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भारत में सोने की मांग बढ़ती ही क्यों जा रही

भारत में सोने की अधिक कीमत के बावजूद लोगों में इसके प्रति दीवानगी बढ़ती ही जा रही है। जानें क्या हैं इसकी वजह?

representational image : PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । पीटीआई

भारत में सोने की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। पिछले महीने नवंबर में सोने का आयात भारत में बढ़कर 14.86 बिलियन डॉलर पहुंच गया जो कि पिछले साल इसी महीने में 3.5 बिलियन डॉलर था। इस हिसाब से देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में सोने की मांग में चार गुना की वृद्धि हो गई है। भारत में आयात किए जाने वाले कुल सामानों में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी सोने की है।

 

पिछले साल की तुलना में इस साल का अप्रैल से नवंबर के बीच आयात में 49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसकी कुल कीमत 49 बिलियन डॉलर थी जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में सोने का आयात 32.93 बिलियन डॉलर था।

क्यों बढ़ रही सोने की खरीद?

निवेश पर ज्यादा लाभ

सोना हर साल लगभग 25 प्रतिशत का ग्रोथ दे रहा है, जो कि अन्य निवेश में बहुत कम देखने को मिलता है। साथ ही सोने का बढ़ता हुआ आयात यह भी दिखाता है कि इन्वेस्टर्स का इसमें काफी विश्वास है।

 

एसेट डाइवर्सिफिकेशन

सोने की खरीद अपने निवेश को डायवर्सिफाई करने के लिए भी की जाती है। एसेट डाइवर्सिफिकेशन का मतलब होता है निवेश को एक ही जगह न लगा करके कई जगह पर लगाना ताकि किसी एक सेक्टर के डूबने से आपकी पूरी संपत्ति न चली जाए। पूरी दुनिया में जो हालात हैं उसे देखते हुए भारत में सोने में निवेश करना बहुत कम खतरे वाला माना जाता है। इक्विटी मार्केट या शेयर बाजार तुलनात्मक रूप से ज्यादा रिस्की माने जाते हैं।

 

कस्टम ड्यूटी कम हुई

इसके अलावा सरकारी नीति भी इसमें काफी सहायक रही है। बजट में सरकार ने सोने के आयात पर लगने वाले शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया।

 

भारत सबसे ज्यादा सोना स्विटजरलैंड से खरीदता है जो कि भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कुल सोने का 40 प्रतिशत है. इसके बाद यूएई (16 प्रतिशत) फिर अफ्रीका (10 प्रतिशत) का स्थान आता है।

क्षेत्रवार और वर्गवार क्या हैं आंकड़े

मध्यम वर्ग खरीदता है खूब सोना

अगर वर्ग की बात करें तो अमीरों की तुलना में मध्यम वर्ग काफी मात्रा में सोना खरीदता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़े के मुताबिक भारत में कुल मांग का लगभग 50 प्रतिशत मध्यम वर्ग खरीदता है। चूंकि भारत में मध्यम वर्ग की संख्या बढ़ती जा रही है इसलिए सोने की मांग भी बढ़ रही है।

 

डेटा के मुताबिक भारत में साल 2010 में मध्यम वर्ग की संख्या लगभग 15 करोड़ थी जो कि साल 2021 में बढ़कर लगभग 35 करोड़ हो गई।

इनकम ग्रुप के हिसाब से देखें तो 2 लाख से 10 लाख सालाना की इनकम वालों में सोना खरीदने की प्रवृत्ति काफी ज्यादा है। 2 लाख से कम की आय वाले 19 प्रतिशत, 2 लाख से 5 लाख की इनकम ग्रुप वाले 30 प्रतिशत तो वहीं 5 लाख से 10 लाख तक की आय वाले करीब 10 प्रतिशत सोना खरीदते हैं।  

 

ग्रामीण भारत भी पीछे नहीं

वहीं बात ग्रामीण भारत की करें तो शहरी क्षेत्रों की तुलना में यहां सोना खरीदने की प्रवृत्ति ज्यादा है। हालांकि, अब इसमें थोड़ी सी गिरावट देखने को मिल रही है क्योंकि जैसे-जैसे सरकार ने वित्तीय समावेशन को गति दी है और लोगों के बैंक खाते खुले हैं, वे अब बैंकों में भी पैसे जमा कर रहे हैं। नहीं तो पहले वे ज्यादा से ज्यादा सोना अपने पास खरीद कर रखते थे।

 

दूसरा काफी लोग अब शहरों की तरफ भी जा रहे हैं, इसकी वजह से भी ग्रामीण भारत की जनसंख्या में कमी आ रही है।

 

दक्षिण भारत में मांग है ज्यादा

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारत में सोने की मांग ज्यादा है। भारत में खरीदे जाने वाले कुल सोने का 40 फीसदी दक्षिण भारत में खरीदा जाता है। इसमें भी केरल और तमिलनाडु सबसे आगे हैं।

 

हालांकि, हाल ही में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने सोने की खरीद के मामले में काफी तेजी दिखाई है। दक्षिण भारत में 22 कैरेट सोना ज्यादा खरीदा जाता है, लेकिन युवाओं में 18 कैरेट से बने आभूषण खरीदने की प्रवृत्ति अब बढ़ती जा रही है।

 

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