हरियाणा में निकाय चुनाव की तैयारी जोर शोर से चल रही है। आने वाले 2 मार्च को हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए मतदान होने हैं। वही चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही है। हरियाणा निकाय चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बागी नेताओं पर बड़ा एक्शन लिया है। बीजेपी ने जिले भर से लगभग 58 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सभी की प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। जिला अध्यक्ष कमल यादव ने प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत के बाद आदेश जारी किए हैं। निकाय चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट न मिलने पर पूर्व मेयर,पूर्व डिप्टी मेयर, निवर्तमान पार्षद मैदान में हैं। पार्टी के ही प्रत्याशी के सामने यह लोग चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा में पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामले में गुड़गांव, मानेसर और पटौदी के नेता शामिल हैं। पार्टी ने इन नेताओं की प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी है। शिकायतें मिलने पर यह एक्शन लिया गया। निष्कासित नेताओं पर आरोप हैं कि यह लोग पार्टी के टिकट पर लड़ रहे प्रत्याशी को डरा धमका रहे थे और उनके खिलाफ चुनाव भी लड़ रहे थे। इसमें इनका साथ कुछ बड़े नेता भी दे रहे थे।
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कौन थे वे नेता?
बीजेपी की ओर से मामले में एक्शन लेते हुए 58 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इनमें से गुड़गांव से 44, मानेसर से 13 और पटौदी से एक नेता को निष्कासित किया गया है। इनकी प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। इनमें क्षेत्र के कुछ शीर्ष नेता भी शामिल हैं। जिनमें प्रमुख रूप से वॉर्ड एक से साहबराम लीलू सरपंच, पूर्व मेयर बिमल यादव और उनकी पत्नी रिंपल यादव, राकेश यादव, ठलखपत कटारिया, संजय प्रधान, अश्वनी शर्मा, राकेश यादव फाजिलपुर और उनकी पत्नी प्रवीण लता, पूर्व पार्षद रमा रानी राठी, योगेंद्र सारवान, पूर्व डिप्टी मेयर परमिंद्र कटारिया के अलावा मानेसर और पटौदी के कुछ नेता गढ़ शामिल हैं।
इन सब पर आरोप है कि यह पार्टी के नीतियों के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ रहे थे। साथ ही यह लोग अफवाह फैला रहे थे कि यह पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके चलते इन्हे पार्टी से बाहर तो किया ही गया साथ ही इनकी प्राथमिक सदस्यता को भी रद्द कर दिया गया है।
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क्या चुनाव जीतने के बाद दोबारा मिलेगी सदस्यता?
साल 2017 में हो रहे हरियाणा निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी के 13 पार्षद जीतकर आए थे। उसके बाद 14 बागियों की वापसी दोबारा पार्टी में करवा दी गई थी। बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल यादव ने बताया कि 'पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले और उनकी मदद करने वालों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है'। कहा जा रहा है कि चुनाव जीतने के बाद आसानी से उनकी घर वापसी हो ही जानी है।
लगातार शिकायतों के बाद पार्टी जिलाध्यक्ष कमल यादव ने कहा 'पार्टी से बागी होकर लड़ रहे प्रत्याशी खुद को पार्टी का प्रत्याशी बता रहे हैं। इसे लेकर शिकायतें आई हैं। लोग इनकी बातों में न आएं। सिंबल पर चुनाव लड़ने वाला ही पार्टी का प्रत्याशी है।'