भारत की सिविल एविएशन रेग्युलेटरी बॉडी, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), ने 29 मई से 2 जून, 2025 तक दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर तुर्की एयरलाइंस की यात्री और कार्गो उड़ानों की अचानक जांच की। इस दौरान कई गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पाए गए। DGCA ने तुर्की एयरलाइंस को अंतरराष्ट्रीय और भारतीय एविएशन नियमों का पूरी तरह पालन करने का आदेश दिया है। जांच में पाया गया कि बेंगलुरु में विमान को गाइड करने वाला कर्मचारी अयोग्य था, रखरखाव का इंजीनियर मौजूद नहीं था, और खतरनाक सामान बिना अनुमति के ले जाया गया। इसके अलावा, हैदराबाद और बेंगलुरु में ग्राउंड हैंडलिंग में भी कमियां थीं।
DGCA ने इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) के नियमों के तहत तुर्की एयरलाइंस की उड़ानों की जांच की। बेंगलुरु हवाई अड्डे पर एक बड़ा उल्लंघन सामने आया, जहां विमान को जमीन पर गाइड करने वाला मार्शलर बिना उचित अनुमति और योग्यता प्रमाणपत्र के काम कर रहा था। यह विमान की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। एक अन्य गंभीर खामी यह थी कि विमान के आगमन के समय एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME) मौजूद नहीं था, और उसकी जगह एक टेक्नीशियन ने प्रक्रिया पूरी की, जो नियमों के खिलाफ है। तुर्की एयरलाइंस की अधिकृत सर्विस प्रोवाइडर, एयरवर्क्स, को यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति चिंताजनक थी।
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ग्राउंड हैंडलिंग में लापरवाही
जांच में पाया गया कि तुर्की एयरलाइंस बिना DGCA की अनुमति के विस्फोटक जैसे खतरनाक सामान ले गई, जो भारतीय हवाई क्षेत्र में सख्त वर्जित है। इस सामान का कोई दस्तावेज या घोषणा पत्र भी नहीं था। इसके अलावा, हैदराबाद और बेंगलुरु में तुर्की एयरलाइंस और उनके ग्राउंड हैंडलिंग एजेंट, ग्लोब ग्राउंड इंडिया, के बीच कोई औपचारिक सर्विस लेवल एग्रीमेंट (SLA) नहीं था।
सीढ़ी, ट्रॉली, और ग्राउंड पावर यूनिट जैसे उपकरणों का कोई हिसाब-किताब या निगरानी नहीं थी। ग्लोब ग्राउंड इंडिया ने पहले के हैंडलर, सिलेबी एविएशन से औपचारिक हस्तांतरण के बिना सेवाएं शुरू कीं, जो नौ प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर काम करती थी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और कार्रवाई
यह जांच भारत-तुर्की संबंधों में तनाव के बीच हुई। 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने इस्लामाबाद के साथ एकजुटता दिखाई, और हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्तांबुल में एर्दोगन से मुलाकात की।
इसके जवाब में, 15 मई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर सिलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी। DGCA ने तुर्की एयरलाइंस को तुरंत इन खामियों को ठीक करने और ICAO व DGCA नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। साथ ही, भविष्य में और जांच की चेतावनी दी गई है।