UGC के नए नियमों के बहाने RSS पर बरसे राहुल गांधी, पूरा मामला समझिए
देश
• NEW DELHI 06 Feb 2025, (अपडेटेड 06 Feb 2025, 2:23 PM IST)
UGC के नए ड्राफ्ट नियमों को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में आज दिल्ली में आयोजित एक प्रदर्शन में राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे नेता भी शामिल हुए।

विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए विपक्ष के नेता, Photo Credit: DMK
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नए ड्राफ्ट नियमों को लेकर हंगामा मचा हुआ है। बुधवार को छह राज्यों के मंत्रियों ने एक बैठक करके 15 सूत्रीय मांग रखी और इन नियमों को वापस लेने को कहा। आज इसी को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कझगम (DMK) की स्टूडेंट विंग ने दिल्ली में एक प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेता शामिल हुए। राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि ऐसा करके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा थोपने की कोशिश की जा रही है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आरोप लगाए कि नई शिक्षा नीति (NEP) के जरिए विश्वविद्यालयों को उद्योगपतियों को देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा कि NEP को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन से पहले बुधवार को हुई मीटिंग में कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश और झारखंड सरकार की ओर से प्रतिनिधि शामिल हुए। इन राज्यों के शिक्षामंत्रियों ने आपसी सहमति बनाई है कि कानूनी लड़ाई लडकर UGC पर दबाव बनाया जाएगा कि वह ड्राफ्ट नियमों को वापस ले क्योंकि ये नियम देश के संघीय ढांचे के खिलाफ हैं। ये राज्य चाहते हैं कि वाइस चांसलर समेत अन्य नियुक्तियों में राज्यपाल का दखल न बढ़े। इन राज्यों ने अब साफ कहा है कि अगर UGC उनकी बात नहीं मानता है तो इस मामले को कोर्ट तक ले जाया जाएगा। फिलहाल, ड्राफ्ट रेगुलेशन को जनता की राय के लिए खोला गया है और अभी ये नियम अंतिम नहीं हैं यानी इनमें बदलाव किए जा सकते हैं।
क्या है विवाद?
मुख्य विवाद विश्वविद्यालयों के वाइस-चांसलर की नियुक्ति का है। विरोध कर रहे राज्यों का कहना है कि UGC ने इस प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने की कोशिश है जिसमें राज्यों की कोई भूमिका ही हीं रह जाएगी। इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी वाइस-चांलसर नियुक्त करने के नए नियम का भी विरोध किया जा रहा है। इन दोनों के अलावा अकैडमिक परफॉर्में इंडिकेटर (API) को हटाने के फैसले का भी विरोध किया जा रहा है और नए इवैल्युएशन सिस्टम की आलोचना की जा रही है। साथ ही, असिस्टेंट प्रोफेसर्स की योग्यता और खास विषय में उनकी विशेषज्ञता के बावजूद उनकी नियुक्ति किए जाने संबंधी नियमों के खिलाफ भी विपक्षी नेता प्रदर्शन कर रहे हैं।
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इन राज्यों के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि गेस्ट फैकल्टी, प्रोफेसर या विजिटिंग फैकल्टी के रूप में नियुक्त किए जाने वाले अन्य लोगों कॉन्ट्रैक्चुअल नियुक्ति संबंधी नियमों को और स्पष्ट किया जाए। साथ ही, शिक्षा के क्षेत्र में इंडस्ट्री को शामिल किए जाने को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
RSS पर भड़के राहुल गांधी
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए राहुल गांधी ने दावा किया, 'RSS का उद्देश्य अन्य सभी इतिहास, संस्कृतियों और परंपराओं को मिटाना है। यही तो वे हासिल करना चाहते हैं। उनका इरादा देश पर एक ही विचार, इतिहास और भाषा थोपने का है।' उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस अलग-अलग राज्यों की शिक्षा प्रणालियों के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास कर रहा है और यह उनके एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक और कदम है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा, 'हर राज्य की अपनी अनूठी परंपरा, इतिहास और भाषा होती है, यही कारण है कि संविधान में भारत को राज्यों का संघ कहा जाता है। हमें इन मतभेदों का सम्मान करना चाहिए और समझना चाहिए।'
