केरल में भारत माता का विरोध क्यों, राज्यपाल और सरकार में ठनी
देश
• THIRUVANANTHAPURAM 26 Jun 2025, (अपडेटेड 26 Jun 2025, 10:43 PM IST)
केरल में भारत माता की तस्वीर पर सियासी संग्राम छिड़ चुका है। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष ने भारत माता की फोटो के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है। जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

केरल में भारत माता पर सियासी विवाद। (Photo Credit: @KeralaGovernor)
केरल में सरकार और राजभवन के बीच नया विवाद शुरू हो चुका है। यह विवाद 'भारत माता' की फोटो से शुरू हुआ। राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर के कार्यक्रम में भारत माता की फोटो के इस्तेमाल पर न केवल केरल सरकार, बल्कि अन्य कई संगठनों ने एतराज जताया। अब केरल सरकार ने राजभवन को संविधान प्रोटोकॉल की याद दिलाई है। इस मुद्दे पर केरल में बुधवार को भारी विरोध प्रदर्शन और कई घंटों तक तनाव जैसा माहौल देखने को मिला। भारत माता की फोटो पर केरल में क्या विवाद है और सरकार इसके विरोध में क्यों हैं और मामला कहां से शुरू हुआ, आइए जानते हैं सबकुछ।
बुधवार यानी 25 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ थी। इस मौके पर केरल की एक निजी ट्रस्ट श्री पद्मनाभ सेवा समिति ने कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें केरल के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को मुख्य अतिथि बनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन केरल विश्वविद्यालय के सभागार में था। विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में भारत माता की एक तस्वीर लगाई गई। फोटो में शेर के साथ खड़ीं भारत माता के एक हाथ में भगवा झंडा है। पूरा विवाद इसी फोटो से शुरू हुआ। राज्यपाल के कार्यक्रम में बार-बार भारत माता की फोटो के इस्तेमाल पर केरल सरकार और विपक्ष को आपत्ति है।
Hon’ble Governor Shri Rajendra Vishwanath Arlekar released the book on ‘Emergency-era Atrocities’ and honoured the freedom fighters of the Emergency period at a function organised by the Sree Padmanabha Seva Samithi at the Senate Hall, University of Kerala. pic.twitter.com/DNAIVpddZh
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) June 25, 2025
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सरकार को भारत माता की तस्वीर पर क्या आपत्ति?
केरल का सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दल राज्यपाल के कार्यक्रम में भारत माता की तस्वीर के इस्तेमाल के खिलाफ है। उसका आरोप है कि राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों की जगह अब यह फोटो ले रही है। यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल के कार्यक्रम में धार्मिक संदेश वाली फोटो और अनुष्ठानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्यपाल के कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाली तस्वीर को विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन 'आरएसएस की भारत माता' कहता है।
Hon’ble Governor Shri Rajendra Vishwanath Arlekar inaugurated the Koottickal Rehabilitation Project and handed over keys to the beneficiaries of the Flood Rehabilitation Houses at Koottickal, Kottayam. The project has been initiated by Deseeya Sevabharathi Keralam. pic.twitter.com/lzq5M2IyL6
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) June 23, 2025
सरकार का तर्क- तस्वीर को कानूनी मान्यता नहीं
भारत माता की फोटो पर केरल सरकार और राजभवन के बीच पिछले एक महीने से विवाद जारी है। पिछले महीने यानी जून में केरल राजभवन में भारत माता की एक तस्वीर लगाई गई। फोटो में भारत माता के हाथ में भगवा झंडा है। उनके पीछे भारत का नक्शा और शेर है। तस्वीर के पास एक लंबा पीतल का दिया भी रखा है। खबरों के मुताबिक राजभवन में जहां यह तस्वीर लगाई गई है, वहां आधिकारिक समारोहों का आयोजन होता है। केरल की सरकार और मंत्रियों को इस तस्वीर पर आपत्ति है। उनका तर्क है कि भारत माता की इस तस्वीर को कोई कानूनी मान्यता नहीं मिली है। उधर, राजभवन का कहना है कि भारत माता अखंड भारत का प्रतीक हैं और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों के समान हैं।
Hon’ble Governor Shri Rajendra Vishwanath Aralekar gave #YogaDay message & joined the Yoga Session on #InternationalDayofYoga2025 at Raj Bhavan with #MeraYuvaBharatHQ. #YogaForWellness. pic.twitter.com/qxbBfR3RYD
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) June 21, 2025
राज्यपाल के कार्यक्रम में सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल हो: सरकार
राज्यपाल के कार्यक्रम में भारत माता की फोटो के इस्तेमाल पर केरल कैबिनेट ने विचार विमर्श किया। इसके बाद सरकार ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा संवैधानिक प्रोटोकॉल राज्यपाल द्वारा राज्य के प्रमुख के तौर पर आयोजित कार्यक्रमों में राजनीतिक और धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल से रोकता है। केरल सरकार ने राजभवन को सूचित किया कि संविधान के मुताबिक राज्यपाल की मौजूदगी वाले राज्य समारोहों में सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। केरल सरकार का कहना है कि राज्यपाल के कार्यक्रम में बार-बार भारत माता की फोटो के इस्तेमाल के बाद ही कैबिनेट ने इस पर विचार विमर्श किया।
West Bengal Foundation Day was celebrated at Kerala Raj Bhavan as part of ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’ initiative. Hon’ble Governor Shri Rajendra Vishwanath Arlekar interacted with the invitees from Bengal and cultural programmes were performed. pic.twitter.com/MmqfVnQc32
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) June 20, 2025
पुलिस तक पहुंचा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार ने श्री पद्मनाभ सेवा समिति के पदाधिकारियों से फोटो हटाने को कहा था। मगर आयोजकों ने तस्वीर को नहीं हटाया। आयोजकों का तर्क है कि पहले भी इस तरह के कार्यक्रमों में भारत माता की फोटो का इस्तेमाल हो चुका है। यह कार्यक्रम का अभिन्न अंग है। अब विश्वविद्यालय ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों के खिलाफ पुलिस का रुख किया है।
केएसयू और एसएफआई विरोध में
कार्यक्रम में फोटो के इस्तेमाल की जानकारी मिलने बाद सीनेट हॉल के बाहर केरल छात्र संघ (KSU) और भारतीय छात्र संघ (SFI) के कार्यकर्ता जुटने लगे। कार्यक्रम बुधवार शाम साढ़े पांच बजे शुरू होना था, लेकिन विरोध प्रदर्शन के कारण लगभग एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। दूसरी तरफ भाजपा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों की भीड़ जुटने लगी।
There is no question of doing away with Bharathamba: Governor
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) June 19, 2025
The Hon’ble Governor of Kerala Shri Rajendra Vishwanath Arlekar said that there is no question of doing away with Bharat Mata, as we draw our idea of patriotism and nationhood from Bharat Mata. pic.twitter.com/yEae8qEtbQ
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दूसरे रास्ते से निकला राज्यपाल का काफिला
एसएफआई और केएसयू के छात्रों ने भारत माता की तस्वीर के इस्तेमाल का विरोध किया। केएसयू कार्यकर्ताओं और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। एसएफआई के सदस्यों का पुलिस से टकराव हुआ। घंटों विरोध प्रदर्शन और तनाव भरा माहौल बरकरार रहा। बाद में पुलिस ने सभी को जबरन हटाया। मेन गेट पर भी एसएफआई का प्रदर्शन जारी रहा। इस वजह से राज्यपाल के काफिले को दूसरे रास्ते से निकालना पड़ा। उधर, पुलिस ने एबीवीपी, केएसयू और एसएफआई छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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