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सेवा से सुरक्षा तक, सेनाओं के लिए इतना अहम क्यों होता है बंकर?

हर लड़ाई में सैनिकों के लिए सबसे सुरक्षित पनाहगार होता है बंकर। कभी सोचा है कि ये बनता कैसे है, सेना बंकर बनाती क्यों है, क्या कुछ होता है इसमें। आइए जानते हैं।

Army Bunker

मजबूत बंकरों में सेनाएं अपने हथियार भी रखती हैं। यहां हर तरह की सुविधाएं होती है। (इमेज क्रेडिट- www.freepik.com)

सैनिक, सीमाओं या युद्धग्रस्त जगहों पर अपनी सुरक्षा के लिए बंकर बनाते हैं। यह जमीन के अंदर ऐसी जगह होती है, जहां सैनिकों के हथियार से लेकर खाने-पीने तक के सारे सामान होते हैं। कई बार बमबारी और आक्रमणों से बचने के लिए भी सैनिक बंकर बनाते हैं, जिसमें छिपकर वे दुश्मनों पर तो नजर रखते हैं लेकिन खुद सुरक्षित रखते हैं। जिन इलाकों में मोर्टार शेलिंग होती है, बमबारी होती है, उन इलाकों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी जमीन के अंदर बंकर बनाए जाते हैं। जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के सीमावर्ती गांवों में ऐसे कई बंकर बनाए गए हैं।|
 

क्या होता है बंकर का इस्तेमाल?
बंकर का इस्तेमाल आमतौर पर युद्ध के दिनों में ही होता है। रणनीतिक रूप से अहम जगहों पर सैनिक, बंकरों में ही अहम हथियारों को जमा करते हैं। बंकर उनके लिए शस्त्रागार का भी काम करता है। जब सैनिकों का काम पूरा हो जाता है, तब वे बंकरों को उड़ा भी देते हैं। भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास बहुत से अस्थाई बंकर बनाए हैं।

कैसे बनते हैं बंकर?
बंकरों की कई किस्में होती हैं। जिन बंकरों को सेना बनाती है, उन्हें आमतौर पर कंक्रीट और बेहद मजबूत तरीके से बनाया जाता है, जिस पर हमलों का भी असर न हो। युद्धक्षेत्र में बने इन बंकरों पर अगर दुश्मन देश बम भी गिराएं तो कंक्रीट की मोदी दीवारों को भेदकर बम अंदर तबाही न मचाए पाए। कुछ इलाके, जहां लगातार फायरिंग होती रहती है, मोर्टार दागे जाते हैं, वहां अंदर सुरंग जैसी सरंचनाएं बनाई जाती हैं, जिन्हें आसानी से देखा नहीं जा सकता है। बंकरों को आमतौर पर बेहद गुप्त तरीके से बनाया जाता है, जिससे लोगों को जरा भी खबर न होने पाए। यूक्रेन में रूसी सेना के हमले से बचने के लिए ऐसे कई बंकर बनाए गए हैं।

कैसे जान बचाते हैं बंकर?
बंकर दूसर से नजर नहीं आते हैं। जब बमबारी या शार्प शूटिंग होती है तो दुश्मन घरों को, सैन्य कैंपों को निशाना बनाकर हमला करते हैं। बंकर,जमीन के अंदर की संरचना होती है तो उन्हें खबर भी नहीं होती। बंकरों में वेंटिलेशन का ख्याल रखा जाता है। इसे कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है, जिससे बाहर वाले को भले ही कुछ न नजर आए लेकिन अंदर मौजूद लोगों को बाहरी दुनिया की खबर होती रहे। 

पहली बार कब बनाए गए थे बंकर?
बंकरों का इतिहास सदियों पुराना है। प्रथम विश्वयुद्ध (1914 से 1918) के दौरान फ्रांस की पूर्वी सीमा पर मैग्नोइट लाइन पर, चेकेस्लोवाक सीमा पर खूब बंकर बनाए गए थे। बेल्जियम और इटली के दक्षिणी हिस्सों में भी बंकर बनाए गए। द्वितिय विश्वयुद्ध में इटली में मैरिनेट बंकर, जर्मनी और फ्रांस में बंकर बनाए गए थे। दुनियाभर में युद्ध में शामिल देशों में बंकर बने थे।

कहते हैं कि रूस ने तो बंकरों में ही अपने परमाणु हथियारों को छिपा रखा है।

 

दुनिया के कई देश ऐसा करते हैं। वहां आयुध भंडारण किया जाता है। व्हाइट हाउस में भी एक ऐसा बंकर है, जब अगर आपातकालीन स्थिति आए तो राष्ट्रपति को छिपाया जा सके। दुनिया के कई देश, जहां हमेशा युद्ध का खतरा रहता है, वहां आधिकारिक और नागरिक इलाकों में ऐसे गोपनीय बंकर बनाए जाते हैं।

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