कांग्रेस सांसद शशि थरूर आतंकवाद के समर्थक पाकिस्तान की बखिया उधेड़ने में जुटे हैं। थरूर की रणनीति के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान पर अपना बयान बदला। पनाना, गुयाना और कोलंबिया के बाद रविवार को शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ब्राजील पहुंच चुका है। यह प्रतिनिधिमंडल दुनिभाभर के देशों में आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को समझा रहा है। इस बीच भारत में शशि थरूर की आलोचना उनकी ही पार्टी करने में जुटी है। जब थरूर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अपने खिलाफ हो रही आलोचना पर अधिक ध्यान नहीं दे सकता। यह समय मिशन पर ध्यान देने का है।
शशि थरूर ने कहा, 'मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करें। एक अच्छे लोकतंत्र में आलोचना का होना स्वाभाविक है, लेकिन मुझे लगता है कि इस समय हम उन पर ध्यान नहीं दे सकते। जब हम भारत वापस आएंगे तो हमें अपने सहकर्मियों, आलोचकों व मीडिया से बात करने का मौका मिलेगा। अभी हमारा ध्यान उन देशों पर है, जहां हम जा रहे हैं और यहां के लोगों तक संदेश पहुंचा रहे हैं।'
यह भी पढ़ें: 'शेख हसीना ने दिए थे नरसंहार के आदेश', मुकदमा शुरू, कोर्ट में क्या हुआ
शशि थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल ब्राजील के बाद अगले सप्ताह अमेरिका जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने दुनियाभार के 33 देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया था। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सरकार ने शशि थरूर को भी जगह दी। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि पार्टी ने उनका नाम तो भेजा ही नहीं। केंद्र सरकार पर पार्टी द्वारा भेजे गए नामों को अनदेखा करने का आरोप लगाया। हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, उदित राज और जयराम रमेश ने खुलकर शशि थरूर के खिलाफ मोर्चा खोला। उदित राज ने पीएम मोदी से मांग की थी कि शशि थरूर को भाजपा का प्रवक्ता या विदेश मंत्री बना दें। पवन खेड़ा ने कहा था कि अपनी किताब में सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना करने वाले शशि थरूर अब उसकी तारीफ कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: शर्मिष्ठा पनोली पर लगे आरोप कितने गंभीर हैं? वकील से समझिए
पिछले हफ्ते जयराम रमेश ने कहा था, 'हमारे सांसद घूम रहे हैं और आतंकवादी भी घूम रहे हैं।' भाजपा ने इस बयान पर जयराम रमेश को आड़े हाथों लिया। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बयान को शर्मनाक, निंदनीय और निरर्थक कहा। उन्होंने संसद की विशेषाधिकार समिति से तत्काल मामले का संज्ञान लेने और जयराम रमेश के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई।