प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेड़े में कई लग्जरी कारें शामिल हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपने ही देश में बनी बख्तरबंद कार का इस्तेमाल करते हैं। शी जिनपिंग की कार चीन में शक्ति का प्रतीक है।
शी जिनपिंग, पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन। (AI Generated Image)
चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बीच पीएम मोदी ने लगभग 45 मिनट समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी कार में बिताया। पीएम मोदी की कार डिप्लोमेसी काफी पुरानी है। वह बराक ओबामा, बेंजामिन नेतन्याहू, शिंजो आबे और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ कार में अलग-अलग मौकों पर दिख चुके हैं। इसके आलावा पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आधिकारिक कार होंगकी एल5 में भी यात्रा की। आज के आर्टिकल में जानेंगे कि पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की कारों में क्या-क्या खूबियां हैं?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार एक बख्तरबंद किला है। इसका वजन लगभग 7 टन है। यह कार न केवल बम बल्कि रासायनिक हथियार से हमला तक झेल सकती है। गाड़ी की कीमत लगभग 1.7 मिलियन डॉलर है। इसमें 4.4 लीटर का V8 इंजन लगा है। 7 मीटर लंबी यह कार खुद ही अपने सभी दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर सकती है। यह कार सिर्फ 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार 6 सेकंड में पकड़ सकती है। अगर अधिकतम स्पीड की बात करें तो इसकी सबसे अधिक गति 249 किमी/घंटा है।
पुतिन की कार। फोटो क्रेडिट: TASS
पुतिन की इस कार नाम ऑरस सीनेट लिमोजिन है। पुतिन पहले मर्सिडीज-बेंज एस600 गार्ड पुलमैन की सवारी करते थे। मगर 2018 से यह पुतिन की आधिकारिक कार है। ऑरस सेडान कारों को रूसी सरकारी अनुसंधान संस्थान NAMI ने रूसी कार निर्माता कंपनी सोलर्स के साथ मिलकर बनाया है। पुतिन अब तक उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को दो ऑरस कारें गिफ्ट कर चुके हैं। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सर्डर बर्दीमुखमेदोव भी ऑरस कार का इस्तेमाल करते हैं।
कार से जुड़ी अहम बातें
कार सड़क के सिग्नल पहचानने में सक्षम।
अपनी स्पीड को खुद ही सीमित कर सकती।
सीट बेल्ट भी खुद ही कस सकती है।
नाइट विजन कैमरे से लैस।
पानी में डूबने पर भी पुतिन रहेंगे सुरक्षित।
ग्रेनेड और बम हमला झेलने में सक्षम।
गैस अटैक को भी असफल कर सकती कार।
शी जिनपिंग की कार क्यों अलग?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आधिकारिक तौर पर होंगकी एल5 कार का उपयोग करते हैं। होंगकी शब्द का मंदारिन में अर्थ लाल झंडा होता है। यह चीन का सबसे पुराना कार ब्रांड है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे पहले 1958 में चीन की सरकारी कंपनी फर्स्ट ऑटोमोबाइल वर्क्स (FAW) ने इसे लॉन्च किया था। कार के अंदर शानदार लग्जरी इंटीरियर के अलावा कई अन्य खूबियां हैं। चीन के नेताओं के यह कार शक्ति के प्रतीक के तौर पर देखी जाती है। कार की कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है। यह चीन की अब तक की सबसे महंगी कार है।
फोटो क्रेडिट: hongqi
कार लगभग 5.5 मीटर लंबी है, वजन 3 टन से अधिक है।
कार में चमड़े की सीटें, मसाज, वेंटिलेशन और हीटिंग की व्यवस्था।
210 किमी है कार की अधिकतम स्पीड।
6.0-लीटर का V12 इंजन, 400 से अधिक हॉर्सपावर पैदा कर सकता।
0 से 100 किमी की स्पीड सिर्फ 8.5 सेकंड में पकड़ सकती।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के वक्त बख्तरबंद महिंद्रा की स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया गया। अब उनके काफिले में कई बड़ी कारें शामिल हैं। 2001 में देश की संसद पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) ने बीएमडब्ल्यू7 सीरीज का चयन किया। यह गाड़ी हिंदुस्तान एंबेसडर की तुलना में काफी सुरक्षित है। आधिकारिक तौर पर बीएमडब्ल्यू7 सीरीज ही प्रधानमंत्री की गाड़ी है। पीएम मोदी के काफिल में रेंज रोवर सेंटिनल में वी8, टोयोटा लैंड क्रूजर और मर्सिडीज मेबैक S650 गार्ड जैसी कारें शामिल हैं।