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न्याय दिलाने वाले जज हो जाएं 'भ्रष्ट' तो सुनवाई कौन करता है?

भारत में अगर किसी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो इसकी सुनवाई और जांच कौन करता है? यहां समझें पूरी प्रक्रिया

Justice Yashwant Varma case

सांकेतिंक तस्वीर, Photo Credit: Pixabay

15 मार्च, 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल कर्मियों को बुलाया गया। इस दौरान बंगले में पुलिस को बड़ी मात्रा में अधजले नोटों से भरा बोरियां का ढेर मिला। अधिकारियों के बाद यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इस मामले में एक्शन लेते हुए तुरंत सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक बुलाई जिसमें जस्टिस वर्मा के तबादला इलाहबाद हाई कोर्ट करने का फैसला लिया गया। 

 

जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले की सुनवाई इस समय सुप्रीम कोर्ट के हाथों है और वह अपने स्तर से जांच शुरू कर चुकी है। मामले का हर कच्चा-चिट्ठा सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक डोमेन में पेश कर दिया है। इसमें नोटों के ढेर की अधजली तस्वीर भी शामिल है। 

 

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अगर किसी जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो क्या होता है? 

कई आम लोगों का हमेशा से सवाल रहता है कि भारत में अगर किसी जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो इसकी सुनवाई और जांच कौन करता है? वैसे तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि मामला किस स्तर के जज से जुड़ा है? जैसे- निचली अदालतों के जज, हाई कोर्ट के जज या सुप्रीम कोर्ट के जज। तो आइये समझतें है कि अगर किसी जज पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा तो इसकी सुनवाई कौन और कैसे होती है? 

 

निचली अदालतों (Lower Courts) के जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो जांच कौन करता है?

बता दें कि जिला और सत्र न्यायाधीशों की नियुक्ति और अनुशासन की जिम्मेदारी संबंधित हाई कोर्ट की होती है। अगर किसी निचली अदालत के जज पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है तो हाई कोर्ट की प्रशासनिक कमेटी या विजिलेंस विभाग जांच कर सकता है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) या राज्य की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी भी जांच कर सकती है।

 

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सुनवाई कौन करता है?

मामला गंभीर होने पर हाई कोर्ट जांच के आदेश दे सकता है और आरोपी जज को सस्पेंड या बर्खास्त किया जा सकता है। अगर आपराधिक मामला बनता है, तो जज पर मुकदमा चल सकता है, जिसकी सुनवाई सेशन कोर्ट या हाई कोर्ट में होती है।

 

हाई कोर्ट के जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो जांच कौन करता है?

हाई कोर्ट के जजों की जांच की अनुमति केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की एक समिति दे सकती है। अगर मामला बड़ा है, तो CBI, ED (Enforcement Directorate), या अन्य जांच एजेंसियां जांच कर सकती हैं लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी होती है। जस्टिस यशवंत वर्मा केस की भी जांच सुप्रीम कोर्ट ही कर रही है। 

 

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सुनवाई कौन करता है?

हाई कोर्ट के जज को हटाने की प्रक्रिया संसद के महाभियोग के जरिए होती है फिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतिम निर्णय देता है।

 

सुप्रीम कोर्ट के जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो जांच कौन करता है?

सुप्रीम कोर्ट के किसी जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर, जांच की अनुमति केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष समिति दे सकती है। संसद के महाभियोग प्रस्ताव के जरिए जज को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

 

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सुनवाई कौन करता है?

अगर मामला बहुत गंभीर है, तो संसद में महाभियोग प्रक्रिया के तहत लोकसभा और राज्यसभा में बहस होती है। अगर संसद बहुमत से प्रस्ताव पास कर देती है, तो राष्ट्रपति उस जज को बर्खास्त कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस पर अंतिम कानूनी निर्णय ले सकता है।

 

क्या किसी सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं?

भारत में कई बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं लेकिन महाभियोग के जरिए अब तक किसी भी जज को हटाया नहीं गया है।

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