पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी सतलुज-यमुना लिंक (SYL) जल विवाद पर एक आम सहमति नहीं बना पाए हैं। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में बुधवार को हुई बैठक बेनतीजा रही, अब एक बार फिर से दोनों मुख्यमंत्री मिल रहे हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि बैठक करने की जगह पंजाब सरकार पर न्यायालय के आदेशों कि अवमानना का केस दायर करना चाहिए। सीएम भगवंत मान का कहना है कि पंजाब के पास इतना अतिरिक्त पानी नहीं है कि वह किसी और राज्य को पानी दे, वहीं नायब सैनी का कहना है कि जल्द ही इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा। पंजाब सरकार खुद भी इस मुश्किल का समाधान चाहती है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में सीएम भगवंत मान और सीएम नायब सैनी के बीच बैठक हुई। दशकों पुराने इस विवाद पर 6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोनों राज्यों और केंद्र को बातचीत के जरिए एक आम सहमति बनानी चाहिए। भगवंत मान के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सतलुज यमुना लिंक की जगह यमुना सतलुज लिंक पर जोर देना चाहिए। सतलुज के पास पानी नहीं है, सूखी नदी है।
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एक बूंद पानी नहीं देंगे: भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा कि गंगा और यमुना का पानी, पंजाब को भी सतलुज के जरिए मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सारदा-यमुना लिंक को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए। सतलुज पहले से ही सूख रही है, उसके एक बूंद पानी को बांटा नहीं जा सकता है।
भगवंत मान की ओर से कहा गया कि गंगा और यमुना के पानी को पंजाब भेजा जाना चाहिए। सतलुज इसका माध्यम बन सकती है। इसके लिए सही जगह ढूंढने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक एक भावनात्मक मुद्दा है, इस प्रोजेक्ट के लिए हमारे पास जमीन नहीं है।
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झेलम से चेनाब तक का पानी चाहते हैं भगवंत मान
भगवंत मान ने कहा, 'सिंधु जल समझौता रद्द होने की वजह से भारत के पास अतिरिक्त पानी को सहेजने का अवसर है। हमें पानी के दोगुने इस्तेमाल की जरूरत है। सिंधु, चेनाब और झेलम से पानी लाने की जरूरत है। इससे हमारी पानी की जरूरतें पूरी हो जाएंगी।'
सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। सिंधु जल समझौता 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने रद्द कर दिया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि 5 अगस्त को इस मुद्दे पर अगली बैठक होगी। भगवंत मान के साथ इस पर बैठक हो सकती है।
क्या है सतलुज-यमुना लिंक प्रोजेक्ट?
साल 1978 में हरियाणा रावी नदी और ब्यास नदी के पानी के लिए 212 किलोमीटर लंबी सतलुज यमुना लिंक नहर विकसित करने की प्रस्तावना तैयार हुई थी। इसका 91 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में और 121 किलोमीटर पंजाब में प्रस्तावित है। हरियाणा ने 1979 में अपने प्रोजेक्ट का ज्यादातर हिस्सा पूरा कर लिया है, वहीं पंजाब ने अभी तक यह काम पूरा नहीं किया है।