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रेल हादसों की लगी लाइन लेकिन सरकार के दावे अलग, पढ़िए क्या है मामला

रेल हादसों की वजह से अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक सरकार को 313 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की आर्थिक क्षति पहुंची है।

Rail Accident

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा। (तस्वीर-PTI)

देश के सबसे विकसित और कमाऊ संस्थानों में से एक भारतीय रेलवे भी है। हर साल रेलवे की पटरियों और इंजनों के रखरखाव पर हजारों करोड़ खर्च होते हैं लेकिन क्या हादसे थम जाते हैं? जवाब है नहीं। रेल मंत्रालय का कहना है कि रेलवे सुरक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों की वजह से साल 2014 से 2024 तक, बीते 10 साल में 70 फीसदी तक घट गए हैं। सरकार का कहना है साल 2014 से 2015 तक के बीच में जहां 135 रेल हादसे हुए थे, वहीं साल 2024-25 में यह घटकर 40 पर आ गया। मध्य प्रदेश के RTI एक्टिविस्ट चंद्र शेखर गौर ने एक RTI दाखिल की। जवाब मिला कि 2024-2025 के शुरुआती 5 महीने में ही 18 रेल हादसे हो चुके थे।

रेल मंत्रालय ने रेल हादसों से जुड़े आकंड़े भी शेयर किए हैं। सरकार के मुताबिक ज्यादातर हादसे, रेलवे ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने, कोच के में हुई गड़बड़ी, उपकरणों के फेल होने और मानवीय भूलों की वजह से हुए हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि साल 2004 से 2014 के बीच हर साल कम से कम 171 हादसे होते थे, जो साल 2014 से 2024 के बीच घटकर 68 हादसे हर साल होने लगे। साल 2004 से 2014 के बीच कुल 1711 हादसे हुए, वहीं 2014 से 2024 के बीच 678 हादसे हुए।

सरकार, ट्रेन हादसों को पर मिलियन ट्रेन किलोमीटर के हिसाब से भी नापती है। हर 10 लाख किलोमीटर पर होने वाले हादसों के प्रतिशत को APMTKM के जरिए ट्रैक किया जाता है। साल 2014 से 15 में यह आंकड़ा 0.11 तक पहुंचा था, अब यह घटकर 0.03 पर पहुंच गया है। इस आंकड़े में करीब 73 फीसदी सुधार हुआ है। 



रेलवे के रख-रखाव पर कितना खर्च करती है सरकार?

मेंटिनेंस पर सरकार ने साल 2022 से 2023 के बीच में 18,115 करोड़ खर्च किए हैं। साल 2023 से 2024 के बीच अब तक 20322 करोड़ खर्च हो चुके हैं। साल 2025 तक यह राशि बढ़कर 21386 हो जाएगी।

मोटिव पावर और रोलिंग स्टॉक पर कितना खर्च?
साल 2022 से 2023 के बीच 27086 करोड़ खर्च हुए हैं। साल 2023 से 2024 के बीच अब तक 30864 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, साल 2025 तक 31494 रुपये खर्च हो जाएंगे। 


मशीनों के रखरखाव पर कितने खर्च होते हैं?
मशीनों पर रेल मंत्रालय ने 9828 करोड़ रुपये साल 2022 से 2023 के बीच खर्च किए। 2023 से 2024 के बीच अभी तक 10722 करोड़ रुपये  खर्च हुए हैं, वहीं साल 2025 तक 11864 रुपये खर्च होंगे। 

रोड सेफ्टी पर कितना खर्च हुआ?
रोड सेफ्टी पर 5347 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 2023 से 2024 के बीच तक 6662 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह राशि 2025 तक बढ़कर 9980 करोड़ रुपये हो जाएगी। 


पुल बनाने पर कितने हुए खर्च?
साल 2022-23 के बीच ब्रिज बनाने, रखरखाव पर कुल 1050 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, वहीं 2023 से 2024 के बीच में 1907 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 2025 तक 2137 रुपये खर्च होंगे।  


सिग्नल टेलीकॉम पर होने वाला खर्च कितना है?
सिग्नल टेलीकॉम पर 2023-2024 के बीच 3751 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं। साल 2025 तक 4647 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे।

सुरक्षा पर कितना खर्च हुआ?
रेलवे ट्रैक की सुरक्षा पर 7119 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 2023 से 2024 के बीच 9,523 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। साल 2025 तक यह आंकड़ा 9615 तक पहुंच जाएगा। साल 2023 से 2024 के बीच 1,01,651 करोड़ रुपये  खर्च हो रहे हैं। साल 2025 तक, 1,08,776  करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। 

