logo

ट्रेंडिंग:

अश्लील V/s अभद्र... अपूर्वा केस जिसका जिक्र रणवीर के मामले में हुआ?

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रणवीर अलाहबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अपूर्वा अरोड़ा केस का हवाला दिया। ऐसे में जानते हैं कि ये मामला क्या था?

ranveer and apoorva

रणवीर अलाहबादिया और अपूर्वा अरोड़ा। (Photo Credit: Social Media)

यूट्यूबर समय रैना के 'India's Got Latent' शो में पॉडकास्टर रणवीर अलाहबादिया में जो टिप्पणी की, उसे सुप्रीम कोर्ट ने 'दिमाग की गंदगी' बताया है। रणवीर की याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई करते हुए उनकी टिप्पणी को 'गंदा' और 'विकृत मानसिकता' वाला बताया।


हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में रणवीर की पैरवी करते हुए वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अपूर्वा अरोड़ा केस का हवाला देते हुए कहा कि 'अभद्र टिप्पणी' अपने आप में 'अश्लीलता' नहीं है। 


इस पर जस्टिस कांत ने असहमति जताई। उन्होंने कहा, 'अगर ये अश्लीलता नहीं है तो फिर अश्लीलता क्या है? क्या अपूर्वा अरोड़ा मामले का फैसला आपको कुछ भी कहने का लाइसेंस देता है?'


अपूर्वा अरोड़ा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 19 मार्च को फैसला दिया था। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 'अश्लीलता' और 'अभद्र भाषा' के बीच का अंतर बताया था। मामला TVF की सीरीज 'कॉलेज रोमांस' में एक्ट्रेस अपूर्वा अरोड़ा की ओर से की गई एक टिप्पणी से जुड़ा था। उनकी टिप्पणी को 'अश्लील' बताते हुए केस दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए अपूर्वा के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया था। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपूर्वा अरोड़ा पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया था।

 

यह भी पढ़ें-- 'दिमाग में गंदगी', रणवीर को फटकार के साथ सुप्रीम कोर्ट से राहत

क्या था ये पूरा मामला?

TVF की वेब सीरीज 'कॉलेज रोमांस' में अपूर्वा अरोड़ा की टिप्पणी को अश्लील बताते हुए IT की धारा 67 और 67A के तहत केस दर्ज किया गया था। आरोप था कि अपूर्वा ने इस सीरीज के पहले सीजन के 5वें एपिसोड में अश्लील टिप्पणी की थी।


मार्च 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपूर्वा पर दर्ज FIR को सही ठहराया था। हाईकोर्ट ने सीरीज में इस्तेमाल की गई भाषा को 'अश्लीलता की हद पार करने' वाला बताया था। हाईकोर्ट ने कहा था, 'पब्लिक प्लेस और कम उम्र के बच्चों की पहुंच वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील भाषा के इस्तेमाल को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।'


हाईकोर्ट के फैसले को एक्ट्रेस अपूर्वा अरोड़ा, गगन अरोड़ा और सिमरप्रीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 2024 को इस पर फैसला सुनाया और FIR को रद्द करने का आदेश दिया। इस पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने का पूरा फैसला क्या था?

'हर भाषा या शब्द अश्लील नहीं'

 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि IT एक्ट की धारा 67 के तहत हर भाषा को तब तक 'अश्लील' नहीं कहा जाएगा, जब तक कि वो लोगों के दिमाग को 'गंदा' न करे। 


सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपनाए गए हाईकोर्ट के रुख पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए था कि हाईकोर्ट ने गलत सवाल उठाया, जिसका गलत जवाब मिला। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'IT एक्ट की धारा 67 के तहत जांच इस बात पर नहीं होती कि क्या भाषा या शब्द सभ्य हैं या क्या जिस भाषा या शब्द का इस्तेमाल हुआ है, उन्हें आज के युवा आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं? बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कोई भाषा या शब्द कामुक है या नहीं और क्या इससे लोगों के दिमाग के दूषित या भ्रष्ट होने का खतरा है।'

 

यह भी पढ़ें-- 5 साल जेल, 10 लाख जुर्माना... समय-रणवीर पर क्या-क्या एक्शन हो सकता है?

