उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने UG-NEET एग्जाम में धांधली कराने का दावा कराने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग से जुड़े लोग अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का दावा करते थे। यह गैंग नीट परीक्षा के बाद उम्मीदवारों के घरवालों से पैसे मांग रहा था। गैंग का काम नोएटा सेक्टर 3 से चल रहा था। गैंग के सदस्य साल 2023 से ही अलग-अलग जगहों पर ऐसे ही अपराधों को अंजाम दे चुके थे। गैंग का मास्टरमाइंड बायो टेक से ग्रेजुएट है।
धांधली कराने वाला यह गैंग, अभ्यर्थों से वादा करता कि उनका अंडर ग्रेजुएट NEET एग्जाम निकल जाएगा। पुलिस को इनपुट मिला कि गैंग का काम-काज एक घर से ही चल रहा है। जैसे ही इनके छिपे होने की सूचना मिली, STF की टीम की अगुवाई में छापेमारी हुई आरोपी धर दबोचे गए। पुलिस ने विक्रम कुमार शाह, धर्मपाल सिंह और अनिकेत कुमार को गिरफ्तार किया है।
आरोप क्या हैं?
यह गैंग नीट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के घरवालों से परीक्षा में पास कराने के नाम पर फोन पर पैसे मांगते थे। गैंग से जुड़े लोगों ने नोएडा में एक दफ्तर भी बना लिया था। नोएडा सेक्टर-3 में बने इस दफ्तर से ही गैंग ऑपरेट करता था। पुलिस को कुछ लोगों ने बताया कि एक कुछ लोगों की गतिविधियां संदिग्ध हैं, वे नीट पास कराने का दावा कर रहे हैं। पुलिस ने दबिश दी उनके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई।
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कैसे काम करता है यह गैंग?
विक्रम कुमार शाह इस गैंग का सरगना है। साल 2011 में विक्रम दरभंगा बिहार से विनायका मिशन यूनिवर्सिटी चेन्नई पहुंचा। उसने यहां से बायो टेक की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन किया। यहीं वह अनिकेत से मिला, दोनों ने 30 प्रतिशत कमीशन पर विनायका में एडमिशन कराने का काम करने लगे। यहां से पीजी कोर्स पूरा करने के बाद दोनों दिल्ली आए। यहां इनकी मुलाकात धर्मपाल सिंह से हुई। तीनों ने मिलकर एडमिशन व्यू नाम से एक कंपनी बनाई। यह कंपनी एमबीबीएस के उम्मीदवारों का डेटा इकट्ठा करती, लोगों को कॉल किया जाता और एडमिशन के नाम पर ठगने की साजिश रची जाती। ठगी के लिए हर अभ्यर्थी से यह गैंग 5 लाख रुपये मांगता।
कैसे पैसा वसूलता था यह गैंग?
अकाउंट में इसे पीडीसी चेक के जरिए लिया जाता। यह गैंग लोगों को गाइडलाइन भी देता था। लोगों से कहा जाता कि जो उत्तर आएं, सिर्फ उन्हीं के उत्तर दें, बाकी खाली छोड़ दें। अगर अभ्यर्थी के नंबर पर्याप्त आ जाते तो पैसे इनके हो जाते। नहीं आते तो ये चकमा देकर घरवालों को फरार हो जाते थे।
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पहले भी हो चुकी हैं कई शिकायतें
कंपनी के खिलाफ कई जगहों पर शिकायतें दर्ज की गईं। साल 2023 में एक नई कंपनी ठगों ने बनाई। श्रेयान्वी एजुकेशन ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ठगों ने एख नई कंपनी बना ली। इसका दफ्तर सेक्टर 3 में तैयार किया गया। फिर धोखाधड़ी शुरू हो गई। नीट का एग्जाम नजदीक आया तो डेटा के जरिए अभ्यर्थियों के घरवालों को फोन करने लगे, उनसे पैसे वसूलने का दबाव बनाने लगे। स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों ने इन्हें धर दबोचा है।
आरोपियों के पास के क्या मिला?
- 6 मोबाइल फोन
- 4 स्मार्टफोन
- कैंडिडेट डेटा शीट
- पैन कार्ड
- क्रेडिट कार्ड
- वोटर कार्ड, पासपोर्ट और चेकबुक
- मैकबुक
- फॉर्च्युनर कार