सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ बोर्ड पर सुनवाई शुरू की और इस दौरान केंद्र से कई तरह से सवाल पूछे। वक्फ बिल पर सीजेआई संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस केवी विश्वनाथन और संजय कुमार सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या आप किसी हिंदू बोर्ड में किसी मुसलमान को शामिल किए जाने की अनुमति देंगे।
कोर्ट ने वक्फ बाय यूज़र पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि वक्फ बाय यूजर को अगर खत्म कर देंगे तो बहुत से लोगों के पास वक्फ को रजिस्टर करने के लिए दस्तावेज नहीं होंगे।
वक्फ बाय यूजर के जरिए अगर कोई संपत्ति लंबे समय से प्रयोग में लाई जा रही है तो इसी आधार पर उसे वक्फ की संपत्ति घोषित की जाती है। कोर्ट ने पूछा कि इस वक्फ बाय यूजर को आप कैसे रजिस्टर करेंगे। उनके पास किस तरह के डॉक्युमेंट्स हैं। यह किसी चीज को खत्म करने जैसा है। हां, कुछ को गलत तरीके से प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन तमाम सही भी हैं।
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डिनोटिफाई नहीं कर सकते
कोर्ट ने कहा कि कोर्ट द्वारा वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा या गैर-वक्फ नहीं माना जाएगा, चाहे वह वक्फ बाय यूजर हो या नहीं. कलेक्टर काम जारी रख सकते हैं, लेकिन ये प्रावधान प्रभावी नहीं होंगे। कोर्ट ने कहा कि जहां तक बोर्ड और काउंसिल का सवाल है तो पदेन (एक्स-ऑफिशियो) सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं, लेकिन अन्य सदस्य मुस्लिम होने चाहिए।
मुस्लिमों को बोर्ड में शामिल किए जाने पर वरिष्ठ एडवोकेट ने कहा, 'वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना अनुच्छेद 26 का सीधा उल्लंघन है।' वक्फ अधिनियम 2025 में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व की अनुमति दिए जाने पर सिब्बल ने कहा कि यह कानून इस देश के करोड़ों लोगो आस्था का संसदीय अतिक्रमण है।'
सुप्रीम कोर्ट में हो सुनवाई
चूंकि इस मामले में कई याचिकाएं पड़ी थीं इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसको लेकर तीन विकल्प हैं या तो इस मामले को सुनें या फिर इसे हाई कोर्ट भेज दें या फिर हाई कोर्ट से मामले यहां मंगा लें, लेकिन इस पर सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वक्फ ऐक्ट के दूरगामी परिणाम होंगे इसलिए इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी चाहिए।
केंद्र ने क्या कहा?
वक्फ संशोधन अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के रेग्युलेशन और मैनेजमेंट में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करना है। केंद्र ने साफ तौर पर कहा है कि यह ऐक्ट मुस्लिम समुदाय को टारगेट नहीं करता है, बल्कि इसका उद्देश्य ‘पिछली गलतियों’ को सुधारना है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा था कि सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि भारत में किसी के लिए ‘जबरन और एकतरफा’ किसी अन्य व्यक्ति की भूमि पर कब्जा करने का कोई प्रावधान न हो। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में कहा कि यह कानून ‘मुसलमानों और मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन करता है’।
जबकि विपक्ष ने कानून की वैधानिकता को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान सहित कई राज्य वक्फ कानून का बचाव करने के लिए इसमें शामिल हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई जारी रखेगी। सीजेआई संजीव खन्ना ने वक्फ कानून के बाद देश भर में हुई हिंसा की आलोचना की।