सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की शुरुआत की है, जो 1 अप्रैल से लागू होगी। यह योजना नई पेंशन योजना (NPS) की तर्ज पर बनाई गई है और इसमें कर्मचारियों को पेंशन निधि और निवेश पैटर्न का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। इस योजना में नए और वर्तमान कर्मचारी दोनों शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इस योजना का हिस्सा बनने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन जमा कर सकते हैं।
अंशदान का पैटर्न
UPS योजना में पेंशन कोष दो हिस्सों में बंटा होगा:
- व्यक्तिगत जमा कोष – इसमें कर्मचारी अपनी मासिक सैलरी का 10% योगदान देंगे और सरकार भी इतनी ही राशि जोड़ेगी।
- पूल जमा कोष – इसमें सरकार की ओर से अतिरिक्त 8.5% योगदान दिया जाएगा, जिसे सरकारी योजनाओं में निवेश किया जाएगा।
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दिए जाएंगे निवेश के विकल्प
इस योजना के तहत कर्मचारी अपने पेंशन कोष को पंजीकृत पेंशन निधि (PFRDA) द्वारा निर्धारित निवेश योजनाओं में लगा सकते हैं। कर्मचारी यदि कोई विकल्प नहीं चुनता है, तो उनका निवेश डिफॉल्ट योजना में कर दिया जाएगा। सीमेन कर्मचारी कंजर्वेटिव फंड या मॉडरेट फंड का चयन कर सकते हैं।
कंजर्वेटिव फंड में अधिकतम 25% इक्विटी निवेश किया जा सकता है। वहीं मॉडरेट फंड में अधिकतम 50% तक इक्विटी निवेश की अनुमति होगी। इसके साथ UPS में शामिल होने के तीन साल बाद कर्मचारी अपने व्यक्तिगत जमा कोष से 25% राशि निकाल सकते हैं और पूरे कार्यकाल में अधिकतम तीन बार पैसे निकाले जा सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- UPS में शामिल होने के लिए कर्मचारी ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले https://enps.nsdl.com लिंक पर जाएं।
- "NPS TO UPS माइग्रेशन" विकल्प पर क्लिक करें।
- अपना PRAN (पेंशन खाता संख्या) और जन्मतिथि दर्ज करें।
- वेरीफाई के लिए कैप्चा भरें और मोबाइल नंबर पर आए OTP को दर्ज करें।
- पेंशन योजना की शर्तें पढ़कर सहमति दें।
- "e-Sign" विकल्प पर क्लिक करें, फिर आधार या 16 अंकों की वर्चुअल आईडी (VID) दर्ज कर वेरीफाई करें।
- सफल वेरिफिकेशन के बाद, अनुरोध दर्ज हो जाएगा और कर्मचारी को Acknowledgment Number मिलेगी।
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ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
कर्मचारी को अपने कार्यालय (DDO/PAO या नोडल एजेंसी) में संबंधित फॉर्म जमा करना होगा। कर्मचारियों को कुछ फॉर्म भरने होंगे, जिसमें फॉर्म A1- नए भर्ती कर्मचारियों के लिए, फॉर्म A2- वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के लिए, फॉर्म B2- रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए और फॉर्म B6- कर्मचारी की मृत्यु होने पर नामांकित व्यक्ति के लिए।