वक्फ कानून पर आज आएगा SC का अंतरिम आदेश, इन 3 प्रावधानों पर लगेगी रोक!
देश
• NEW DELHI 17 Apr 2025, (अपडेटेड 17 Apr 2025, 7:54 AM IST)
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर अंतरिम आदेश जारी कर सकती है। बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कानून के तीन प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था।

सुप्रीम कोर्ट। (Photo Credit: PTI)
वक्फ (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। गुरुवार को ही वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश भी आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान वक्फ कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, वक्फ बाय यूजर के प्रावधान पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने पूछा- 'क्या हिंदुओं के धार्मिक संस्थानों में भी मुस्लिमों को शामिल करने के लिए तैयार हैं?'
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इन 3 प्रावधानों में हो सकता है बदलाव?
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच बुधवार को ही इस कानून को लेकर अंतरिम आदेश जारी करना चाहती थी। हालांकि, केंद्र सरकार के अनुरोध के बाद अब इसे गुरुवार को जारी किया जा सकता है। तीन जजों की बेंच ने वक्फ कानून के 3 प्रावधानों पर रोक का प्रस्ताव दिया।
पहलाः वक्फ की संपत्ति पर
- सुप्रीम कोर्ट का प्रस्तावः जिन संपत्तियों को कोर्ट ने वक्फ घोषित कर दिया है, उन्हें डिनोटिफाई नहीं किया जा सकता। चाहे वह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ वाय डीड।
- कानून में प्रावधानः वक्फ बाय यूजर का प्रावधान। अब सिर्फ उन्हीं संपत्तियों को वक्फ की संपत्ति माना जाएगा, जिसके वैध और कानूनी दस्तावेज होंगे।
दूसराः कलेक्टर की शक्तियों पर
- सुप्रीम कोर्ट का प्रस्तावः अगर कलेक्टर इस बात की जांच कर रहे हैं कि कोई संपत्ति सरकारी है या नहीं, तो उसे वक्फ नहीं माना जाएगा, इस प्रावधान को लागू नहीं किया जाएगा।
- कानून में प्रावधानः नए कानून में कलेक्टर को संपत्ति के सर्वे का अधिकार दिया गया है। अगर कोई संपत्ति सरकारी होने का दावा है तो कलेक्टर उसकी जांच करेंगे। इस दौरान संपत्ति को वक्फ की नहीं माना जाएगा।
तीसराः गैर-मुस्लिम सदस्यों पर
- सुप्रीम कोर्ट का प्रस्तावः सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों के सभी सदस्य मुस्लिम होंगे। हालांकि, काउंसिल और बोर्ड में पदेन सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं।
- कानून में प्रावधानः सेंट्रल वक्फ काउंसिल और सभी राज्यों के वक्फ बोर्डों में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी नियुक्त किया जाएगा।
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वक्फ बाय यूजर पर जताई चिंता
नए कानून में केंद्र सरकार ने 'वक्फ बाय यूजर' के प्रावधान को खत्म कर दिया है। अब तक होता यह था कि अगर किसी संपत्ति पर सालों से कोई मस्जिद, मदरसा, दरगाह या इस्लामिक इमारत बनी है तो उसे वक्फ की संपत्ति माना जाता था। मगर यह प्रावधान अब खत्म हो गया है। अब सिर्फ वही संपत्ति वक्फ की मानी जाएगी, जिसके वैध और कानूनी दस्तावेज होंगे। फिर चाहे उस जमीन पर कितने ही सालों से कोई इस्लामिक इमारत ही क्यों न बनी हो।
वक्फ बाय यूजर के प्रावधान पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस भी हुई और कोर्ट ने चिंता भी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा- 'वक्फ बाय यूजर का प्रावधान 2025 से पहले लागू किया गया तो क्या संपत्ति को शून्य घोषित कर दिया जाएगा?' इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा, 'अगर संपत्ति रजिस्टर्ड है तो नहीं। अगर संपत्ति रजिस्टर है तो वह वक्फ की ही रहेगी।'
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'कई मस्जिदें 14वीं-15वीं सदी की'
इसके बाद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, 'अंग्रेजों के आने से पहले हमारे पास कोई रजिस्ट्रेशन सिस्टम नहीं था। कई मस्जिदें 14वीं या 15वीं सदी की हैं। इनके लिए रजिस्टर्ड डीड दिखाना नामुमकीन है। ज्यादातर मामलों में, जैसे दिल्ली की जामा मस्जिद, वक्फ बाय यूजर के आधार पर वक्फ की संपत्ति है।'
इस बीच जस्टिस केवी विश्वनाथन ने पूछा, 'क्या होगा अगर सरकार यह कहते हुए धारा 3C लागू कर दे कि यह सरकारी जमीन है?' इस दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उस प्रावधान का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि अगर कलेक्टर किसी संपत्ति की जांच कर रहे हैं तो जांच पूरी होने तक उसे वक्फ की संपत्ति नहीं माना जाएगा। इस पर एसजी तुषार मेहता ने जवाब दिया, 'वक्फ के रूप में उपयोग बंद नहीं होगा। बस इस बीच उसे वक्फ के रूप में लाभ नहीं मिलेगा।'
चीफ जस्टिस खन्ना ने फिर पूछा- 'क्या वक्फ बाय यूजर अब वैलिड है या नहीं?' इस पर एसजी मेहता ने कहा, 'अगर रजिस्ट्रेशन है तो उन्हें मान्यता दी जाएगी। 2013 से रजिस्ट्रेशन जरूरी है।' आखिर में चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा, 'आप वक्फ बाय यूजर को कैसे रजिस्टर करेंगे? कोई दस्तावेज नहीं है। आपका यह कहना सही हो सकता है कि दुरुपयोग होता है लेकिन कई वास्तविक वक्फ बाय यूजर भी हैं।'
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