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दिल्ली पुलिस ने लिखा- बांग्लादेशी भाषा, TMC बोली- यह बांग्ला का अपमान

दिल्ली पुलिस के एक आधिकारिक पत्र के सामने आने के बाद टीएमसी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा। पत्र में 'बांग्लादेशी भाषा' लिखे होने पर टीएमसी ने कड़ी आपत्ति जताई।

Abhishek Banerjee.

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी। ( Photo Credit: PTI)

दिल्ली पुलिस के एक पत्र में बंगाली को 'बांग्लादेशी भाषा' कहने पर तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। तृणमूल कांग्रेस सासंद अभिषेक बनर्जी ने इस कदम को संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का सीधा उल्लंघन है और जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की। उन्होंने आगे कहा कि बांग्ला को विदेशी भाषा कहना है हमारी पहचान, संस्कृति और अपनेपन पर हमला है। उन्होंने बीजेपी पर देश की विविधता का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया। 

 

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 'बीजेपी शासित राज्यों में पिछले कई महीनों से बंगाली भाषी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें परेशान किया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है। अब एक चौंकाने वाली घटना में दिल्ली पुलिस ने अपने आधिकारिक पत्र में बांग्ला को 'बांग्लादेशी भाषा' बताया है।'

 

 

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'बंगाल को बदनाम करने की कोशिश'

अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा, 'यह सिर्फ एक लिपिकीय गलती नहीं है। यह संकीर्ण राजनीतिक प्रचार की खातिर बंगाल को बदनाम करने, हमारी सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करने और पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश के समानांतर बताने की बीजेपी की सोची-समझी कोशिश है।'

बीजेपी बांग्ला विरोधी: अभिषेक बनर्जी

अभिषेक ने आगे कहा, 'बांग्लादेशी नाम की कोई भाषा नहीं है। बांग्ला को विदेशी भाषा कहना केवल अपमान नहीं है, यह हमारी पहचान, संस्कृति और अपनेपन पर हमला है। बंगाली अपनी ही मातृभूमि में बाहरी नहीं हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का सीधा उल्लंघन है। इसी कारण हम बीजेपी को जमींदार और बांग्ला विरोधी कहते हैं। वह देश की विविधता का सम्मान नहीं करते, बांटने पर फलते-फूलते हैं।'

 

गृह मंत्रालय से माफी की मांग

अभिषेक बनर्जी ने पूरे मामले में बीजेपी और गृह मंत्रालय से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की और आगे लिखा कि बांग्ला और बंगाली भारतीय हैं। बांग्ला हमारा गौरव है। हम अपनी पहचान को कुचलने नहीं देंगे।

 

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टीएमसी ने भी साझा किया पत्र 

उधर, टीएमसी ने भी दिल्ली पुलिस के पत्र को साझा किया और लिखा, 'क्या बंगालियों के प्रति बीजेपी की नफरत की कोई सीमा नहीं है? बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों को बार-बार परेशान करने और हिरासत में लेने के बाद अमित शाह की दिल्ली पुलिस ने हमारी मातृभाषा बांग्ला को आधिकारिक तौर पर 'बांग्लादेशी भाषा' बताकर सारी हदें पार कर दी हैं।'

 

टीएमसी ने आगे लिखा, 'यह कोई लिपिकीय गलती नहीं है। यह एक जानबूझकर किया गया अपमान है। बांग्ला भाषा दुनिया भर में 25 करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं। भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में शामिल है। इसे 'बांग्लादेशी' कहना जानबूझकर किया गया अपमान है।' टीएमसी ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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