#WATCH | Delhi | While addressing the protest by the DMK students wing against the University Grants Commission (UGC) draft rules, Lok Sabha LoP & Congress MP Rahul Gandhi says, "I have been saying now for some time that the aim of the RSS is the eradication of all other… pic.twitter.com/BuMKrGbJLU
— ANI (@ANI) February 6, 2025
राहुल गांधी ने कहा, 'यह तमिल लोगों और अन्य राज्यों का अपमान है जहां RSS अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहा है। यह आरएसएस द्वारा उन सभी चीजों को कमजोर करने का एक प्रयास है। कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन में बहुत स्पष्ट है कि हर एक राज्य, हर इतिहास, हर भाषा और हर परंपरा का सम्मान किया जाना चाहिए। उनके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए, अलग-अलग नहीं। हमने अपने घोषणापत्र में पहले ही कहा था कि शिक्षा को राज्य सूची में वापस लाया जाएगा। मैं मंच पर मौजूद अपने सभी दोस्तों से कहना चाहता हूं कि आप जो कह रहे हैं हम उसका पूरा समर्थन करते हैं। हम इस देश के प्रति आरएसएस के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं करते हैं, न ही उनके इस विचार को स्वीकार करते हैं कि इस देश पर एक दिवालिया विचारधारा थोपी जानी चाहिए।’
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RSS को आड़े हाथ लेते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'चाहे वे अपनी कल्पनाओं को साकार करने की कितनी भी कोशिश कर लें, यह देश उनकी विचारधारा को कभी स्वीकार नहीं करेगा। आरएसएस को यह समझने की जरूरत है कि वे संविधान, हमारे राज्यों, हमारी संस्कृतियों, परंपराओं और हमारे इतिहास पर हमला नहीं कर सकते।'
क्या बोले मनोज झा?
प्रोफेसर और RJD के सांसद मनोज झा ने इसके बारे में कहा, 'मैंने एक अंग्रेजी दैनिक में लेख भी लिखा। यह छात्र विरोधी है, विश्वविद्यालय विरोधी है, स्वायत्तता विरोधी है और संघवाद का विरोधी है। आखिर UGC में कैसे लोग बैठे हैं, उनका वैश्विक दर्शन क्या है, यह चिंता का विषय है। विश्वविद्यालय का मतलब होता है कि आप नैरो सेक्टेरियन अप्रोच से ऊपर ले जाएं। ये तो और आप गर्त में ले जा रहे हैं। यही वजह है कि तमाम सांसद लोग यहां आकर अपना प्रतिरोध जता रहे हैं।'
#WATCH | Delhi | Over new UGC regulations on appointment of Vice Chancellors and hiring of contract teachers, RJD MP Manoj Jha says, "This is against students, university, autonomy and federalism. What kind of people are sitting in the UGC? What their philosophy is, is a matter… pic.twitter.com/g5c1fw57vj
— ANI (@ANI) February 6, 2025
NEP पर बोले अखिलेश यादव
इस विरोध प्रदर्शन में पहुंचे सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'समाजवादी पार्टी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि अगर कारोबारियों का समर्थन करते रहेंगे तो एक दिन आप उनके गुलाम बन जाएंगे। यह नई एजुकेशन पॉलिसी विश्वविद्यालयों को कारोबारियों को देने की साजिश है। ये लोग राज्य सरकार की सारी शक्तियां लेना चाहते हैं। ये लोग नेताओं और राजनीति को उद्योगपतियों का गुलाम बनाना चाहते हैं। हम नई एजुकेशन पॉलिसी का समर्थन कभी नहीं करेंगे।'
#WATCH | Delhi | While addressing the protest by the DMK students wing against the University Grants Commission (UGC) draft rules, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, "...Samajwadi Party supports this protest against the New Education Policy that the central govt is… pic.twitter.com/78frfBgVRG
— ANI (@ANI) February 6, 2025
कर्नाटक के उच्च शिक्षामंत्री एम सी सुधाकर द्वारा बुधवार को इसी विषय को लेकर विपक्ष शासित राज्यों के उच्च शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। उसमें कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, और झारखंड के छह मंत्रियों ने UGC की ड्राफ्ट नियमावली, 2025 के खिलाफ 15 सूत्रीय प्रस्ताव अपनाया है। कहा जा रहा है कि इसी तरह से 20 फरवरी को एक और मीटिंग होगी जिसमें कुछ और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं।
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