दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय में तैनात एक कर्मचारी को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को उसे जयपुर की अदालत में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गिरफ्तार कर्मचारी की पहचान विशाल यादव के तौर पर हुई है। आरोप है कि पैसे के बदले वह देश की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को भेज रहा था।
विशाल यादव मूलरूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले के पुनसिका गांव का रहने वाला है। वह ऑनलाइन गेमिंग का भी आदी है। नौसेना भवन में डॉकयार्ड निदेशालय में अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) के पद पर तैनात था। जांच में सामने आया है कि विशाल ने पाकिस्तानी हैंडलर को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी भी भेजी थी। बुधवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर से उसे गिरफ्तार किया गया।
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'आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत'
उधर, विशेष लोक अभियोजक सुदेश कुमार सतवान का कहना है कि बुधवार को विशाल यादव को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तानी हैंडलर का नाम उसके मोबाइल पर प्रिया शर्मा के नाम से सेव है। उसने देश की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर को भेजी है। ऑपरेशन सिंदूर और नौसेना से जुड़े दस्तावेज भेजे। उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। चार दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उसने संवेदनशील दस्तावेज कहां से जुटाए और इसमें कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच की जाएगी।
2 लाख रुपये मिलने की बात कबलूी
सीआईडी-सुरक्षा के पुलिस महानिरीक्षक विष्णु कांत गुप्ता का कहना है, 'पाकिस्तानी हैंडलर ने खुद को भारतीय मूल की महिला के तौर पर पेश किया। विशाल ने उसे संवेदनशील जानकारी लीक की। विशाल ने संवेदनशील जानकारी भेजने के बदले 2 लाख रुपये मिलने की बात कबूली है। कई एजेंसियां संयुक्त तौर पर मामले की जांच में जुटी हैं। आईजी के मुताबिक 50 हजार रुपये में विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान भेजी थी। कुछ भुगतान क्रिप्टोकरेंसी में किया गया।'
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'प्रिया शर्मा' के जाल में फंसा विशाल
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी हैंडलर ने 'प्रिया शर्मा' नाम से विशाल यादव को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। दोनों की फेसबुक पर बातचीत होने लगी। इसके बाद व्हाट्सएप पर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि बाद में दोनों की बातचीत टेलीग्राम में शुरू हुई। पुलिस का कहना है कि पहले विशाल यादव को पांच-छह हजार रुपये का छोटा भुगतान किया गया। हैंडलर ने अहम जानकारी मांगी और अधिक पैसे का लालच दिया। झांसे में आकर विशाल ने अहम डेटा पाकिस्तान भेजना शुरू कर दिया।
पुलिस महानिरीक्षक विष्णु कांत का कहना है कि उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में वित्तीय लेनदेन, संवेदनशील संदेश और हैंडलर को भेजे गए गोपनीय रक्षा डेटा समेत कई सबूत मिले हैं। अब क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की जांच की जा रही है।