भारत पर अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ पर पीएम मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई बढ़ी हुई घरेलू मांग से की जा सकती है। उन्होंने टैरिफ से होने वाले कुछ प्रतिकूल प्रभावों को भी स्वीकार किया है और कहा कि नौकरियां का नुकसान अमेरिका को निर्यात करने वाली यूनिटों तक सीमित रहेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई बढ़ती ग्रामीण मांग की वजह से घरेलू बाजार में आई तेजी से हो सकती है। देश में मानसून बहुत अच्छा रहा है। कृषि और ग्रामीण मांग बढ़ेगी। नागेश्वरन ने दावा किया कि टैरिफ के कारण अमेरिकी निर्यात पर निर्भर यूनिटों तक ही नौकरियों का नुकसान सीमित रहेगा। अगर कोई नौकरियां जाती हैं तो वह बहुत बड़ी प्रकृति की नहीं होंगी।
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टैरिफ पर अपनी प्रतिक्रिया में वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि कुछ प्रतिकूल प्रभाव होंगे। अमेरिका पर निर्भर निर्यात उन्मुख यूनिटों तक नौकरियों का नुकसान सीमित रहेगा। इनमें कुछ वैकल्पिक बाजार को भी खोज लेंगे। कुछ मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी अपना सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर टैरिफ से संबंधी अनिश्चितता अस्थायी और नियंत्रित रहती है तो वह उससे आगे का विकल्प चुन सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि वह अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दें। मैं यह बताना चाहता हूं कि बढ़ी हुई घरेलू मांग से इसकी भरपाई हो सकती है। हमारे यहां मानसून बहुत अच्छा रहा है। कृषि और ग्रामीण मांग बढ़ेगी। इस कारण यह जरूरी नहीं है कि अगर नौकरियां जाती भी हैं तो वे बहुत बड़ी प्रकृति की होंगी।
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भारत पर अमेरिका ने क्यों लगाया टैरिफ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 7 अगस्त को भारत पर 25 फीसदी और उसके बाद 27 अगस्त से 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया। भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लागू है। टैरिफ के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। अमेरिका ने भारत पर दोनों टैरिफ अलग-अलग मुद्दों पर लगाया है। 7 अगस्त वाला टैरिफ इस वजह से लगा कि भारत 1 अगस्त से पहले अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं कर सका। दूसरे बार टैरिफ का ऐलान रूस से तेल और हथियार खरीदने के नाम पर किया गया।