चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत को अपने रणनीतिक तौर पर अहम हथियारों को अपग्रेड करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह अब अनिवार्य है कि देश की सैन्य क्षमता बढ़ा दी जाए। उन्होंने कहा कि आज का युद्ध, कल की तकनीक के जरिए लड़ा जाना चाहिए।
काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम (C-UAS) के एक वर्कशॉप को संबोधित करते हुए उन्होंने बुधवार को कहा कि नए दौर के हथियार, देश की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि अब युद्ध के नए दौर में अत्याधुनिक हथियार और तकनीक ही जीतने का जरिया हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास कल के हथियार हैं तो हम उनसे आज की जंग नहीं जीत सकते।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि विदेशी हथियारों पर निर्भरता, हमारी युद्ध नीतियों को कमजोर करती है। उन्होंने हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की भी वकालत ही है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान पहले ही यह आगाह कर चुके हैं पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित ड्रोनों की तैनाती है, सीमा पर नजर रखी जा रही है।
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जंग में ड्रोन निभाएंगे अहम भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने मई में कहा था कि पाकिस्तान ने ड्रोन और हथियारों की तैनाती सीमावर्ती इलाकों में की थी लेकिन उन्हें हवा में ही मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि नए दौर की जंग में ड्रोन अहम भूमिका निभाएंगे।

कितनी बदल गई है युद्ध रणनीति
जनरल अनिल चौहान ने कहा, 'हाल के विवादों में ड्रोन ने युद्धक रणनीति बदल दी है। युद्धों में उनका इस्तेमाल न केवल संभावना है, बल्कि वह है जिससे हम पहले ही जूझ रहे हैं।' ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से कई ड्रोन भारत में दागे गए थे, जिन्हें भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया था।

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कहां है ध्यान देने की जरूरत?
CDS ने कहा कहा है कि हमें अब हवाई आफत से निपटने की जरूरत है। हमें आसमान से आने वाले खतरे पर अलर्ट रहना होगा। हमें ड्रोन और एंटी ड्रोन तकनीक पर काम करना होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने पहले भी कहा है कि नए दौर के युद्ध के लिए सेना को नए हथियारों की जरूरत है।