logo

ट्रेंडिंग:

उत्तराखंड हिमस्खलन: 6-7 फीट मोटी बर्फ, हेलीकॉप्टर तैयार, जानें सबकुछ

उत्तराखंड हिमस्खलन को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 33 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है। हेलीकॉप्टर तैयार है। जैसे ही मौसम सही होगा वैसे ही बाकी की रेस्क्यू टीम को भी भेजा जाएगा।

Team in recue । Photo Credit: X/ itbpofficial

रेस्क्यू में जुटी टीम । Photo Credit: X/ itbpofficial

उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में शुक्रवार को हिमस्खलन की वजह से करीब  57 वर्कर बर्फ के नीचे फंस गए। इसके बाद उनके रेस्क्यू के लिए प्रशासन ने कमर कसी। हिमस्खलन की वजह से सड़क बंद हो गई, जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम को मौके पर पहुंचने में भी दिक्कतें आ रही थीं।

 

खबरों के मुताबिक मजदूर वहां पर कंटेनर में सो रहे थे, इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हो गया। पिछले दो सालों से माणा-गांव के पास हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। मजदूर इसी काम में लगे थे और दिन भर हाईवे के चौड़ीकरण का काम करने के बाद सो रहे थे।

 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड हिमस्खलन: रेस्क्यू जारी, 32 मजदूरों को बाहर निकाला

 

इन मजदूरों में कुछ पोकलैंड, जेसीबी व अन्य मशीनों के ऑपरेटर भी रह रहे थे। बात सुबह साढ़े छह बजे की है जब कुबेर पर्वत से हिमस्खलन हो गया।

 

इसके बाद कथित तौर पर कुछ मजदूर तो बद्रीनाथ की ओर भाग गए लेकिन कुछ मजदूर कंटेनर में ही फंस गए।  

 

शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

हिमस्खलन की सूचना मिली तो प्रशासन हरकत में आ गया। आईटीबीपी और सेना के जवान मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। बाद में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गईं ताकि मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।


अब तक लगभग 33 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है और बाकी के मजदूरों को रेस्क्यू करने में टीम लगी हुई है। मौसम इतना खराब है कि रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग नहीं किया जा सका। हालांकि सीएम पुष्कर धामी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सारी टीमें एक दूसरे से संपर्क में हैं और जैसे ही मौसम थोड़ा ठीक होगा वैसे ही और तेजी से रेस्क्यू का काम किया जाएगा।

 

जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया है उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

 

 

6-7 फीट मोटी चादर

डिजास्टर मैनेजमेंट सेक्रेटरी विनोद कुमार ने कहा कि स्थिति काफी खराब है क्योंकि 6-7 फीट मोटी बर्फ की चादर जमी हुई है।

 

उन्होंने कहा कि लगभग 65 लोगों की टीम वहां पर लगी हुई है और रास्ता बंद होने के कारण पैदल जाना संभव नहीं हो पा रहा है। रेस्क्यू टीम के काफी जवान वहां जाने के लिए तैयार हैं लेकिन जैसे ही मौसम में सुधार होगा वैसे ही बाकी लोगों को हेलीकॉप्टर से वहां भेजा जाएगा।

 

 

वायुसेना के हेलीकॉप्टर हैं तैयार

भारतीय वायुसेना के एमआई 17 जैसे हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए तैयार किए गए हैं। जैसे ही मौसम की स्थितियां ठीक होंगी वैसे ही इनका प्रयोग किया जाएगा।

 

शाम को पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए डिजास्टर कंट्रोल रूम का दौरा भी किया और अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की।

 

क्या होता है हिमस्खलन

हिमस्खलन या एवालांश पर्वतीय इलाकों की ढलान वाली सतहों पर होती है। पर्वतीय इलाकों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी मात्रा में बर्फ जमी होती है। जब इसमें किसी कारण से अचानक अस्थिरता पैदा होती है तो यह बर्फ खिसकना शुरू कर देती है।

 

ढलानों पर बर्फ के खिसकाव के साथ ही उसकी गति धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और साथ ही बर्फ की मात्रा भी बढ़ती जाती है। जैसे जैसे बर्फ की यह नदी नीचे आती जाती है उतना ही वह भयानक और तबाही लाने वाली हो जाती है। फिर इसके रास्ते में जो कुछ भी आता है वह तबाह हो जाता है।

 

यह भी पढ़ेंः कुल्लू में बारिश से तबाही! घरों में घुसा पानी, कीचड़ में दबी कारें

 

क्या होती है हिमस्खलन की वजह

हिमस्खलन की कई वजहें होती हैं। कई बार ऊंचाई पर बहुत ज्यादा बर्फ जमा हो जाने पर सतह में नीचे पड़ी बर्फ ऊपर की बर्फ को रोक पाने में सक्षम नहीं होती, जिससे हिमस्खलन होता है। खासकर जब वर्षा हो जाती है या और ज्यादा हिमपात हो जाता है तो भयानक हिमस्खलन होता है।

 

इसके अलावा भूकंप या विस्फोट की वजह से उत्पन्न हुए कंपन से भी हिमस्खलन हो सकता है। 

 

ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाके में भीषण बर्फबारी हो रही है। चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा में ग्लेशियर टूटा, जिसके बाद मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है, '16 को बाहर निकाल लिया गया है जबकि 41 अन्य फंसे मजूदरों को निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया।'

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap