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विदेशियों की भारत में एंट्री होगी मुश्किल? इमिग्रेशन बिल की पूरी ABCD

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल पेश किया है। बिल के कानून बनने के बाद पुराने 4 कानून रद्द हो जाएंगे। इस बिल के कानून बनने पर विदेशी नागरिकों से जुड़े कई नियम-कायदे बन जाएंगे।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

संसद में मंगलवार को विदेशी नागरिकों से जुड़ा एक अहम बिल पेश हुआ। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बिल को पेश किया है। इस बिल का नाम 'इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025' है। इस बिल के पेश होने पर संसद में जोरदार हंगामा भी हुआ। हंगामे पर नित्यानंद राय ने साफ किया कि 'किसी को भारत आने से रोकने के लिए इस कानून को नहीं लाया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इमिग्रेशन कानून जरूरी है।'


इस बिल में कई सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसलिए इस पर बवाल हो रहा है। इस पर जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, 'भारत आर्थिक रूप से बढ़ रहा है, इसलिए सरकार ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों के आने के लिए सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देना भी सरकार की जिम्मेदारी है।'


बिल के कानून बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर विदेशी नागरिकों को वीजा देने से इनकार किया जा सकता है। विदेशियों के भारत आने पर उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है। भारत में आने और बाहर जाने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर जेल भेजा जा सकता है।

 

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4 पुराने कानून हो जाएंगे खत्म

अगर यह बिल कानून बनता है तो इससे 4 पुराने मौजूदा कानून खत्म हो जाएंगे। इस बिल के कानून बनने के बाद पासपोर्ट (एंट्री इन्टू इंडिया) एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939, फॉरेनर्स एक्ट 1946 और इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलिटी) एक्ट 2000 खत्म हो जाएगा।

क्या-क्या बदल जाएगा इससे?

इस बिल के कानून बनने के बाद विदेशी नागरिकों के भारत में आने पर सख्ती बढ़ जाएगी। प्रस्तावित बिल के मुताबिक, कोई भी विदेशी व्यक्ति बिना वैध पासपोर्ट, वीजा और ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के न तो भारत आ सकेगा और न ही भारत आने की कोशिश करेगा। इमिग्रेशन ऑफिसर के पास विदेशियों के दस्तावेज चेक करने का अधिकार होगा। विदेशियों के दस्तावेज जब्त किए जा सकते हैं। 


अगर कोई भी विदेशी व्यक्ति भारत में अवैध एंट्री करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़े जाने पर 2 से 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


कोई भी विदेशी नागरिक अगर 180 दिन से ज्यादा समय के लिए भारत आ रहा है, तो उसे रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। हालांकि, पर्यटकों को इससे छूट मिली है, क्योंकि टूरिस्ट वीजा इतने लंबे समय के लिए नहीं दिया जाता। वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रहते हुए पकड़े जाने पर 3 साल की जेल और 3 लाख रुपये तक की सजा हो सकती है।


बिल में प्रावधान है कि भारत आने वाले हर विदेशी व्यक्ति को हमेशा अपने साथ सारे वैध दस्तावेज रखने होंगे। अगर कोई विदेशी व्यक्ति फर्जी दस्तावेज के जरिए भारत से बाहर जाने की कोशिश करता है तो उसे भी 7 साल तक की जेल हो सकती है।

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बिल में एक प्रावधान यह भी

प्रस्तावित बिल में एक अहम प्रावधान यह भी किया गया है कि अगर किसी अगर किसी मेडिकल या एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में कोई विदेशी रह रहा है, तो उसकी जानकारी अथॉरिटी को देनी होगी। इतना ही नहीं, अगर घर पर भी किराये में कोई विदेशी है तो उसकी जानकारी भी देने का प्रावधान इस बिल में किया गया है। 


इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी शैक्षणिक संस्थान के हॉस्टल में कोई विदेशी छात्र है तो उसका रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा। किसी अस्पताल में कोई विदेशी व्यक्ति भर्ती है तो उसका भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।


और तो और, प्रस्तावित बिल में एयरलाइन और शिप कैरियर की जवाबदेही भी तय की गई है। अगर किसी एयरलाइन या शिप में कोई विदेशी व्यक्ति बिना वैध दस्तावेज के आ रहा है तो उसकी जानकारी देनी होगी। अगर कैरियर ऑपरेटर इसे छिपाते हैं तो 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


हालांकि, इस पर नित्यानंद राय ने सफाई देते हुए कहा कि यह प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं, बस इन्हें अब कानून बनाया जा रहा है।

इस नए बिल की जरूरत क्यों?

प्रस्तावित बिल में इसे लाने का कारण भी बताया गया है। इसमें लिखा है, 'मौजूदा कानून न केवल संविधान के बनने से पहले के हैं, बल्कि इन्हें पहले और दूसरे विश्व युद्ध के समय में भी लाया गया था। मौजूदा कानूनों में एक जैसे प्रावधान हैं। ऐसे में एक नए कानून की जरूरत है।'

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