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चाहकर भी बच्चे क्यों पैदा नहीं कर रहे भारत के लोग? चौंकाने वाली वजह

भारत में लोग बच्चा पैदा करने से डर रहे हैं। इसके पीछे कई वजह सामने आई हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक 2061 के बाद भारत की आबादी घटने लगेगी।

Fertility rate of India.

बच्चा पैदा करने से क्यों डर रहे भारतीय? (AI Generated Photo)

2084 तक दुनिया की आबादी 10.3 बिलियन तक पहुंच जाएगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी और 2100 तक लगभग 10.2 बिलियन तक हो जाएगी। पिछले 75 साल में दुनिया की आबादी लगभग तीन गुना से अधिक रफ्तार से बढ़ी है। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक भारत की आबादी 2061 तक बढ़कर 1.7 बिलियन तक पहुंच जाएगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी और 2100 तक घटकर 1.5 बिलियन तक आ सकती है। 

 

सबसे बड़ा संकट चीन के सामने है। अगले 75 साल में उसकी आबादी तेजी से घटेगी। मौजूदा 1.40 अरब की जनसंख्या घटकर 63.3 करोड़ रह जाएगी। अब चीन की सरकार लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। तीन साल से कम उम्र के हर बच्चे को 1500 डॉलर देने की पेशकश की है। मगर इस बीच भारत के बारे में एक रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा रही है। 

 

यह भी पढ़ें: घटती आबादी से परेशान हुआ चीन, अब बच्चा पैदा करने के लिए देगा 1500 डॉलर

गिरने लगी भारत की प्रजनन दर

भारत में अब परिवारों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। प्रजनन दर में भी गिरावट आई है। बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो अधिक बच्चे तो पैदा करना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े। भारत में 1970 में प्रति महिला लगभग 5 बच्चों को जन्म देती थी। मगर अब यह घटकर 2 बच्चों तक पहुंच गई है। जनसंख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए किसी भी देश के लिए प्रजनन दर कम से कम 2.1 फीसदी होना जरूरी होता है। मौजूदा समय में देश की प्रजनन दर 2.0 है। यानी प्रति महिला दो बच्चों का जन्म हो रहा है। दो दशक पहले 2005 में यह दर 2.9 थी।

इन राज्यों में प्रजनन दर कम

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की विश्व जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट- 2025 के मुताबिक मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में प्रजनन दर हाई है। दूसरी तरफ केरल, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे प्रदेशों में कम है। सर्वे में शामिल 30 फीसदी लोगों का कहना है कि वह अपनी चाहत से कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। लगभग 36 फीसदी लोगों ने अनचाहे गर्भावस्था की बात स्वीकारी है।

 

 

प्रदेश प्रजनन दर
बिहार 3.0
मेघालय 2.9 
झारखंड 2.3
उत्तर प्रदेश 2.3
मणिपुर 2.2 

 

क्यों कम बच्चे पैदा कर रहे भारत के लोग?

सर्वेक्षण के मुताबिक देश में 33 फीसदी पुरुष और 41 फीसदी महिलाओं की ख्वाहिश दो बच्चों की है। एक बच्चे की चाहत रखने वालों की संख्या बहुत कम है। आर्थिक तंगी के कारण भारत में बहुत से लोग उतने बच्चे पैदा नहीं कर पाते हैं, जितनी उनकी चाहत होती है। भारत में 10 में से 4 लोगों का मानना है कि आर्थिक तंगी के कारण वह मनचाहा परिवार नहीं बढ़ा पा रहे हैं। 21 फीसदी लोगों ने नौकरी पर संकट के कारण कम बच्चे पैदा करने की बात मानी। 

 

22 फीसदी लोगों ने घर की कमी और 18 फीसदी ने बच्चों की उचित देखभाल के अभाव के कारण अपनी ख्वाहिश से कम बच्चे पैदा करने की बात मानी। 19 फीसदी लोगों की इच्छा तो अधिक बच्चे पैदा करने की थी। मगर उन्हें परिवार और पत्नी से कम बच्चे पैदा करने का दबाव झेलना पड़ा। कई लोगों ने जलवायु परिवर्तन, राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता के कारण कम बच्चे पैदा करने पर जोर दिया। 14 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें डॉक्टरों से कम बच्चे पैदा करने के दबाव के बाद फैसला बदलना पड़ा।

 

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बांझपन से जूझ रही भारत की 16.8 फीसदी आबादी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत की लगभग 3.9 से 16.8 फीसदी तक आबादी बांझपन से जूझ रही है। इस वजह से भी दंपत्ति मनचाहे बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं। सर्वे में शामिल 30 फीसदी लोगों ने माना कि वह मनचाहे बच्चे पैदा करने में असमर्थ रहे हैं। साल 2100 तक दुनिया की जनसंख्या पूरी तरह से बदल चुकी होगी। तब तक विश्व की 60 फीसदी आबादी कांगो, इथियोपिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान और तंजानिया में रहेगी।

 

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