रेल हादसे रोकने का प्लान क्या है?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में बताया है कि रेल हादसों को रोकने के लिए इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को सेंट्रल ऑपरेशनल पॉइंट से ट्रैक किया जाता है। देश के 6606 स्टेशनों पर मानवीय त्रुटियों की वजह से होने वाले हादसों को इससे रोकने में मदद मिलेगी। लेवल क्रॉसिंग (LC) की इंटरलॉकिंग के लिए 11,053 लेवल क्रॉसिंग गेट लगाए गए हैं, जिससे लोग गाड़ियों की चपेट में न आएं। 

कवच सिस्टम को तैयार करने के लिए सरकार जोर दे रही है। इस तकनीक को नेशनल एटीपी सिस्टम के जरिए साल 2020 में तैयार किया गया था। चरणबद्ध तरीके के देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे स्थापित किया जा रहा है। साउथ सेंट्रल रेलवे और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ट्रैक के बीच करीब 1548 रेलवे किलोमीटर को इस सिस्टम के जरिए कवर किया गया है। दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर इसे प्लांट किया जा रहा है। यह रूट करीब 3000 किलोमीटर के दायरे को कवर करेगा। इससे जुड़े नियमित ट्रायल किए जा रहे हैं।  


सरकार के दावों से अलग सवाल क्या हैं?
रेल मंत्रालय का कहना है कि भारतीय रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है लेकिन 2024 में ही कई गंभीर रेल हादसे हुए हैं, जिसके बाद विपक्ष के एक धड़े ने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। इन हादसों में ट्रेन में आग लगने से लेकर दुर्घटना तक के मामले शामिल हैं। आइए पहले जानते हैं साल 2024 के कुछ चर्चित रेल हादसे कौन हैं। 


1. जामताड़ा रेल हादसा
जामताड़ा में कलजरिया रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन हादसा हुआ था। यात्री जल्दबाजी में दूसरी ट्रेन पकड़ने के लिए उतरे थे। हादसे में 2 लोग ट्रेन से कटकर मर गए थे, वहीं कई घायल हुए थे। अगर वहां रेलवे कर्मचारी मौजूद होते तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था। ट्रेन नंबर 12254 में ट्रेन पुल्लिंग की गई थी, जिसकी वजह से ट्रेन रुकी, कुछ यात्री नीचे उतर गए। अफवाह फैली कि आग लग गई है। स्टेशन से पहले ही लोग उतरने लगे।

2. पालघर मालगाड़ी रेल हादसा 
29 मार्च को एक मालगाड़ी पालघर स्टेशन पर डिरेल हो गई थी। सूरत और मुंबई रेलवे ट्रैक पर आने-जाने वाली कई ट्रेनें इस वजह से बाधित हुई थीं। ट्रेन पूरी तरह से सामान से लदी हुई थी। यह ट्रेन, मुख्य ट्रैक पर ही डिरेल हो गई थी। सवाल उठा था कि क्या होता अगर यह पैसेंजर ट्रेन होती।

3. सरहिंद रेल हादसा
पंजाब के सरहिंद जंक्शन और साधूगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच यूवीजीएन का इंजन ही पटरी से उतरकर पैसेंजर रेलवे लाइन पर चला गया था। जम्मू तवी ट्रेन की रफ्तार अगर ज्यादा होती तो बड़ा हादसा होने वाला था। इस ट्रेन के 8 डिब्बे पटरी से उतरे, कई यात्री घायल हो गए। 

4. कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा
17 जून 2024 को अगरतला कंचनगंजा एक्सप्रेस रंगापानी रेलवे स्टेशन, दार्जिलिंग के पास एक मालगाड़ी से भिड़ गई। हादसे में कम से कम 9 लोग मारे गए, वहीं 41 से ज्यादा लोग घायल हुए। ड्राइवर ही दोष मढ़ा गया। दोनों ट्रेनों को ड्राइवर इस हादसे में मारे गए। कवच सिस्टम पर भी सवाल उठे।

कंचनजंगा ट्रेन हादसे में 9 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा। (तस्वीर-PTI)



5. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ ट्रेन हादसा
18 जुलाई 2024 को डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। 4 लोग मारे गए, कई घायल हुए। 

और कितने हादसे हुए?
हादसों की लिस्ट बहुत लंबी है। 17 फरवरी को दिल्ली के जखीरा फ्लाईओवर के पास एक मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतरे थे। एक शख्स की मौत हो गई थी। 30 जुलाई को हावड़ा मुंबई सीएसएमटी मेल में हादसा हुआ था, 2 लोगों की मौत हुई थी। 17 अगस्त 2024 को ही साबरमती एक्सप्रेस में हादसा हुआ था, गनीमत ये थी कि किसी की मौत नहीं हुई। मथुरा में मालगाड़ी ट्रेन 9 अक्तूबर को डिरेल हो गई थी।  

रेलवे को 2019 से लेकर अब तक हादसों से कितना घाटा हुआ?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया है कि साल अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2024 तक, रेलवे को करीब 313 करोड़ रुपये के रेल संपत्ति का नुकसान हुआ है। 

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