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केरल तट पर डूबा कार्गो जहाज, इससे क्या खतरा; सरकार अलर्ट क्यों?

केरल तट के पास एक विशाल मालवाहक जहाज डूबने से पर्यावरण को खतरा मंडराने लगा है। जहाज के आसपास निगरानी की जा रही है और लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

AI Generated Image of Cargo Ship

मालवाहक जहाज। (AI Generated Image)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी को केरल में विझिनजाम बंदरगाह का उद्घाटन किया था। शुक्रवार को इसी बंदरगाह से एमएससी एल्सा 3 नाम का कार्गो जहाज रवाना हुआ। कार्गो जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा था। शनिवार को इसे केरल के कोच्चि बंदरगाह पहुंचना था, लेकिन उससे पहले ही हादसे का शिकार हो गया। जहाज पर कुल 640 कंटेनर लदे थे। इनमें से 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड भरा था। जहाज के ईंधन टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल है। अब जहाज के डूबने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का खतरा मंडराने लगा है। 

 

मालवाहक जहाज केरल के तट के करीब डूबा है। सबसे पहले जहाज का अगला हिस्सा झुक गया था। इस कारण उसके कंटेनर समुद्र में गिरने लगे। धीरे-धीरे वह डूबने लगा। हालांकि उससे पहले मालवाहक जहाज की कंपनी ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क साथा। कुछ घंटों में ही भारत ने बचाव अभियान शुरू किया। जहाज में चालक दल के कुल 24 लोग सवार थे। 

 

कंपनी ने अधिकारियों को बताया कि उनका मालवाहक जहाज 26 डिग्री तक झुक गया है। विझिनजाम बंदरगाह से रवाना होने के कुछ घंटे बाद ही यह हादसा हुआ। भारतीय नौसेना तुरंत मुस्तैद हुई और सबसे पहले आईएनएस सुजाता को भेजा गया। चालक दल के सभी सदस्यों को बचा लिया गया है। बचाए गए लोगों में 20 फिलीपींस, दो यूक्रेन और जॉर्जिया व रूस के एक-एक नागरिक शामिल है। 

कैसे डूबा जहाज?

जहाज का अगला हिस्सा 26 डिग्री झुक गया था। कंटेनर भी गिरने लगे। इससे संतुलन बिगड़ा। 184 मीटर लंबा यह विशाल जहाज है। अंदर पानी भरने के कारण जहाज डूब गया। उसके कंटेनर समुद्र में उतरा रहे हैं। सबसे पहले चालक दल के 21 लोगों को बचाया गया था। इसके बाद नौसेना ने तीन अन्य लोगों को बचाया। तटरक्षक महानिरीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) भीष्म शर्मा का कहना है कि मुझे लगा कि जहाज स्थिर हो जाएगा। मगर पानी घुसने से वह डूब गया। नौसेना के जहाज आईएनएस सुजाता ने बाकी तीन चालक दल के सदस्यों को बचा लिया है। तटरक्षक बल स्थिति की निगरानी में जुटे हैं। 

केरल ने क्या एडवाइजरी जारी की?

संकट के बीच केरल का आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भी अलर्ट है। उसने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से किसी कार्गो कंटेनर या तेल रिसाव को न छूने की अपील की गई है। यह भी कहा गया है कि अगर कोई कंटेनर समुद्र तट पर दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। प्राधिकरण को आशंका है कि कंटेनर बहकर तट के किनारे आ सकते हैं। 

जहाज के डूबने से क्या खतरा?

  • भीष्म शर्मा ने बताया कि जहाज पर लदे कंटेनर समुद्र में इधर-उधर उतरा रहे हैं। इससे अन्य जहाजों को खतरा है। खतरा यह भी है कि ये कंटेनर किनारे भी आ सकते हैं। केरल के मुख्य सचिव ने एक बैठक बुलाई है। इसमें कंटेनरों से होने वाले खतरे पर बात की जाएगी।
  • तटरक्षक बल ने बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाई। अब जहाज के आसपास निगरानी की जा रही है। खतरा यह है कि जहाज के 12 कंटेनरो में कैल्शियम कार्बाइड भरा है। वहीं ईंधन टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल भी है। केरल का तट जैव विविधता के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। अगर डीजल का रिसाव होता है तो यहां के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
  • तटरक्षक बल ने संकट से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। केरल सरकार के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्नत तेल रिसाव मैपिंग तकनीक वाले विमान से निगरानी की जा रही है। तटरक्षक बल के प्रवक्ता का कहना है कि अभी तक तेल रिसाव के संकेत नहीं मिले हैं। अब इस पर भी विचार किया जा रहा है कि क्या जहाज को खींचा जा सकता है या नहीं। 

 

 

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