'सबकुछ खत्म'; उत्तरकाशी में आई तबाही के खौफनाक मंजर की दास्तान
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• UTTARKASHI 06 Aug 2025, (अपडेटेड 06 Aug 2025, 7:51 AM IST)
उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फटने के बाद ऐसी तबाही मची, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऊंची-ऊंची इमारतें और लोग पानी के तेज बहाव में बह गए। गांवों में मलबा अब भी जमा हुआ है।

फ्लैश फ्लड के बाद जमा मलबा। (Photo Credit: PTI)
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फट गया, जिससे भयंकर तबाही मची। बादल फटने की दो घटनाएं हुईं। पहली धराली में और दूसरी सुक्खी टॉप एरिया में। सबसे ज्यादा तबाही धराली गांव में मची। बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में होटल, घर, दुकानें, पेड़ और सड़कें बह गईं। हर तरफ मलबा जमा हो गया। इस घटना में अब तक कम से कम 4 लोगों की मौत की खबर है। दर्जनों लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
धराली, गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने के रास्ते में अहम पड़ाव है। यहां कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम आधा गांव कीचड़, मलबे और पानी के तेज बहाव में दब गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि तीन-चार मंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। कई वीडियो में लोगों को 'सबकुछ खत्म हो गया' कहते हुए सुना जा सकता है।
धराली इकलौता गांव नहीं था, जहां तबाही मची। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पानी एक ही पहाड़ी से दो अलग-अलग दिशाओं में बह रहा था। एक धराली की ओर और दूसरा सुक्खी गांव की तरफ। उत्तरकाशी में मंगलवार को दोपहर से शाम तक तेज बारिश भी हुई, जिस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन भी बाधित हुआ।
- बादल कहां फटा?: स्थानीय लोगों ने बताया कि खीर गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में बादल फटने की घटना हुई, जिसके बाद बाढ़ आ गई। स्थानीयों का कहना है कि इस तबाही ने 2013 की केदारनाथ और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दीं।
- बादल फटने के बाद क्या हुआ?: बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी में पानी का स्तर बढ़ गया और अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ का पानी पहाड़ी से बहते हुए धराली और सुक्खी गांव में घुस गया। उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि 40 से 50 इमारतों को नुकसान पहुंचा है।
- जान-माल का कितना नुकसान?: उत्तरकाशी के कलेक्टर प्रशांत आर्या ने बताया कि कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की सटीक संख्या बताना अभी मुश्किल है। हालांकि, माना जा रहा है कि 60 से 70 लोग अब भी लापता हैं।
- रेस्क्यू की तैयारी क्या?: भारतीय सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहीं हैं। अब तक 130 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। बाढ़ के बाद गांवों में मलबा जमा हो गया, जिसके नीचे लोगों के दबे होने की आशंका है। खोजी कुत्तों की मदद से NDRF की टीम रेस्क्यू कर रही है।
बादल फटने के बाद कैसे मची तबाही?
उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने के बाद मची तबाही के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। वीडियो में लोगों को 'सब कुछ खत्म हो गया' कहते हुए सुना जा सकता है। कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए और चीखते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक वीडियो में एक व्यक्ति मलबे से निकलते हुए दिखा दे रहा है।
इस आपदा ने केदारनाथ त्रासदी की भयावह यादें ताजा कर दीं। जिस तरह से 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ ने तीर्थयात्रियों के शोर को दबा दिया था, उसी तरह से मंगलवार को खीर गंगा नदी के उफनते पानी ने धराली के बड़े-बड़े होटलों और तीन-चार मंजिला इमारतों को ताश के पत्तों की तरह ढहा दिया। चीखते-चिल्लाते लोगों को पानी ने निगल लिया।
उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की दर्दनाक घटना बेहद चिंताजनक है।
— Ishan Rajiv Tyagi (@IshanRTyagi) August 5, 2025
जन-जीवन और संपत्ति को हुए नुकसान की खबरें व्यथित करने वाली हैं। कई लोग अब भी लापता हैं।
बाबा केदारनाथ से प्रार्थना है कि सभी सुरक्षित हों और लापता लोगों की शीघ्र खोज हो।#Uttarkashi #Uttarakhand #Dharali pic.twitter.com/QJrCySO38m
सोशल मीडिया पर कई वीडियो में 5 से 10 मीटर ऊंची लहरें अपने साथ मलबा लेकर आती दिखाई दे रही हैं। पानी के तेज बहाव के साथ आया यह मलबा घरों, होटलों और दूसरी इमारतों से टकराया और उन्हें ढहा दिया। बाढ़ के कारण कई घर और होटल पूरी तरह से मलबे में डूब गए। कुछ ऊंचे होटलों की केवल लाल और हरे रंग की छतें ही दिखाई दे रहीं हैं। एक वीडियो में कार तेजी से आती हुई दिख रही है और आखिरकार वह भी लहरों में गायब हो जाती है।
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कितना भयानक था वह मंजर?
