नागपुर में सोमवार रात दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरु हो गया। इसके बाद कई वाहनों में आग लगा दी गई और पथराव भी हुआ, जिससे निवासियों के बीच का तनाव का माहौल हो गया।
यह हिसा तब हुई जब मुस्लिम समाज ने दावा किया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों ने 'कलमा' लिखे हुए एक कपड़े को जला दिया। उनके मुताबिक यह उस दौरान किया गया जब वे संभाजी नगर में औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे थे।
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सीएम ने की शांति की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है। उनके द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि, 'हम पुलिस के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं और निवासियों को उनके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सहयोग और शांति नागपुर की परंपरा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अथॉरिटीज़ के साथ सहयोग करें।'
चश्मदीदों का कहना है कि तनाव काफी तेजी से बढ़ गया और इसके बाद पब्लिक प्रॉपर्टी और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसकी वजह से स्थिति और ज्यादा खराब हो गई।
घटना शहर के बीचोंबीच हुई। पत्थरबाज़ी और वाहनों में आगे लगाने की वजह से तमाम फायरमैन भी घायल हो गए। नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने भी शांति बनाए रखने की अपील की।
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गडकरी ने दिया मैसेज
उन्होंने कहा, 'मैं आप लोगों को आश्वासन देता हूं कि जिन लोगों ने गलतियां की हैं या अवैध गतिविधियों में शामिल हुए हैं उनके खिलाफ सरकार ऐक्शन लेगी।' हालांकि, पुलिस समय रहते मौके पर पहुंच गई और हिंसा पर नियंत्रण पाया गया। स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण पाने कुछ अन्य सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया।
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर फडणवीस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'महाराष्ट्र सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए सरकार चला रही है जिससे हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।'
अतिरिक्त बल तैनात
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है और क्विक रिस्पॉन्स टीम, दंगा नियंत्रण पुलिस और स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। अन्य कई स्टेशनों से भी अतिरिक्त पुलिस बल को भी बुलाया गया है।