आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली में उनके शासनकाल के दौरान किए गए कामों के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। मोहाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘हमारी सरकार को दिल्ली में काम करने से रोका गया, फिर भी हमने बहुत कुछ किया। मुझे लगता है कि मेरे शासन और प्रशासन के लिए मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।’
केजरीवाल ने केंद्र की बीजेपी सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर उनकी सरकार के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नगर निगम का इस्तेमाल करके आम आदमी पार्टी की योजनाओं को नष्ट किया। केजरीवाल ने कहा, ‘आपको जानकर हैरानी होगी कि हमने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाए, लेकिन बीजेपी ने अपने नगर निगम के जरिए बुलडोजर भेजकर पांच मोहल्ला क्लीनिक तोड़ दिए।’
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‘दिल्ली की हालत खराब है’
केजरीवाल ने दावा किया कि पिछले चार महीनों में, जब से आम आदमी पार्टी की प्रशासनिक शक्तियां कम हुईं और बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता संभाली, तब से दिल्ली की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा, ‘आज दिल्ली के लोग आप की अहमियत समझ रहे हैं। बीजेपी ने दिल्ली का बुरा हाल कर दिया। मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं, मुफ्त दवाइयां और टेस्ट की सुविधा रुक गई है, और चारों तरफ गंदगी फैल गई है।’
गिनवाईं अपनी योजनाएं
केजरीवाल ने आप की प्रमुख योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देने का फैसला किया। साथ ही, शिक्षा और स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा महत्व दिया।’
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उन्होंने 2013 की बिजली संकट की घटना को याद करते हुए कहा, ‘मैंने खुद 15 दिन तक बिजली संकट के खिलाफ भूख हड़ताल की थी। लोग हजारों रुपये के बिजली बिल पा रहे थे, लेकिन बिजली मिलती नहीं थी। मैं खुद खंभे पर चढ़कर तार जोड़ता था।’ केजरीवाल के इन बयानों पर उनके राजनीतिक विरोधियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केजरीवाल पर ‘झूठे दावे’ करने का आरोप लगाया है।