 

'अभद्र भाषा को अश्लीलता से न जोड़ें'

 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, 'हाईकोर्ट ने अभद्रता को अश्लीलता के बराबर मान लिया, बिना इस बात को ध्यान में रखे कि ऐसी भाषा अपने आप में कामुक या भ्रष्ट कैसे हो सकती है? '


अदालत ने कहा था, 'किसी व्यक्ति को अभद्र और अपशब्दों से भरी भाषा असभ्य और अनुचित लग सकती है लेकिन ये अपने आप अश्लीलता नहीं है। अश्लीलता उस कंटेंट से जुड़ी है जो यौन और कामुक विचारों को जगाती है। एपिसोड में इस्तेमाल की गई भाषा ऐसी नहीं है। हालांकि, ऐसी भाषा घृणा जरूर पैदा कर सकती है।'


कोर्ट ने कहा था, 'जब हम वेबसीरीज के प्लॉट और थीम के संदर्भ में ऐसी भाषा का उपयोग देखते हैं, जो युवाओं के कॉलेज जीवन पर एक हल्का-फुल्का शो है तो साफ हो जाता है कि इन शब्दों का इस्तेमाल सेक्स से जुड़ा नहीं है और इसका कोई यौन अर्थ नहीं है।' कोर्ट ने कहा था, 'असली परीक्षा ये जांचना है कि क्या कोई भाषा IT एक्ट की धारा 67 के तहत किसी भी तरह से अश्लील है या नहीं।'

 

'यौन प्रकृति हो सकती है लेकिन...'

 

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर कई सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'हाईकोर्ट ने भाषा के मतलब को उसके शाब्दिक अर्थ में लिया और ये नहीं देखा कि इसका इस्तेमाल क्यों किया गया था। शो में इस्तेमाल किए गए शब्द यौन प्रकृति के हो सकते हैं लेकिन इनके उपयोग से किसी भी सामान्य ज्ञान वाले दर्शक में यौन भावनाएं या वासनाएं नहीं जगतीं।'


कोर्ट ने कहा था, 'किसी भी कंटेंट की अश्लीलता और वैधता को मापने का पैमाना ये नहीं हो सकता है कि अदालत की मर्यादा और अखंडता को बनाए रखने के लिए इसे कोर्टरूम में चलाना सही होना चाहिए। ऐसा रुख अनुचित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करता है।'

 

यह भी पढ़ें-- समय रैना को झटका, वीडियो कॉल पर बयान दर्ज कराने की अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी थी FIR

सुप्रीम कोर्ट ने अपूर्वा अरोड़ा पर दर्ज FIR को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'शिकायतकर्ता की शिकायत अश्लील अपशब्दों और इनके बहुत ज्यादा इस्तेमाल को लेकर हैं। इसमें किसी भी यौन कृत्य या यौन आचरण का आरोप नहीं है, इसलिए धारा 67A लागू नहीं होती।'

रणवीर अलाहबादिया का मामला क्या है?

समय रैना के शो 'India's Got Latent' पर रणवीर अलाहबादिया ने माता-पिता को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। इस एपिसोड के पैनल में समय रैना और रणवीर अलाहबादिया के अलावा अपूर्वा मुखीजा, आशीष चंचलानी और जसप्रीत सिंह भी शामिल थे। इस टिप्पणी को लेकर रणवीर और समय रैना समेत इस एपिसोड के पैनल समेत शो में शामिल कई गेस्ट के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। अपनी टिप्पणी को लेकर रणवीर ने माफी मांग ली थी। वहीं, समय रैना ने इस शो के सभी एपिसोड को डिलीट कर दिया था।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap