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पाकिस्तानी दूतावास का वह अधिकारी, जिसके जाल में फंसीं यूट्यूबर ज्योति

ज्योति को पाकिस्तान की जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक वीडियो में ज्योति के साथ पाक अधिकारी दानिश नजर आ रहा है। कौन है यह जिसके जाल में फंसी ज्योति।

jyoti malhotra youtuber

ज्योति मल्होत्रा, Photo Credit: Instagram/ travelwithjo

ज्योति मल्होत्रा एक इंडियन यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर हैं, जो अपने यूट्यूब चैनल 'Travel With Jo' के लिए जानी जाती हैं। वह हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और उसके चैनल पर 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। हिसार पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में ज्योति को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक पाकिस्तानी अधिकारी, अहसान उर रहीम का नाम सामने आया है। इसकी वजह से ज्योति मुश्किल में फंस गई। बता दें कि अहसान उर रहीम उर्फ दानिश को 13 मई 2025 को भारत सरकार ने जासूसी के आरोप में 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया था।

 

इस बीच ज्योति का पिछले साल का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीश में आयोजित इफ्तार पार्टी में दिखाई दे रही हैं। यह वीडियो 28 मार्च, 2024 को दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में पाकिस्तान नेशनल डे के मौके पर आयोजित इफ्तार पार्टी का है।

 

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वीडियो में क्या है?

वीडियो में ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी अधिकारी अहसान उर रहीम उर्फ दानिश से बातचीत करती नजर आ रही हैं। वह दानिश की पत्नी से भी से बात कर रही हैं। ज्योति वीडियो में पाकिस्तान हाई कमीशन की सजावट की तारीफ करती हैं और पाकिस्तान जाने की इच्छा जताती हैं।

 

वह कहती हैं, 'उम्मीद है कि मुझे वीजा मिल जाएगा।' जांचकर्ताओं का मानना है कि यह वीडियो ज्योति और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच गहरे संबंधों का सबूत है। वीडियो से पता चलता है कि ज्योति न केवल दानिश के संपर्क में थीं, बल्कि वह पाकिस्तान हाई कमीशन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित थीं। ज्योति पर आरोप है कि वह अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने के लिए कर रही थीं। 

 

अब पूरा मामला समझें

ज्योति 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेने दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थीं। वहां उनकी मुलाकात अहसान उर रहीम से हुई, जो वहां का कर्मचारी था। दोनों ने एक-दूसरे के फोन नंबर लिए और बातचीत शुरू हुई। ज्योति ने पुलिस को बताया कि इसके बाद वह दो बार पाकिस्तान गई। ज्योति ने पाकिस्तान की पहली यात्रा 2023 में की। वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान गई थी।

 

इस दौरान वह अहसान के संपर्क में रहीं। अहसान की सलाह पर ज्योति दोबारा पाकिस्तान गई। वहां अहसान ने उन्हें अपने एक जानकार, अली अहवान से मिलवाया। अली ने ज्योति की पाकिस्तान में रहने और घूमने की व्यवस्था की। इसके अलावा, अली ने ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों से मिलवाया, जिनमें शकीर और राणा शहबाज नाम के लोग शामिल थे। 

 

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जासूसी का आरोप

पुलिस के मुताबिक, ज्योति ने पाकिस्तान में इन लोगों से मिलने के बाद भारत की संवेदनशील जानकारी उनके साथ साझा की। यह जानकारी उन्होंने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे ऐप्स के जरिए भेजी। इसके अलावा ज्योति ने अपने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की पॉजिटिव तस्वीर पेश करने के लिए कई वीडियो भी बनाए और पोस्ट किए। जांच में यह भी पता चला की ज्योति का एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के साथ नजदीकी रिश्ता था और वह उसके साथ बाली (इंडोनेशिया) भी गई थीं।

 

अहसान उर रहीम कौन?

अहसान उर रहीम उर्फ दानिश पाकिस्तान हाई कमीशन में काम करने वाला अधिकारी है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को शक हुआ कि वह जासूसी में शामिल है। इसलिए, 13 मई 2025 को भारत सरकार ने उसे 'पर्सोना नॉन ग्राटा' (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया। अहसान ने ही ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स से मिलवाया और उन्हें भारत की जानकारी देने के लिए उकसाया।

 

ज्योति की गिरफ्तारी

भारतीय खुफिया एजेंसियों को ज्योति की गतिविधियों पर शक हुआ। उन्होंने ज्योति की सोशल मीडिया गतिविधियों, विदेश यात्राओं और संदिग्ध संपर्कों की जांच शुरू की। जब पर्याप्त सबूत मिले, तो हिसार पुलिस ने 16 मई को ज्योति को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 (धारा 3, 4, 5): गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप और भारतीय न्याय संहिता (BNS) धारा 152: देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप लगा है। ज्योति को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके मोबाइल और लैपटॉप से संदिग्ध चीजें मिलीं।

 

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अन्य लोग भी शामिल

ज्योति के अलावा, हरियाणा और पंजाब में 5 और लोगों को इस जासूसी नेटवर्क के हिस्से के रूप में गिरफ्तार किया गया। इनमें से कुछ लोग पैसे के लेन-देन में शामिल थे, तो कुछ जानकारी देने में। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।

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