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कौन हैं विकास बराला? IAS की बेटी का पीछा करने का आरोप; अब बने लॉ ऑफिसर

आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण की कोशिश के आरोपी विकास बराला को हरियाणा में असिस्टेंट एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया है। उनके पिता सुभाष बराला भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं।

Vikash Barala News.

प्रतीकात्मक फोटो। (Photo Credit: File Photo)

हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला के इकलौते बेटे विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) बनाया गया है। मगर उनकी इस नियुक्ति पर हंगामा भी मच चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 जुलाई को हरियाणा सरकार की नोटिफिकेशन में विकास बराला को एएजी नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के कारण आठ साल बाद विकास बराला का नाम मीडिया में दोबारा चर्चा में है। 2017 में विकास बराला पर एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण की कोशिश का आरोप लगा था। 2018 में विकास को इस मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। 

 

वर्णिका कुंडू नाम की एक लड़की कार से अपने घर लौट रही थी। तभी उस लड़की ने पुलिस को अपनी कार का पीछा करने की सूचना दी। चंडीगढ़ पुलिस ने तुरंत विकास बराला और उसके दोस्त आशीष को गिरफ्तार किया। मगर मामला हाई-प्रोफाइल निकला। कुछ देर बाद चंडीगढ़ पुलिस को दोनों को छोड़ना पड़ा, लेकिन तब तक मामला मीडिया में छा चुका था। चौतरफा दबाव बनने के बाद 9 अगस्त को चंडीगढ़ पुलिस ने विकास और आशीष को दोबारा गिरफ्तार किया था।

 

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5 अगस्त 2017 का है मामला

वर्णिका कुंडू हरियाणा के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी वीएस कूंडू की बेटी हैं। उन्होंने विकास बराला पर गाड़ी का पीछा करने और अपहरण की कोशिश का आरोप लगाया था। घटना 5 अगस्त 2017 की है। चंडीगढ़ पुलिस ने पहले दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354डी, 341 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में 365 और 511 धारा भी जोड़ दी। 

अगवा करने का आरोप

आरोप के मुताबिक विकास बराला ने वर्णिका कुंडू की कार का पीछा करके उसे चंडीगढ़ में हाउसिंग बोर्ड चौक के पास रुकवाया और दरवाजा खोलकर अगवा करने की कोशिश की। वर्णिका कुंडू का कहना था कि वह कार के सेंट्रल लॉक के कारण बच सकीं। वर्णिका कुंडू ने अपनी सूझबूझ से तुरंत मामले की जानकारी चंडीगढ़ पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ लिया। मगर बाद में छोड़ दिया गया।

हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी

विकास बराला ने चंडीगढ़ की अदालत में चार बार जमानत याचिका दाखिल की। मगर हर बार खारिज कर दिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट का रुख गया। 2018 में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से विकास बराला जेल से बाहर हैं। उस वक्त घटना के बाद विकास ने एक वीडियो जारी करके अपना पक्ष रखा था। इसमें विकास ने दावा किया था कि उनके पिता एक सियासी दल के प्रदेशाध्यक्ष हैं। कई पर्टियां इसी कारण से मुझे टारगेट करके मेरे पिता की छवि को धूमिल करना चाहती हैं। मेरे खिलाफ पुलिस या कोर्ट में छेड़छाड़ का कोई आरोप नहीं है। यह सब बेबुनियाद आरोप हैं। 

 

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बता दें कि फतेहाबाद के टोहाना कस्बे से विकास ने अपनी शुरुआती पढ़ाई की। बाद में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। यहां से एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद विकास ने चंडीगढ़ में वकालत का प्रशिक्षण हासिल किया। अब हरियाणा सरकार ने उन्हें असिस्टेंट एडवोकेट जनरल बनाया है। विकास बराला का नाम 97 लोगों की सूची में शामिल है।

 

 

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