NDA में BJP पर बढ़ रहा दबाव! पारस के बाद मांझी ने दिया झटका
राजनीति
• NEW DELHI 22 Jan 2025, (अपडेटेड 22 Jan 2025, 7:12 PM IST)
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एनडीए के सहयोगी हैं, लेकिन दोनों नेताओं से विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सामने खुलकर नाराजगी जाहिर कर दी है।

Photo credit- (BJP/X)
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए। यह मजबूत गठबंधन देश की केंद्रीय सत्ता से लेकर भारत के ज्यादातर राज्यों में सरकार चला रहा है। एनडीए की मुख्य कर्ताधर्ता भारतीय जनता पार्टी है के अलावा इसमें दर्जनों क्षेत्रिय पार्टियां शामिल हैं। इस गठबंधन को मजबूत बनाए रखने में बड़े से लेकर छोटे दलों की समान अहमियत है।
वर्तमान में दिल्ली विधानसभा चुनाव चल रहा है। बीजेपी आम आदमी पार्टी को हराने के लिए आक्रामक चुनावी कैंपेन चला रही है। दिल्ली में बीजेपी को मजबूती देने के लिए एनडीए में शामिल शिवसेना ने अपना समर्थन दिया है। इस बीच एक महीने के अंदर एनडीए की दो दलों ने बीजेपी को झटका दिया है। इस झटके में खास बात ये है कि बीजेपी को ये दोनों सियासी झटके बिहार की पार्टियों से लगे हैं।
साल के आखिरी में बिहार में चुनाव
इस साल के आखिरी में राजनीतिक लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली के चुनाव संपन्न होने के बाद सभी पार्टियों का रुख बिहार की तरफ मुड़ जाएगा। मगर, इससे पहले मंगलवार को हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कैबिनेट पद से इस्तीफा देने की धमकी दे दी है। इस धमकी ने बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए में उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। मांझी ने मुंगेर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा में सीट बंटवारे पर बातचीत में दरकिनार करने का आरोप लगाया।
'हमें बिहार में अपनी योग्यता साबित करनी होगी'
बिहार के पूर्व सीएम मांझी ने कहा, 'झारखंड और दिल्ली में हमें कुछ नहीं मिला। यह कहा जा सकता है कि मैंने कोई मांग नहीं की। लेकिन क्या यह न्याय है? मुझे नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि इन राज्यों में मेरी कोई हैसियत नहीं थी। इसलिए हमें बिहार में अपनी योग्यता साबित करनी होगी।'
लगता है कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा- मांझी
निराशा जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मुझे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा।' हालांकि, बाद में पूर्व सीएम ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 40 सीटें चाहते हैं।
मांझी के इस बयान के बाद एनडीए से नाराजगी बाहर आ गई है। इस बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीतन राम मांझी को फौरन अपनी तरफ 'महागठबंधन' में आने का ऑफर दे दिया।
मणिपुर में पहले जेडीयू ने दिया झटका, अब आई साथ
उधर, जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद ही बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने इसको लेकर गवर्नर को पत्र लिखा था। मगर, इसके कुछ घंटे बाद ही जेडीयू ने इस खबर को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर दिया।
जेडीयू ने इस बारे में अपना मत स्पष्ट करते हुए कहा कि वह मणिपुर में बीजेपी सरकार को समर्थन जारी रखेगी। पार्टी ने कहा कि न सिर्फ मणिपुर में बल्कि बिहार और केंद्र में भी पूरी मजबूती के साथ बीजेपी के पक्ष में खड़ी है।
बिहार में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं, जीतन राम मांझी के बाद जेडीयू का ये कदम एनडीए में बीजेपी के ऊपर प्रेशर पॉलिटिक्स बनाने के तौर पर देखा जा रहा है।
पशुपति पारस की लालू यादव संग मुलाकात
इसी बीच बिहार में एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख और मोदी सरकार में केंद्रीय रहे पशुपति कुमार पारस इन दिनों एनडीए में तरजीह नहीं मिलने से बीजेपी से खफा चल रहे हैं। वो भतीजे चिराग पासवान की वापसी के बाद से एनडीए में अलग-थलग पड़ गए हैं। वह मौके और मुद्दे की तलाश में हैं।
एनडीए में भाव नहीं मिलने से नाराज पशुपति पारस अपने लिए नया ठिकाना खोजते हुए पिछले दिनों राजद अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात की थी। हालांकि, पारस ने अभी तक एनडीए छोड़ने का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन एनडीए के खिलाफ मोर्चा जरूर खोल दिया।
मकर संक्रांति पर पशुपति पारस के आवास पर चूड़ा दही भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें लालू प्रसाद शामिल हुए थे। उसके एक दिन के बाद पारस लालू से उनके आवास पर जाकर मिले थे। दोनों नेताओं की अब तक तीन बार मुलाकात हो चुकी है।
आरजेडी का दोनों नेताओं को ऑफर
इस राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल कोई भी मौका हाथ से नहीं गंवाना चाहती है। तभी तो राजद ने फट से मांझी और पारस को अपने पाले में शामिल करने का न्यौता दे दिया।
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