धराली गांव के सामने ही मुखबा गांव पड़ता है। इसे गंगा मां का मायका भी कहा जाता है। धराली में आई तबाही को देख मुखबा गांव के लोगों की रुह भी कांप गई। एक चश्मदीद राजेश पंवार ने बताया कि लगभग 20 से 25 होटल और होमस्टे इस तबाही में बह गए।
मुखबा गांव के रहने वाले 60 साल के सुभाष चंद्र सेमवा ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा भयानकर मंजर कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि दोपहर में तेज गति से पानी और पत्थरों के बहने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उनका परिवार बाहर आ गया।
उन्होंने कहा, 'जब हमने खीर गंगा में भारी मात्रा में पानी बहते देखा तो हम सब घबरा गए। फिर हमने धराली बाजार में रहने वाले लोगों को सचेत करने के लिए सीटी बजाई और उन्हें वहां से भाग जाने के लिए चिल्लाया।' सेमवाल ने बताया कि उनकी आवाज सुनकर कई लोग होटल से बाहर भागे लेकिन पानी के तेज बहाव ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया और वे सभी बह गए।
🚨 "𝗦𝘄𝗶𝗳𝘁 𝘁𝗼 𝗥𝗲𝘀𝗽𝗼𝗻𝗱, 𝗖𝗼𝗺𝗺𝗶𝘁𝘁𝗲𝗱 𝘁𝗼 𝗣𝗿𝗼𝘁𝗲𝗰𝘁." 🪖
— SuryaCommand_IA (@suryacommand) August 5, 2025
📍Kheer Gad, Dharali Village | Uttarkashi | 1345 Hrs, 05 Aug 2025
A massive mudslide struck #Dharali village in the #KheerGad area near Harsil, triggering sudden flow of debris and water through the… pic.twitter.com/FwPPMrIpqu
बादल फटने की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले मौके पर भारतीय सेना के जवान पहुंचे। सेना का हर्षिल कैंप यहां से 4 किलोमीटर दूर ही है, इसलिए 150 जवान सिर्फ 10 मिनट में यहां पहुंच गए। कई जगहों पर सेना के जवानों ने रस्सियों की मदद से लोगों को बचाया। सेना ने एक वीडियो अपलोड किया है, जिसमें हर जगह मलबा दिखाई दे रहा है। लोगों को धराली से दूर रहने को कहा गया है।
इस बाढ़ में प्राचीन कल्प केदार मंदिर में मलबे में दब गया। यह प्राचीन शिव मंदिर है, जिसकी वास्तुकला केदारनाथ धाम जैसी ही है।
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रेस्क्यू की क्या है तैयारी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की है। पीएम मोदी ने कहा कि बचाव टीमें हर मुमकीन कोशिश में जुटी हैं और लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से बात की है।
उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है। राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 5, 2025
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें तैनात हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 130 लोगों को बचाया जा चुका है और मौकें पर टीमें तैनात हैं। धराली और हर्षिल में सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ इमरजेंसी सर्विस ही चालू हैं।
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों का पता लगाने में मदद करने के लिए NDRF ने खोजी कुत्तों की मदद भी लेगी। इन कुत्तों को दिल्ली से धराली लाया जाएगा। NDRF की तीन टीमें अभी मौके पर हैं और हर टीम में 35 बचावकर्मी हैं। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के 100 जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं।
सीएम धामी ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए खाना, आवास और दवाओं की तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव काम में तेजी लाने के लिए सेना से हेलिकॉप्टर की मदद मांगी गई है।
हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है, ग्राउंड जीरो पर तेजी से राहत कार्य किए जा रहे हैं। अब तक 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। राहत एवं बचाव कार्यों के त्वरित सम्पादन के लिए शासन स्तर पर तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वायु सेना से भी मदद मांगी गई है। मैं… pic.twitter.com/6UAogOkI2T
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 5, 2025
धामी ने प्रभावित लोगों को एयरलिफ्ट करने और खाने-पीने का सामान और दवाइयां पहुंचाने के लिए वायुसेना के Mi-17 का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, ऋषिकेश एम्स में बेड तैयार रखे गए हैं और कई को भी धराली भेजी गई हैं।
फिलहाल उत्तरकाशी जिले में हालात बहुत खराब बने हुए हैं। बुधवार को भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौढ़ी टिहरी, हरिद्वार और देहरादून में भारी बारिश का अनुमान लगाया है।
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