक करने में शामिल थे। एक आईटी मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था कि ये ऐप लोकेशन डेटा लेते थे और फाइल्स को चीन में मौजूद सर्वरों पर भेजते थे। इसके अलावा, ब्यूटी प्लस और सेल्फी कैमरा जैसे ऐप्स में अश्लील सामग्री होने की भी शिकायत मिली थी।
कितना बड़ा झटका था टिकटॉक का बैन होना?
जनवरी 2020 तक टिकटॉक के भारत में लगभग 20 करोड़ यूजर्स थे। चीनी कंपनियों पर उनके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में डेटा लीक का शक था। कई देशों ने चीन के ऐप और नेटवर्किंग इंस्ट्रूमेंट के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की बात कही थी।