• GEORGETOWN 27 May 2025, (अपडेटेड 27 May 2025, 8:35 AM IST)
साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में कैरिबियाई देशों के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की थी। आखिर इन देशों से भारत को क्या मिलता है, क्यों ये देश जरूरी हैं, आर्थिक तौर पर इनकी अहमियत क्या है, इन्हें समझते हैं।
गुयाना में भारत का संसदीय प्रतिनिधिमंडल। (Photo Credit: PTI)
भारत ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल अब कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर की अगुवाई में गुयाना पहुंचा है। गुयाना के उपराष्ट्रपति भरत जगदेव और प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स ने वादा किया है कि आतंकवाद की खिलाफ लड़ाई में उनका देश, भारत के साथ है। भारत कैरीबियाई देशों को साधने में दशकों से कामयाब रहा है। सिर्फ गुयाना ही नहीं, बारबाडोस, बेलीज, डोमिनिका और एंटीगुआ जैसे देशों के साथ भारत बेहतर रिश्ते रखता है।
गुयाना की 39.8 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है। भारत के साथ गुयाना के संबंध दशकों पुराने हैं। ब्रिटिश इंडिया में हिंदुस्तानी मजदूरों की एक बड़ी संख्या वहां गई और फिर कभी नहीं लौटी। गुयाना के सांस्कृति मूल्यों में भारतीयता की झलक मिलती है। सिर्फ गुयाना ही नहीं, कैरिबियाई देशों के साथ भी भारत के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। आखिर इन देशों के साथ भारत क्यों बेहतर रिश्ते चाहता है, क्या मिलता है, विस्तार से समझते हैं।
कैरिबियाई देश कौन से हैं?
एंटीगुआ और बारबूडा
बहामा
बारबाडोस
बेलीज
डोमिनिका
ग्रेनेडा
गुयाना
हैती
जमैका
मोंटेसेराट
सेंट लूसिया
सेंट कीट्स और नेविस
सेंट विसेंट और ग्रेनाडाइंस
सूरीना
इसके अलावा एंगुइला, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, केमन द्वीपसमूह, कुराकाओ और तुर्क और कोस द्वीप समहू सहयोगी सदस्य हैं।
कैरीबिया का मतलब क्या? कैरिबिया समुदाय (CARICOM) 21 देशों का समूह है। 15 सदस्य देश होते हैं, 6 सहयोगी सदस्य होते हैं। कुल 1 करोड़ 60 लाख लोगों की आबादी वाले इन देशों की 6-0 फीसदी आबादी युवा है। दिलचस्प बात यह है कि इन देशों में भारतीय, चीन के लोग, यूरोपीय, पुर्तगाली और अमेरिका से आकर लोग बसे हैं। यहां की अधिकांश आबादी बाहरी थी, कुछ स्थानीय समुदाय भी यहां रचे-बसे हैं। इन देशों की मुख्य भाषा अंग्रेजी है। ज्यादातर देश विकासशील हैं, बेलीज, गुयाना और सूरीनाम को छोड़कर दूसरे सभी देश द्वीप देशों में आते हैं। इन देशों की आबादी कम है लेकिन खूब विविधता है।
CARICOM देशों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PIB)
भारत को कैरीबियाई देशों से क्या मिलता है? कैरीबियन देश, भारतीय उत्पादों के बड़े आयातकों में से एक है। भारत और कैरीबियन देशों का व्यापार साल 2023-24 में करीब 359 मिलियन डॉलर रहा है।
किस देश के साथ भारत का कितना कारोबार है? आयात
जमैका- 109.15 मिलियन डॉलर
त्रिनिदाद- 109.06
बहमास- 106.34
हैती- 105.54
गुयाना- 99.36
सूरीनाम- 29.25
बारबाडोस- 18.83
एंटीगुआ- 14.97
बेलीज- 13.47
एंटीगुआ- 14.97
सेंट लूसिया- 7.26
सेंट किट्स एंड नेविस- 4.99
ग्रेनेडा- 4.40
डोमिनिका 2.53
सेंट विंसेट 2.38
मोंटेसेराट 0.12
निर्यात
त्रिनिदाद- 259
सूरीनाम- 22.60
बहमास- 20.84
बेलीज- 18.57
हेती- 15.26
जमैका- 7.48
गुयाना- 6.61
बारबाडोस- 3.25
ग्रेनाडा- 1.91
सेंट लूसिया- 1.23
एंटीगुआ- 0.84
डोमिनिका- 0.50
सेंट किट्स एंड नेविस- 0.11
सेंट विनसेट- 0.10
मोंटेसेराट- 0
(सभी आंकड़े मिलियन डॉलर में हैं।) (सोर्स: इंडिया ब्रीफिंग)
CARICOM देश भारत के लिए अहम क्यों हैं? भारत CARICOM देशों के साथ बेहतर संबंध चाहता है। हर साल कैरीबियाई देशो के साथ व्यापार के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। साल 2019 से ही भारत इन देशो के साथ अपना व्यापार बढ़ा रहा है। इन देशों में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है। पेट्रोलियम के खजाने हैं। भारत यहां क्रूड ऑयल सोर्सिंग, नेचुरल गैस प्रोजेक्ट, इन्फ्ट्रक्चर डेवलेपमेंट पर काम कर रहा है। हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में भी भारत इन देशों को प्राथमिकता से देखता है।
गुयाना: भारत और गुयाना के बीच 10 बड़े समझौते साल 2024 में हुए। इनमें तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग, कृषि में वैज्ञानिक अनुसंधान, सस्ती दवाओं के लिए जनऔषधि योजना और UPI पर बात हुई। रक्षा मसौदे पर चर्चा हुई।
त्रिनिदाद और टोबैगो: ग्रीन एनर्जी, हेल्थकेयर, डिजिटल क्षेत्र में काम, UPI सिस्टम अपनाने और कृषि मैन्युफैक्चरिंग पर अहम समझौता किया।
बारबाडोस: दोनों देशों के पीएम ने स्वास्थ्य, दवा, और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर सहयोग पर जोर दिया।
डोमिनिका: भारत और डोमिनिका के बीच हेल्थ केयर सेक्टर में क्रांतिकारी सहयोग की बातचीत हुई है।
सूरीनाम: भारत ने सूरीनाम के साथ व्यापार, आयुर्वेद, हेल्थकेयर, रक्षा, और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश की बात कही है।
एंटीगुआ और बारबुडा: एंटीगुआ और भारत के बीच बेहतर संबंध है। व्यापार, निवेश और क्लाइमेट पर सहयोग।
सेंट लूसिया: दोनों देश ने स्वास्थ्य, शिक्षा, क्रिकेट और योग पर कई संयुक्त उपक्रम चला रहे हैं।