कर्नाटक के भाजपा नेता और विधान परिषद सदस्य सीटी रवि को पुलिस ने गुरुवार शाम हिरासत में ले लिया है। उन पर महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर को सदन में बेहद आपत्तिजनक भाषा कहने का आरोप लगा है। पुलिस ने लक्ष्मी हेब्बालकर की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 75 और 79 के तहत यौन उत्पीड़न और अपमानजनक इशारों का इस्तेमाल करने के आरोप में सीटी रवि के खिलाफ FIR दर्ज किया है।
सीटी रवि को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह भाजपा सदस्यों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें विरोध स्थल से दूर ले जाकर पुलिस वैन में डाला गया। लक्ष्मी हेब्बलकर ने विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी को भी शिकायत सौंपी। भाजपा विधायकों और एमएलसी ने घटना से संबंधित भाजपा एमएलसी सीटी रवि पर हमले की निंदा करते हुए सुवर्ण विधान सौध के अंदर विरोध प्रदर्शन किया।
'कांग्रेस की 'गुंडागिरी'
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, 'यह कांग्रेस की 'गुंडागिरी' के अलावा और कुछ नहीं है। सीटी रवि पर सदन में हमला किया गया। विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने फैसला दिया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। इस आरोप का समर्थन करने वाला कोई रिकॉर्ड नहीं है। हमें नहीं पता कि राज्य में कानून और व्यवस्था की व्यवस्था है या नहीं। हम विरोध करेंगे।'
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीटी रवि के चिक्कमगलुरु स्थित आवास में घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों का रास्ता रोक दिया। तनाव इतना बढ़ गया है कि बेंगलुरु, बेलगावी और अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए।
भाजपा नेता की जान को खतरा?
भाजपा नेता रवि के वकील चेतन ने बताया कि उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद से मिलने नहीं दिया जा रहा है। वकील ने कहा कि किसी भी आरोपी को पुलिस हिरासत के दौरान या जब भी उससे पूछताछ की जाती है, अपने वकील से मिलने का अधिकार है। इसके बावजूद हमें 1.5 घंटे तक अंदर जाने नहीं दिया गया।
सीटी रवि से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि वह FIR दर्ज कराना चाहते हैं। रवि के मुताबिक उनकी जान को खतरा है। वकील ने आरोप लगाया कि लिखित शिकायत के बावजूद खानपुर पुलिस ने उनकी FIR दर्ज नहीं की।