विधानसभा चुनाव 2024 से कुछ महीने पहले महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' की शुरुआत की थी। अब छह महीने बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने इस योजना में कुछ गलतियों को स्वीकार किया। उनका कहना है कि सभी महिलाओं को आर्थिक मदद देकर गलती हुई है। उन्होंने योजना की जांच कराने की बात कही है, ताकि असल जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके। डिप्टी सीएम का मानना है कि योजना को जल्दबाजी में लागू करने के चक्कर में यह चूक हुई है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार के पास वित्त मंत्रालय के भी जिम्मेदारी है। अपने विधानसभा क्षेत्र बारामती में अजीत पवार ने कहा, 'हमने सभी महिला आवेदकों को वित्तीय लाभ देकर गलती की। हमारे पास आवेदनों की जांच करने और अयोग्य लोगों की पहचान करने का पर्याप्त समय नहीं था। दो से तीन महीने में चुनाव का एलान होना था। जल्दबाजी में योजना को लागू किया गया।'
यह भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन सीजफायर पर नहीं हुए सहमति, युद्धबंदियों की होगी अदला-बदली
खाते से वापस नहीं ली जाएगी धनराशि
अजीत पवार ने आगे कहा, 'जब इस योजना को लागू किया जा रहा था, तो सरकार ने अपील की थी कि केवल पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच की जा रही है। केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मासिक आर्थिक सहायता मिलेगी।' हालांकि डिप्टी सीएम ने यह भी साफ कर दिया कि महिलाओं के बैंक खातों में जमा की गई धनराशि वापस नहीं ली जाएगी।
संजय राउत ने मांगा इस्तीफा
अजीत पवार के बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासत भी तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने अजीत पवार से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि पवार के वित्त विभाग ने वोटों की खातिर सरकारी धन की लूट को बढ़ावा दिया है।
पिछले साल अगस्त में शुरू हुई थी स्कीम
महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने 17 अगस्त 2024 को 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' लागू की थी। योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 15 सौ रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। मगर शर्त यह है कि वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक न हो। योजना में आवेदन करने वाली महिलाओं को सितंबर महीने में पहली किस्त मिली थी। इसमें जुलाई और अगस्त महीने का पैसा भेजा गया था।
यह भी पढ़ें: 'देशभक्त होना कभी मुश्किल नहीं होता', खुर्शीद को अल्वी का जवाब
महायुति की जीत में निभाई थी अहम भूमिका
लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को महाराष्ट्र में करारी हार का सामना करना पड़ा था। मगर कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को प्रंचड बहुमत मिला। इसके पीछे 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' को अहम माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस योजना ने महायुति के पक्ष में निर्णायक वोट सुनिश्चित किया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक 2289 सरकारी कर्मचारियों ने भी इस योजना का लाभ उठाया है।